![भारतीय संस्कृति का विश्व वितान](https://cdn.magzter.com/1622547313/1672030340/articles/ia7YuzFpj1672287896055/1672288202290.jpg)
इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देखरेख और प्रेरणा से देश-विदेश में स्थित प्रचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। यह क्यों किया जा रहा है, इसका उत्तर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले दिनों काशी में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि हम विश्व में फैली अपनी सभ्यता को संरक्षित और भव्य रूप देना चाहते हैं।
विदेश स्थित मंदिरों का जीर्णोद्धार
इस समय भारत सरकार कंबोडिया स्थित अंकोरवाट मंदिर का जीर्णोद्धार करा रही है। बता दें कि यह दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। यह मंदिर कंबोडिया के तीर्थस्थान के साथ-साथ पर्यटन स्थल भी है। यहां प्रतिवर्ष लगभग दो करोड़ लोग पहुंचते हैं। इसका निर्माण सूर्यवर्मन द्वितीय के शासनकाल (1112-53) में हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। भारत सरकार के प्रयासों से श्रीलंका स्थित तिरूकेतीश्वरम मंदिर का भी जीर्णोद्धार हुआ है। अब यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है, जो 12 वर्ष से बंद था। ऐसे ही 2014 में जब प्रधानमंत्री नेपाल गए तो उन्होंने काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में न केवल पूजा-पाठ किया, बल्कि उसके जीर्णोद्धार के लिए 25 करोड़ रु. देने की घोषणा की। इसके बाद भारतीय पुरातत्व विभाग और नेपाल के पुरातत्व विभाग ने संयुक्त रूप से मंदिर का जीर्णोद्धार किया। अब प्रधानमंत्री ने नेपाल को रामायण सर्किट बनाने के लिए 200 करोड़ रु. देने की बात कही है। मुस्लिम देश बहरीन के मनामा स्थित 200 वर्ष पुराने श्रीनाथजी (श्रीकृष्ण) मंदिर का भी भारत जीर्णोद्धार करा रहा है। इसके लिए 25 अगस्त, 2019 को नरेंद्र मोदी ने 42 लाख डॉलर की परियोजना का शुभारंभ किया था।
मुस्लिम देश में हिंदू मंदिर
यह बदलते हुए भारत का ही द्योतक है कि मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एक भव्य और दिव्य मंदिर का शुभारंभ 4 अक्तूबर, 2022 को हुआ। विजयादशमी से ठीक एक दिन पहले इस मंदिर का उद्घाटन यूएई के सहिष्णुता और सहअस्तित्व मंत्री शेख नाहन बिन मुबारक अल नाहयान ने किया। 5 अक्तूबर से यह मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया है। अब प्रतिदिन इस मंदिर के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
この記事は Panchjanya の January 01, 2023 版に掲載されています。
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![शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/SIWr3MUpD1678350404814/1678350536289.jpg)
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रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
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वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
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कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
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फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
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होली का रंग तो बनारस में जमता था
होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश
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आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
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नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
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सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा
![जीवनशैली ठीक तो सब ठीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/Pb70x5v5I1678348590382/1678348848075.jpg)
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया
![नाकाम किए मिशनरी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/pXR7Tz7zM1678348291074/1678348583361.jpg)
नाकाम किए मिशनरी
भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई