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सरकार के अव्यवहारिक फैसले से किसानों व पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव

Modern Kheti - Hindi

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October 15, 2023

पंजाब और हरियाणा में पर्यावरण हितैषी सीधी बिजाई धान को प्रोत्साहन देने के लिए सरकारी खरीद समय रहते करना चाहिए। किसानों का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा पहली अक्तूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू करने का फैसला अव्यावहारिक है। जो प्रदेश सरकार द्वारा प्रोत्साहन देने वाली भूजल बचत व पर्यावरण हितैषी सीधी बिजाई धान के हित में नहीं है।

- डॉ. वीरेन्द्र सिंह लाठर

सरकार के अव्यवहारिक फैसले से किसानों व पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव

पिछले कुछ वर्षों से, भूजल संरक्षण के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार कम अवधि वाली धान किस्मों (पीआर-126 आदि) के साथ सीधी बिजाई धान तकनीक को प्रोत्साहन देती रही है जिसे हरियाणा के किसानों ने इस वर्ष खरीफ-2023 सीजन में तीन लाख एकड़ से ज्यादा यानी लगभग आठ प्रतिशत धान क्षेत्र पर सफलतापूर्वक अपनाया है, जिसमें धान की बुआई 20 मई से 15 जून तक अनुशंसित की जाती है और जल्दी पकने वाली पीआर-126 आदि किस्में लगभग 115 दिन में पक कर 20 सितम्बर तक मंडियों में बिकने के लिए आ जाती है। लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा पहली अक्तूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू करने के अव्यावहारिक फैसले के कारण किसानों को मजबूरन समर्थन मूल्य से कम पर, अपनी फसल उपज बिचौलियों को बेचनी पड़ती है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होता है।

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