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क्यों बढ़ रहा है, युवतियों में पीठ दर्द, जानें कारण और बचाव
Sadhana Path
|August 2025
महिलाओं में पीठ का दर्द एक आम समस्या हो गई है। खासकर, प्रसव के बाद उनमें पोषण तत्वों की कमी आ जाती है। ऐसे में उन्हें अपने सेहत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं कि पीठ दर्द से बचाव के लिए महिलाओं को क्या करना चाहिए।
कमर दर्द की समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। खासकर, 30 की उम्र के बाद यह समस्या महिलाओं में ज्यादा दिखाई पड़ती है। लेकिन पीठ का यह दर्द कुछ महिलाओं को जल्दी ठीक हो जाता है तो कइयों के लिए जी का जंजाल बन जाता है और उनकी दिनचर्या, कार्यक्षमता को प्रभावित करता है।
क्या है कारण
आमतौर पर पीठ दर्द की समस्या तब ज्यादा होती है जब महिला का वजन ज्यादा हो या उसे कोई स्त्री रोग हो, रक्तवाहिनी, स्नायु तंत्रिका, मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी या डिस्क संबंधी कोई विकार हो। कई महिलाओं में पीठ दर्द के सटीक कारणों का पता भी नहीं चल पाता। लेकिन मौटे तौर पर पीठ दर्द के कारणों को तीन भागों में बांट सकते हैं- स्त्री जन्य रोग से पीड़ित होना
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस): यह महिलाओं का हर महीने पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले प्रभावित करती है। पीएमएस की वजह से महिलाओं को शारीरिक-मानसिक कमजोरी आने लगती है, जिससे उसे कमर दर्द की शिकायत रहती है।
एंडोमिट्रोओसिसः किशोरावस्था से ही महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है। यूटरस की अंदर की परत बाहर आने के बजाय पीछे हो जाती है और माहवारी के बाहर आने का रास्ता ब्लॉक कर देती है। एक दीवार सी बन जाती है, जिससे ओवरी में ब्लड-फिल्ड एंडोमीट्रीमा सिस्ट बना देती है। ऐसी महिलाओं को पीरियड्स और इंटरकोर्स के दौरान पेट और पीठ में दर्द बहुत ज्यादा होता है।
डिस्मोनेरिया और बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना: 10-11 साल की उम्र में पीरियड्स शुरू होने वाली कई लड़कियों को पैल्विक एरिया और पीठ में तेज दर्द की शिकायत रहती है। कई बार ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होती है जो 5-7 दिन तक रहती है, जिससे उनमें खून की कमी होने लगती है और वो एनीमिया की शिकार भी हो सकती हैं।
स्पाइनल ऑस्टियोआर्थराइटिसः महिलाओं में कमर दर्द होने के प्रमुख कारणों में एक है। यह समस्या रीढ़ की हड्डी के फेसेट जॉइंट के क्षतिग्रस्त होने या हड्डियां कमजोर होने की वजह से होती है, जिसकी वजह से महिलाओं को कमर दर्द के अलावा जांघ और नितंबों में भी दर्द रहता है।
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Denne historien er fra August 2025-utgaven av Sadhana Path.
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