जीवन तो चलने का नाम है और परिवर्तन इसका नियम। समय के पहिए में एक और चीज है जो अभिभावक अपनी संतान को देती है वह है परवरिश | परवरिश के तौरतरीकों पर हमेशा बात होती है। हर मां-बाप चाहते हैं कि वह ऐसी परवरिश करें कि उनकी संतान आगे चलकर एक कामयाब इंसान साबित हो। हमारे यहां में दो तरह की परवरिश इस समय देखी जा रही है। एक वैसी जो हमने अपने मां-बाप से सीखी और एक वो है आज के जमाने के नये जमाने के माता-पिता की मॉडर्न पेरेंटिंग। आइए इस लेख में चर्चा करते हैं इन दोनों परवरिश के अंदाज पर-
पारिवारिक मामलों से बच्चों को दूर रखना
बच्चे का मन है बच्चा सवाल पूछता है? कई बार मां-बाप का अपने भाई-बहनों या रिश्तेदारों से झगड़ा हो जाता है। पारंपरिक परवरिश की बात करें तो बच्चे के अंदर हिम्मत ही नहीं होती कि वह अपने मां-बाप से उनके संबंधों के बारे में कोई सवाल करे। अगर बच्चा हिम्मत करके पूछ भी ले तो कह दिया जाता था कि यह बच्चों की बात नहीं है। यह तो सिर्फ एक उदाहरण है। ऐसी बहुत सी बातें हैं इस तरह की परवरिश जहां बहुत मामलों में बच्चों को स्थिति से अलग रखा जाता है। उन्हें लगता है कि बच्चे उस स्थिति को जानकर क्या करेंगे। कहीं ऐसा न हो कि वे उसे लेकर कोई नकारात्मक छवि अपने बाल मन में बना लें।
निर्णय लेने के स्वतंत्रता न देना
この記事は Sadhana Path の December 2022 版に掲載されています。
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उत्साह एवं उमंग का त्यौहार बैसारवी
बैसारवी के दिन पंज प्यारों का रूप धारण कर इनका स्मरण किया जाता है। इस दिन पंजाब का परंपरागत नृत्य भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है। उत्तर भारत में बैसारवी को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है।
धर्म-कर्म और उनका वैज्ञानिक महत्व
पूजा और धर्म-कर्म से जुड़े जिन नियमों का पालन आप हमेशा से करते आ रहे हैं, क्या आप उनका असल अभिप्राय जानते हैं?
हनुमान साधना के अद्भुत चमत्कार
रामभक्त श्री हनुमान को कलियुग में प्रत्यक्ष देव माना जाता है। श्री राम के आशीर्वाद के फलस्वरूप राम से अधिक हनुमान की पूजा जन सामान्य में प्रचलित है। हनुमान जी रुद्र के ग्यारहवें अवतार हैं, इसीलिए तंत्रोपासना में भी इन्हें उतना ही महत्त्व प्राप्त है, जितना कि वैष्णव परंपरा में। प्रभु हनुमान का आराधक दूसरों द्वारा किए गए तंत्र प्रयोगों के सहज रूप से अछूता रहता है।
सूर्यग्रहण एवं इससे जुड़ी सावधानियां
जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूर्ण या आंशिक रूप से एक रेखा में आ जाते हैं। वे संरेखित होकर एक अनोखा व रोमांचक दृश्य प्रस्तुत करते हैं, जो पृथ्वी वासियों के लिए अत्यंत कौतूहल का विषय बन जाती है।
किशोरों के जीवन में हस्तक्षेप की सीमारेखा अनिवार्य है
यदि हम बच्चों पर अपनी पसंद थोप देंगे तो इसकी संभावना अधिक है कि वे अपने दोस्तों के बीच में उपहास के पात्र बन जाएं। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है जो हर तरह से उनकी उन्नति में बाधक होगा।
सुहागिनों का लोक पर्व गणगौर
होली के दूसरे दिन से ही गणगौर का त्यौहार आरंभ हो जाता है जो पूरे सोलह दिन तक लगातार चलता रहता है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वती जी को तथा पार्वती जी ने समस्त स्त्री समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। सुहागिनें व्रत धारण करने से पहले रेणुका (मिट्टी) की गौरी की स्थापना करती हैं एवं उनका पूजन करती हैं।
चैत्र नवरात्रि पर भगवान श्रीराम की पूजा का क्या है महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी कहते हैं और मानते हैं इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था इसीलिए यह पर्व रामनवमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
आंखों का दुश्मन ग्लूकोमा
ग्लूकोमा एक नेत्र रोग है, जो आंख के अंदर के द्वव्य का दबाव बढ़ने से होता है । इलाज न करवाने पर इंसान अंधा भी हो सकता है।
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की । इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
गर्भावस्था के दौरान दांतों का रखें ऐसे ख्याल
गर्भावस्था के दौरान दांतों की समस्या गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था में दांतों की ख़ास देखभाल की जरूरत होती है।