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अमेरिका के पतन के संकेत

DASTAKTIMES

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November - 2025

चीन के आगे आखिर ट्रंप को झुकना पड़ा। अमेरिका महज एक व्यापार युद्ध नहीं हारा, बल्कि काफी हद तक अपनी वैश्विक साख और प्रभाव को भी खोया है। दुनिया इसे अमेरिका के पतन के संकेत के रूप में देख सकती है।

- निकोलस क्रिस्टॉफ

अमेरिका के पतन के संकेत

महान सैन्य रणनीतिकार सुन त्जू ने अपनी पुस्तक 'द आर्ट ऑफ वॉर' में लिखा था कि असली कौशल तो बिना लड़े ही दुश्मन को परास्त करने में है। ट्रंप भले ही चीन के साथ हुई बैठक के नतीजों को अपनी जीत की तरह दिखा रहे हैं, लेकिन गहरा विश्लेषण कुछ और ही इशारा कर रहा है। भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी बैठक को 'एक बड़ी सफलता' बताया है, लेकिन हकीकत यह है कि अमेरिका और चीन के बीच द्विपक्षीय रिश्ते में अगर हाल में इतनी तल्खी आई है, तो इसके ज़िम्मेदार ट्रंप ही हैं। उन्होंने एक ऐसी व्यापार जंग की शुरुआत की, जिसमें वाशिंगटन लगातार पिछड़ता जा रहा है। बीते महीने हुई बैठक में जो समझौते हुए हैं, उनका पलड़ा चीन के पक्ष में ही झुका है, जिससे अमेरिका की शक्ति और प्रभाव, दोनों कमज़ोर पड़ सकते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप को लगता था कि चीन अमेरिका से जितना आयात करता है, उससे अधिक अमेरिका को निर्यात करता है। इसलिए, उन्होंने जल्दबाजी में चीन के खिलाफ उच्च टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। लेकिन वह यह समझने में विफल रहे कि चीन सोयाबीन जैसी जिन वस्तुओं की खरीद अमेरिका से करता है, उन्हें वह आसानी से अन्य देशों से भी हासिल कर सकता है। दूसरी ओर, बीजिंग अब दुर्लभ मृदा खनिजों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन चुका है, जिनके लिए अमेरिका के पास कोई वैकल्पिक स्रोत नहीं है।

वर्तमान में चीन दुनिया के लगभग 90 फीसदी दुर्लभ मृदा खनिजों पर नियंत्रण रखता है। वह छह भारी दुर्लभ मृदा खनिजों का एकमात्र आपूर्तिकर्ता है और दुर्लभ मृदा चुंबकों के क्षेत्र में भी उसका लगभग पूरा दबदबा है। दुर्लभ धातुएं और उनसे बने चुंबक आधुनिक उद्योग जगत के अनिवार्य घटक हैं। ये ड्रोन, ऑटोमोबाइल, हवाई जहाज, पवन टर्बाइन के अलावा विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और सैन्य उपकरणों के निर्माण के लिए बेहद जरूरी होते हैं। इनके बिना कई अमेरिकी कारखाने बंद हो सकते हैं और इसका सीधा असर सैन्य आपूर्तिकर्ताओं पर भी पड़ेगा। एक पनडुब्बी निर्माण में लगभग चार टन तक दुर्लभ धातुओं की आवश्यकता होती है।

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