Prøve GULL - Gratis
चारा भारत में प्रणालियों को मजबूत करना
Modern Kheti - Hindi
|1st June 2025
भारत को लगातार चारे की कमी का सामना करना पड़ रहा है - हरे चारे के लिए 35.6 प्रतिशत, सूखी फसलों के अवशेष के लिए 10.5 प्रतिशत एवं घने फीड के लिए 44 प्रतिशत अनुमानित। यह कमी पशुधन उत्पादकता को बुरी तरह से प्रभावित करती है, जिससे दूध एवं मास का उत्पादन घटता है और लाखों ग्रामीणों की रोजी-रोटी को खतरा होता है।
-
जान-पहचान
भारत का पशुधन क्षेत्र इसकी कृषिअर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डीबनता है, जो कि भोजन सुरक्षा, ग्रामीणरोजी-रोटी एवं जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान डालता है। यह क्षेत्र दुनिया के लगभग 20 प्रतिशत पशुधन आबादी एवं मानवीयआबादी के 17.5 प्रतिशत का समर्थन करता है, जो कि दुनिया के सिर्फ 2.3 प्रतिशत भूमि क्षेत्र के अंदर है। हालांकि, इसके पैमाने एवं महत्व के बावजूद, भारत को लगातार चारे की कमी का सामना करना पड़ रहा है - हरे चारे के लिए 35.6 प्रतिशत, सूखी फसलों के अवशेष के लिए 10.5 प्रतिशत एवं घने फीड के लिए 44 प्रतिशतअनुमानित। यह कमी पशुधन उत्पादकता को बुरीतरह से प्रभावित करती है, जिससेदूध एवं मास का उत्पादन घटता है और लाखोंग्रामीणों की रोजी-रोटी को खतराहोता है।
कई आपस में जुड़े कारक इस घाटे को बढ़ाते हैं: चारे की काश्त के लिए समर्पित सीमित भूमि, पौष्टिक तौर पर खराब फसल के अवशेष पर अधिक निर्भरता, सिकुड़ती चरागाह भूमि और जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते प्रभाव। डेयरी एवं मांस उत्पादों की बढ़ती मांग के युग में इन चुनौतियों को एक परिवर्तनशील पहुंच द्वारा समाधान करना आवश्यक है। यह लेख मौजूदा रुकावटों, टिकाऊ चारा प्रबंधन अभ्यासों एवं भारत में लम्बे समय की चारा सुरक्षा प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप की जांच करता है। नीतिगत सुधारों, प्रौद्योगिकी अपनाने और भाईचारा-आधारित प्राथमिकताओं के द्वारा, भारत अपने पशुधन क्षेत्र को मजबूत कर सकता है और ग्रामीण खुशहाली को सुरक्षित रख सकता है।
भारत में चारे की उपलब्धता में मुख्य रुकावटें
Denne historien er fra 1st June 2025-utgaven av Modern Kheti - Hindi.
Abonner på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av kuraterte premiumhistorier og over 9000 magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
FLERE HISTORIER FRA Modern Kheti - Hindi
Modern Kheti - Hindi
मक्का की बिजाई करने के लिए मेज़ प्लांटर
मक्का की बिजाई करने वाली मशीन, मेज़ प्लांटर को नेशनल एग्रो इंडस्ट्रीज़ की ओर से बनाया गया है।
1 min
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
घृतकुमारी का औषधीय योगदान एवं महत्व
कुमारी, गृह कन्या, घृतकुमारिका आदि, इसके पत्तों में छेद करने या दबाने पर लसलसा पदार्थ निकलता है।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
क्या जीनोम-संपादित धान की किस्में उचित हैं ?
देश के शीर्ष कृषि अनुसंधान संस्थान आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) और कृषि मंत्रालय पर जीनोम-संपादित (जीनोम-एडीटेड) धान के परीक्षणों में वैज्ञानिक हेरफेर और बेईमानी के आरोप लगे हैं।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
गन्ना की खेती देखभाल और पैदावार
गन्ना एक प्रमुख व्यवसायिक फसल है, विषम परिस्थितियां भी इसकी फसल को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर पाती।
10 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग से धरती पर पड़ रहा है प्रभाव
इसमें कोई शक नहीं कि इंसानी सभ्यता ने अपने विकास के लिए प्रकृति का बड़े पैमाने पर दोहन किया है।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
टिकाऊ कृषि विकास के लिए भूमि सुधार आवश्यक ...
कृषि के मुख्यतः तीन प्रमुख स्तम्भ हैं-मिट्टी, पानी और बीज परंतु गत कुछ दशकों में परंपरागत कृषि तकनीकों जैसे अत्याधिक जुताई, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग एवं जैविक खाद के कम उपयोग, इत्यादि के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत गिरावट आई है।
8 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
निराशा से समाधान तक कैसे भारत पराली जलाने की समस्या का कर सकता है अंत
पराली जलाने की समस्या का हल संभव है। समझदारी बरतते हुए अगले तीन वर्षों में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं अरुणाभ घोष और कुरिंजी केमांथ
5 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
अलसी की खेती से लाभ कमाएं
अलसी तेल वाली फसलों में दूसरी खास फसल है।
8 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
क्रांतिकारी मॉडल विकसित करने वाले सफल किसा सीताराम निगवाल
मध्यप्रदेश के धार जिले के किसान सीताराम निगवाल ने 30 वर्षों के अनुभव से खेती का एक क्रांतिकारी मॉडल, विकसित किया है।
2 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
भूमि क्षरण से बढ़ रहा कुपोषण
लगभग 1.7 अरब लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां मानवीय कारणों से भूमि के क्षरण के चलते फसलों की पैदावार घट रही है।
2 mins
15th November 2025
Listen
Translate
Change font size
