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Aaj Samaaj - May 11, 2025

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May 11, 2025

आमजन की जिम्मेदारी : अफवाहों को करें नाकाम, धैर्य और अनुशासन से लें काम

भारत से टूट कर ही नए देश बने पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध सदा से तनावपूर्ण रहे हैं। 1947-48, 1965, 1971 में दोनों देशों में युद्ध हुए। युद्धों में बुरी तरह से शिकस्त पाने के बावजूद पाकिस्तान ने इनसे सीख नहीं ली। इसके बाद 1999 में कारगिल संघर्ष हुआ। इसके बाद दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के ऑपरेशन पराक्रम, 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक भारतीय सेना की उल्लेखनीय सरगर्मियां रही हैं। युद्ध व तनाव के मूल कारणों में आतंकवाद, सीमा-विवाद व कश्मीर का मुद्दा अहम है। कश्मीर भारत अभिन्न हिस्सा है, लेकिन पाकिस्तान इसे अपना बताता है। इसके एक हिस्से पर उसने कब्जा भी कर रखा है।

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ऑपरेशन सिंदूर : बदले राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस की बढ़ेंगी मुश्किलें

पहलगाम हमले के बाद विपक्ष ने मोदी को उकसाने में कोई कमी नहीं रखी। विपक्षी नेताओं के ऐसे बयान आए जिसका दुश्मन देश ने बचाव के लिए इस्तेमाल भी किया। विपक्ष को लगता था कि मोदी सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगी। एक दो नेताओं ने तो पाकिस्तान की जुबान बोलते हुए सबूत मांगने के साथ सुरक्षा में चूक को मुद्दा भी बनाया। इसी विपक्ष ने पुलवामा हमले के भी सबूत मांगे थे। उस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। सबूत मांगने वालों में कांग्रेस और दूसरे तमाम दलों के कई नेता शामिल थे। विपक्ष ने सवाल उठाने की सारी सीमाएं लांग दी थी। कुछ ने तो पाकिस्तान के खिलाफ की गई एयर स्ट्राइक को आम चुनाव 2019 से तक जोड़ दिया था।

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