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Dainik Bhaskar Damoh - May 31, 2025

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Dainik Bhaskar Damoh

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May 31, 2025

265 साल बाद अपने पुराने स्वरूप में आ रही दीवानजी की तलैया

1760 के आसपास दीवानजी की तलैया का निर्माण कराया गया था। यह ऐतिहासिक महत्व का प्रमुख जलस्रोत है। जो चारों ओर अतिक्रमण से घिर चुका है। इसकी पार पर बने घरों की पूरी गंदगी इसमें छोड़ी जा रही है यह तलैया कई सालों से उपेक्षित पड़ी थी। पूर्व के अधिकारी इस तलैया की दुर्दशा देखकर मुंह मोड़ लेते थे। इस बार कलेक्टर सुधीर कोचर ने संकल्प लिया और गहरीकरण कार्य शुरू कराया तो तलैया अपने पुराने अस्तित्व में 265 साल बाद आती हुई दिखाई दे रही है, जिसके लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। दरअसल दीवानजी की ये तलैया बाजीराव पेशवा के बुंदेलखंड प्रवास के दौरान सन 1760 के आसपास बनी थी। उस समय बांदकपुर के जागेश्वरनाथ महादेव की प्रतिमा दमोह लाने के लिए तब के दीवान बालाजी चांदोरकर ने बनवाया था। लेकिन जागेश्वर नाथ बांदकपुर से नहीं हटे तो यहां बने मंदिर में भगवान शिव और राम दरबार बना दिया गया। तब ये तालाब शिव के अभिषेक लिए बनाई गई थी। ऊंचाई पर बनी इस तलैया के कारण करीब 2 किमी तक कुओं और बोरिंग में पानी बना रहता है। जिसका फायदा 50 हजार की आबादी को होता था। लेकिन बीते सालों से इसके चारों अतिक्रमण होने लगे थे। साथ ही घरों का गंदा पानी व शौचालय के पाइप बगैर टैंक खोदे तलैया में छोड़ दिए गए थे। जिससे बारिश के दिनों में इस तलैया से बदबू उठती है, जो पूरे शहर को गंदा करती है।

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