試す 金 - 無料
अलसी की खेती से लाभ कमाएं
Modern Kheti - Hindi
|15th November 2025
अलसी तेल वाली फसलों में दूसरी खास फसल है।
अलसी के पूरे पौधे से पैसा कमाया जा सकता है। इसके तने से लिनेन नामक बहुत महंगा रेशा मिलता है और बीज का इस्तेमाल तेल प्राप्त करने के साथ-साथ दवाओं में भी किया जाता है। आयुर्वेद में अलसी को रोज का भोजन माना जाता है। अलसी के कुल उत्पादन का करीब 20 प्रतिशत खाने के तेल के रूप में और बचा 80 प्रतिशत उद्योगों में इस्तेमाल होता है। अलसी के बीज में ओमेगा 3 वसीय अम्ल 50 से 60 प्रतिशत पाया जाता है, साथ ही इसमें अल्फा लिनोलिनिक अम्ल, लिग्नेज, प्रोटीन व खाद्य रेशा आदि भी होते हैं। ओमेगा 3 वसीय अम्ल मधुमेह गठिया, मोटापा, उच्च रक्तचाप, कैंसर, मानसिक तनाव (डिप्रेशन), दमा आदि बीमारियों में लाभदायक होता है। दुनिया में अलसी के उत्पादक के तौर पर भारत का तीसरा स्थान है, जबकि पहले स्थान पर कनाडा व दूसरे स्थान पर चीन है। करीब 448.7 हजार हैक्टेयर जमीन पर इसकी खेती की जा रही है व कुल उत्पादन 168.7 हजार टन व औसतन पैदावार 378 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर है। भारत में खासतौर पर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र व कर्नाटक आदि प्रदेशों में इसकी खेती की जाती है। अलसी के कुल उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत खाद्य तेल के रूप में और बचा 80 प्रतिशत तेल उद्योग जैसे सूखा तेल, पेंट बनाने में, वारनिश, लेमिनेशन, तेल कपड़े, चमड़े, छपाई की स्याही, चिपकाने, टेपिलोन साबुन आदि में किया जाता है।
जमीन और जलवायु : अलसी की फसल के लिए काली भारी व दोमट मटियार मिट्टी मुनासिब होती है। जमीन में उचित जल निकासी का इंतजाम होना चाहिए। अलसी की फसल को ठंडी व सूखी जलवायु की जरूरत पड़ती है।
खेत की तैयारी : अलसी के अच्छे जमाव के लिए खेत भुरभुरा व खरपतवार मुक्त होना चाहिए। लिहाजा खेत में 2 से 3 बार हैरो चला कर पाटा लगाना जरूरी है, जिससे नमी बनी रह सके। अलसी का दाना छोटा व पतला होता है। अच्छे जमान के लिए खेत का भुरभुरा होना जरूरी है।
बोआई का समय : असिंचित क्षेत्रों में अक्तूबर के पहले पखवाड़े और सिंचित क्षेत्रों में नवंबर के पहले पखवाड़े में बोआई करनी चाहिए। जल्दी बोआई करने पर अलसी की फसल को फल मक्खी व पाउडरी मिल्ड्यू आदि से बचाया जा सकता है।
このストーリーは、Modern Kheti - Hindi の 15th November 2025 版からのものです。
Magzter GOLD を購読すると、厳選された何千ものプレミアム記事や、10,000 以上の雑誌や新聞にアクセスできます。
すでに購読者ですか? サインイン
Modern Kheti - Hindi からのその他のストーリー
Modern Kheti - Hindi
मक्का की बिजाई करने के लिए मेज़ प्लांटर
मक्का की बिजाई करने वाली मशीन, मेज़ प्लांटर को नेशनल एग्रो इंडस्ट्रीज़ की ओर से बनाया गया है।
1 min
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
घृतकुमारी का औषधीय योगदान एवं महत्व
कुमारी, गृह कन्या, घृतकुमारिका आदि, इसके पत्तों में छेद करने या दबाने पर लसलसा पदार्थ निकलता है।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
क्या जीनोम-संपादित धान की किस्में उचित हैं ?
देश के शीर्ष कृषि अनुसंधान संस्थान आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) और कृषि मंत्रालय पर जीनोम-संपादित (जीनोम-एडीटेड) धान के परीक्षणों में वैज्ञानिक हेरफेर और बेईमानी के आरोप लगे हैं।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
गन्ना की खेती देखभाल और पैदावार
गन्ना एक प्रमुख व्यवसायिक फसल है, विषम परिस्थितियां भी इसकी फसल को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर पाती।
10 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग से धरती पर पड़ रहा है प्रभाव
इसमें कोई शक नहीं कि इंसानी सभ्यता ने अपने विकास के लिए प्रकृति का बड़े पैमाने पर दोहन किया है।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
टिकाऊ कृषि विकास के लिए भूमि सुधार आवश्यक ...
कृषि के मुख्यतः तीन प्रमुख स्तम्भ हैं-मिट्टी, पानी और बीज परंतु गत कुछ दशकों में परंपरागत कृषि तकनीकों जैसे अत्याधिक जुताई, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग एवं जैविक खाद के कम उपयोग, इत्यादि के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत गिरावट आई है।
8 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
निराशा से समाधान तक कैसे भारत पराली जलाने की समस्या का कर सकता है अंत
पराली जलाने की समस्या का हल संभव है। समझदारी बरतते हुए अगले तीन वर्षों में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं अरुणाभ घोष और कुरिंजी केमांथ
5 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
अलसी की खेती से लाभ कमाएं
अलसी तेल वाली फसलों में दूसरी खास फसल है।
8 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
क्रांतिकारी मॉडल विकसित करने वाले सफल किसा सीताराम निगवाल
मध्यप्रदेश के धार जिले के किसान सीताराम निगवाल ने 30 वर्षों के अनुभव से खेती का एक क्रांतिकारी मॉडल, विकसित किया है।
2 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
भूमि क्षरण से बढ़ रहा कुपोषण
लगभग 1.7 अरब लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां मानवीय कारणों से भूमि के क्षरण के चलते फसलों की पैदावार घट रही है।
2 mins
15th November 2025
Listen
Translate
Change font size

