![राष्ट्र के लिए घातक है संविधान में बदलाव](https://cdn.magzter.com/1372566173/1601040491/articles/e-9qom8zX1601374530917/1601376014.jpg)
आज हमारे पास केन्द्र की सत्ता में एक ऐसी सरकार है, जो न केवल संविधान विरोधी है, बल्कि उसे एक अवसर दिया गया है जो संविधान की जड़ और शाखा में बदलाव कर रही है जो राष्ट्र के लिए घातक है।
この記事は Loksangharsh Patrika の October 2020 版に掲載されています。
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![निशाने पे आंदोलन समर्थक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/3800/525084/3Gi1jDzyD1601375302446/crp_1601376012.jpg)
निशाने पे आंदोलन समर्थक
मुसलमानों के अहम त्यौहार बकरीद (कुर्बानी) का महीना शुरू हुआ ही है के भारत में खास धार्मिक विचारधारा के लोग, एनजीओ, पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से कोरोना की आड़ लेकर उनके मजहबी आजादी पर नकेल कसने जमीन पर फैल गए हैं।
![राष्ट्र के लिए घातक है संविधान में बदलाव](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/3800/525084/e-9qom8zX1601374530917/crp_1601376014.jpg)
राष्ट्र के लिए घातक है संविधान में बदलाव
हमें आज हमारे संविधान और हमारे देश को वर्तमान सरकार से बचाने की जरूरत है। आजादी के बाद से इसके पहले कभी भी ऐसी आवश्यकता नहीं हुई, और न ही लोगों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा, जहाँ कानून का शासन नहीं बल्कि कानून रहित शासन इस भूमि पर चल रहा है।
![सीएए, एनआरसी के कारण मूल निवासियों का अस्तित्व खतरे में](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/3800/525084/Z8-PNzQjg1601374909836/crp_1601376015.jpg)
सीएए, एनआरसी के कारण मूल निवासियों का अस्तित्व खतरे में
फरवरी 2019 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश जारी किया जिसके अनुसार भारत के वन क्षेत्र में रह रहे 21 लाख आदिवासी जो यह साबित नहीं कर पाए कि वे 2005 से पहले से इन वनों में रह रहे हैं, उन्हें जंगलों से खदेड़ दिया जाएगा।