बौलीवुड में नैपोटिज्म को ले कर खूब बहस चलती है. कहा जाता है कि यह एक ऐसी इंडस्ट्री है जहां यदि आप का अच्छाखासा फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है तो आप बतौर ऐक्टर बड़ी पहचान नहीं बना सकते. हालांकि ऐसे मिसकन्सेपशंस समयसमय पर टूटते रहे हैं. शाहरुख खान, अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा, आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव ऐसे तमाम नाम बौलीवुड को मिलते रहे हैं. ये भारीभरकम स्टार तक बने.
पिछले 5-7 सालों में नैपोटिज्म की बहस कुछ ज्यादा इसलिए भी तेज हो गई क्योंकि पुरानी खेप के ऐक्टर्स अपने बच्चों को धड़ाधड़ लौंच करने लगे. इस में श्रद्धा कपूर, आलिया भट्ट, वरुण धवन टाइगर श्रौफ, सोनम कपूर, सोनाक्षी सिन्हा तो पिछले एक दशक से लगभग खुद को जमाने में लगे हैं. वहीं, खुशी कपूर, अनन्या पांडे, सारा अली खान, सुहाना, अगस्त्य जैसी नई रंगरूट हाल में देखने को मिलीं.
मगर सच यह है कि इस इंडस्ट्री में वह ही टिक सकता है जिस के पास हुनर है, कला है फिर चाहे वह फिल्मी बैकग्राउंड फैमिली से आता है या नहीं. फैमिली बैकग्राउंड शुरुआती कुछ फिल्मों के लिए ही काम आता है, जैसे बोनी कपूर के काम आया, मगर उस के आगे का सफर खुद ही तय करना पड़ता है, जहां वह असफल है. अच्छे ऐक्टर की पहचान उस के काम से हो जाती है.
ऐसे में बीते समय में कई ऐसे ऐक्टर्स बौलीवुड को मिले जिन्होंने अपने काम के जरिए खुद को साबित किया. जिन्हें ऐक्टिंग प्रोफैशन के जरिए विदेशों तक में पहचान मिली. उन में से ही आदर्श गौरव ऐसे ऐक्टर बन कर उभरे हैं जिस ने बड़ेबड़े सैलिब्रिटीज के बच्चों को पछाड़ दिया.
30 साल के आदर्श ने अभिनय में ऐसेऐसे कारनामे कर लिए हैं जिन्हें करने में सैलेब किड्स में बेचैनी शुरू हो जाए. 'द वाइट टाइगर' के नाम से मशहूर आदर्श ने अपनी मेथड ऐक्टिंग से बौलीवुड में खास जगह बना ली है. मिडिल क्लास यूथ के बीच आदर्श खासा पोपुलर है.
この記事は Mukta の April 2024 版に掲載されています。
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वायरल रील्स
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इन्फ्लुएंसर्स करते पौयजनस फूड का प्रचार लोग होते बीमार
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भगत सिंह का लव कन्फैशन
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सोशल मीडिया पर धर्मप्रचारकों व कथावाचकों की रील्स खूब ठेली व देखी जाती हैं. इन कथावाचकों की अधिकतर टिप्पणियां युवतियों व महिलाओं पर होती हैं. यह नैतिक शिक्षा के नाम पर समाज को सैकड़ों साल पीछे धकेलने की साजिश है.
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