![परंपरा, ऊर्जा और मिठास](https://cdn.magzter.com/1622547313/1666158400/articles/cmFxDUgtz1667302032619/1667302886039.jpg)
दिलकुशार एक पारंपरिक राजस्थानी पकवान है। अक्सर यह लाजवाब पकवान दीपावली के अवसर पर घरों में बनाया जाता है। ज्यादातर राजस्थानी घरों में रात के खाने के बाद इस स्वादिष्ट पकवान का एक टुकड़ा जरूर खाया जाता है। इस पकवान का आप 2-3 महीने तक भंडारण कर सकते हैं। यह आपको दिन भर के लिए ऊर्जा प्रदान करते हुए आपकी मिठास की लालसा को तृप्त करेगा।
प्रस्तुति : जाह्नवी पारीक
सामग्री
1 कप बेसन, 250 ग्राम चीनी, 1/2 कप घी, 100 ग्राम खोया, 1 छोटा चम्मच हरी इलायची, 2 बड़े चम्मच दूध, 1 बड़ा चम्मच बादाम, 1 बड़ा चम्मच काजू
बनाने की विधि
बेसन को घी में भून लें। जब यह ब्रेड क्रम्ब्स की तरह बन जाए तो यह भुन गया है। अब, हमें बेसन से एक चिकना पेस्ट बनाने की जरूरत है, इसलिए और घी डालें और चिकना होने तक हिलाएं। इसमें कद्दूकस किया खोया और इलायची डालकर एक तरफ रख दें।
अब पानी उबालें और उसमें चीनी मिलाएं। कुछ मिनटों के बाद, 2 चम्मच दूध डालें और सतह पर आने वाली अशुद्धियों को हटा दें। चाशनी को तब तक उबालें जब तक चाशनी 1 तार की स्थिरता तक न पहुंच जाए, अब इसे ठंडा न होने दें।
गर्म चाशनी को बेसन के मिश्रण में डालें और अच्छी तरह मिलाएं। एक थाली को ग्रीस करके इस मिश्रण को थाली पर फैला दें। जब मिश्रण थोड़ा ठंडा हो जाए तो मनचाहे आकार में काट लें। दिलकुशार परोसने के लिए तैयार है!
सावन का मीठा पकवान
घेवर एक राजस्थानी पकवान है जो सावन के महीने, तीज और रक्षाबंधन में बनता है। ये छप्पन भोग के अन्तर्गत प्रसिद्ध व्यंजन है। यह मैदे से बना, मधुमक्खी के छत्ते जैसा, कुरकुरा और मीठा पकवान है।
प्रस्तुति : अर्चना शर्मा
सामग्री
3 कप आटा, 1 (ठोस ) ग्राम घी, 3-4 बर्फ के टुकड़े, 4 कप पानी, 1/2 कप दूध, 1/4 टी चम्मच पीला खाद्य रंग, घी सिरप : 1 कप चीनी, 1 कप पानी टॉपिंग : 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर, 1 चम्मच बादाम और पिस्ता (कटे हुए), एक बड़े चम्मच दूध में आधा छोटा चम्मच केसर (केसर फॉइल पेपर में रगड़ा हुआ) दूध और केसर
बनाने की विधि
この記事は Panchjanya の October 23, 2022 版に掲載されています。
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![शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/SIWr3MUpD1678350404814/1678350536289.jpg)
शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
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शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
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कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
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फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
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होली का रंग तो बनारस में जमता था
होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश
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आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
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नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
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सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा
![जीवनशैली ठीक तो सब ठीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/Pb70x5v5I1678348590382/1678348848075.jpg)
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया
![नाकाम किए मिशनरी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/25116/1240732/pXR7Tz7zM1678348291074/1678348583361.jpg)
नाकाम किए मिशनरी
भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई