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बेलगाम होने लगे पशु तस्कर

India Today Hindi

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October 08, 2025

गोरखपुर के महुआचाफी गांव में नीट की तैयारी कर रहे एक छात्र की हत्या ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया. संगठित पशु तस्कर गिरोह के दुस्साहस और पुलिस की नाकामी ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए

- आशीष मिश्र

बेलगाम होने लगे पशु तस्कर

गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र के महुआचाफी गांव में 15 सितंबर की रात हुई वारदात ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिला दिया है. यह सिर्फ एक हत्या की घटना नहीं थी बल्कि उसने पूरे तंत्र की कमजोरियों और पशु तस्करी के संगठित नेटवर्क की परतें खोलकर रख दीं. इस गांव के रहने वाले दुर्गेश गुप्ता का 16 वर्षीय बेटा दीपक पशु तस्करों के दुस्साहस का शिकार हो गया. 15 सितंबर की देर रात दुकान की ऊपरी मंजिल पर चल रही ट्रैवल एजेंसी में सो रहे भानजे मोनू ने दुर्गेश को फोन कर बताया कि बोलेरो और पिकअप में सवार 10-12 संदिग्ध लोग गांव में घूम रहे हैं और पशु लादने की कोशिश कर रहे हैं. दुर्गेश फौरन बेटे दीपक और भाई वीरेंद्र के साथ बाइक से वहां पहुंचे. दीपक ने शोर मचाते हुए तस्करों का पीछा किया तो वे पथराव करने लगे. पथराव में दुर्गेश और वीरेंद्र घायल हो गए. तभी तस्करों ने दीपक को पकड़ कर बोलेरो में डाल लिया. रास्ते में उसे लोहे की रॉड और डंडों से पीटा गया और हत्या के बाद गुलरिहा क्षेत्र में सड़क पर फेंककर तस्कर फरार हो गए.

गांव में इस बीच दूसरी पिकअप को ग्रामीणों ने घेर लिया. गाड़ी फंस जाने पर तस्कर भागने लगे. ग्रामीणों ने बिहार के गोपालगंज निवासी तस्कर अजहर हुसैन को पकड़ लिया और मंदिर में बंधक बना लिया. गुस्साई भीड़ ने पिकअप को फूंक दिया. जब पुलिस मौके पर पहुंची और तस्कर को कब्जे में लेने की कोशिश की तो गांव वाले दीपक को खोजने की मांग पर अड़े रहे. विवाद इतना बढ़ा कि आसपास के थानों की फोर्स बुलानी पड़ी. रात करीब ढाई बजे यह जानकारी मिली कि तस्करों ने दीपक की हत्या कर दी है और शव को सरैया गांव में फेंक दिया था. गुलरिहा पुलिस ने शव को बीआरडी मेडिकल कॉलेज की मोर्च्युरी में रखवाया. अगले दिन पहचान होने के बाद गांव में कोहराम मच गया. दीपक की मां सीमा देवी दहाड़ मारकर बार-बार यही कहती रहीं, "मेरे बेटे ने क्या बिगाड़ा था ? उसे क्यों मार डाला ? हत्यारों को फांसी दो." पिता दुर्गेश गुप्ता ने आंसुओं के बीच कहा, "दीपक पढ़ाई में इतना अच्छा था. हमें तो डॉक्टर बनता नजर आ रहा था. लेकिन इन दरिंदों ने उसकी जिंदगी खत्म कर दी. पुलिस पहले से सक्रिय रहती तो ये हालात नहीं बनते."

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