Gå ubegrenset med Magzter GOLD

Gå ubegrenset med Magzter GOLD

Få ubegrenset tilgang til over 9000 magasiner, aviser og premiumhistorier for bare

$149.99
 
$74.99/År

Prøve GULL - Gratis

आस्था की यात्रा कांवड़ यात्रा

Sadhana Path

|

July 2023

सावन में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्त्व है। भोलेनाथ को समर्पित इस पावन महीने में कावड़िए भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ यात्रा करते हैं। जानते हैं इसके महत्त्व को इस लेख से।

- अनुज श्रीवास्तव

आस्था की यात्रा कांवड़ यात्रा

धार्मिक मान्यताओं के लिए पूरे विश्व में अलग पहचान रखने वाले भारतवर्ष में कांवड़ यात्रा के दौरान भोले के भक्तों में अद्भुत आस्था, उत्साह और अगाध भक्ति के दर्शन होते हैं। कांवड़ियों के सैलाब में रंग-बिरंगे कांवड़ देखते ही बनते हैं।

कांवड़ का अर्थ

कांवड़ का मूल शब्द 'कावर' है जिसका सीधा अर्थ कंधे से है। शिव भक्त अपने कंधे पर पवित्र जल का कलश लेकर पैदल यात्रा करते हुए ईष्ट शिवलिंगों तक पहुंचते हैं। कांवड़ का एक और अर्थ परस्पर शिव के साथ विहार भी है।

कैसे हुई शुरुआत?

• ऐसा माना जाता है कि भगवान राम पहले कांवड़ियां थे। श्री राम ने बिहार के सुल्तानगंज से कांवड़ में गंगाजल लाकर झारखंड राज्य के देवघर स्थित बाबाधाम के शिवलिंग का जलाभिषेक किया था। 

• कुछ लोगों का मानना है कि पहली बार श्रवण कुमार ने त्रेता युग में कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी। अपने दृष्टिहीन माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराते समय जब वह हिमाचल के ऊना में थे तब उनसे उनके माता-पिता ने हरिद्वार में गंगा स्नान करने की इच्छा के बारे में बताया। उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए श्रवण कुमार ने उन्हें कांवड़ में बैठाया और हरिद्वार लाकर गंगा स्नान कराए। वहां से वह अपने साथ गंगाजल भी लाए। माना जाता है तभी से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई।

• पुराणों के अनुसार इस यात्रा की शुरुआत समुद्र मंथन के समय हुई थी। मंथन से निकले विष को पीने की वजह से शिवजी का कंठ नीला पड़ गया था और तब से वह नीलकंठ कहलाए। इसी के साथ विष का बुरा असर भी शिव पर पड़ा। विष के प्रभाव को दूर करने के लिए शिवभक्त रावण ने तप किया। इसके बाद दशानन कांवड़ में जल भरकर लाया और शिवजी का जलाभिषेक किया। इसके बाद शिवजी विष के प्रभाव से मुक्त हुए। कहते हैं तभी से कांवड़ यात्रा शुरू हुई।

FLERE HISTORIER FRA Sadhana Path

Sadhana Path

Sadhana Path

ध्यान एक प्रक्रिया है

अभय की खोज हमारे जीवन की महत्त्वपूर्ण खोज है। हम अभय बनें, डरना छोड़ें। जिस व्यक्ति ने अभय का पाठ नहीं पढ़ा, उसका विचार सही नहीं होगा। उसका विचार भय से प्रभावित विचार होगा।

time to read

2 mins

November 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

मंगल ग्रह और ज्योतिष

मगल सूर्य के बाद चौथा व सातवां बड़ा ग्रह माना जाता है इसकी सूर्य से लगभग दूरी 22 करोड़ 79 लाख किलोमीटर हैं। इस ग्रह का व्यास लगभग तकरीबन 6794 किलोमीटर है।

time to read

9 mins

November 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

आनंद में रहना वास्तविक स्वर्ग है

गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि स्वर्ग के साम्राज्य को पाने के लिए वास्तव में मनुष्य को केवल कर्मों के फलों को त्यागने की आवश्यकता है। ईश्वर ने मनुष्य को इस जीवन में भूख और इच्छाओं के साथ ऐसी परिस्थितियों में भेजा है कि उसे कर्म करना ही पड़ेगा। कार्य के बिना मानव सभ्यता रोग, अकाल और अव्यवस्था का जंगल बन जाएगी। यदि संसार के सभी लोग अपनी भौतिक सभ्यता त्याग कर जंगलों में रहें, तो जंगलों को शहरों में बदलना पड़ेगा, अन्यथा वहां के निवासी स्वच्छता की कमी के कारण मर जाएंगे। दूसरी ओर भौतिक सभ्यता अपूर्णताओं और दुःखों से भरी पड़ी है। तो किस सम्भव उपाय का समर्थन किया गया?

time to read

2 mins

November 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

मंदिरों में सिमटा रहस्य

हमारे आस-पास बहुत सी जगहें व मंदिर ऐसे हैं जो अपने अंदर बहुत से रहस्यों को समेटे हुए हैं, जिनको समझ पाना सामान्य मनुष्य या फिर विज्ञान के लिए सम्भव नहीं है। ऐसे ही कुछ मंदिर हैं जो आस्था के साथ-साथ आकर्षण का भी केंद्र हैं।

time to read

5 mins

November 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

ध्यान की एक विधि नक्षत्र मेडिटेशन

पंडित अजय भाम्बी जी ने ध्यान की एक ऐसी खोजी है जिसका व्यवहारिक प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति अपने भीतर की बंद ऊर्जा के स्रोत को जान सकता है। इसके द्वारा व्यक्ति आकाश से ऊर्जा लेकर न केवल अपनी समस्याओं का समाधान कर सकता है बल्कि मुक्ति भी प्राप्त कर सकता है।

time to read

4 mins

November 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

तुलसी विवाह

भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम और माता तुलसी के मिलन का पर्व 'तुलसी विवाह' यानी हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन तुलसी पूजा और तुलसी विवाह करने का बड़ा ही महत्त्व है।

time to read

4 mins

November 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

गुरु नानक एवं उनसे जुड़े ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब

गुरु नानक सिख धर्म के प्रथम गुरु थे। उनका कहना था कि ईश्वर एक है और हम सब उसकी संतान हैं। जानें इस लेख से उनसे जुड़े कुछ ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब, जहां दिखती है असीम भक्ति व श्रद्धा।

time to read

3 mins

November 2025

Sadhana Path

उह हंस अकेला जाई

गुरु नानक का जन्म 15 अप्रैल 1469 ई. में तलवंडी नामक स्थान में हुआ था। किंतु गुरु नानकदेव की जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन गुरुद्वारों में शब्द कीर्तन एवं गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। इस बार गुरू नानक का 550वां प्रकाशोत्सव विश्व भर में मनाया जा रहा है।

time to read

1 mins

November 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

भैरव जी की महिमा अपरम्पार है

भैरों बाबा शक्ति का असीमित भंडार हैं जो भक्तों की रक्षार्थ हमेशा तत्पर रहते हैं। इनके प्रसिद्ध मंदिर कौन से और कहां है तथा क्या है उनकी विशेषता आइए जानते हैं इस लेख से।

time to read

5 mins

November 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

सर्दियों में भी रखें वास्तु का ख्याल

सर्दी के इस मौसम में कुछ वास्तु उपाय करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं कौन से हैं वो उपाय आइए लेख के माध्यम से जानें?

time to read

4 mins

November 2025

Translate

Share

-
+

Change font size