試す - 無料

खांसी,जुखाम और दमा के उपाय

Sadhana Path

|

December 2021

रखांसी, जुरवाम सर्दी के कारण ही नहीं होती बल्कि बदलते मौसम व धूल-मिट्टी से भी होती है और यदि यह बिगड़ जाए तो दमें का रोग भी धारण कर लेती है। ऐसे में क्या करें जब रवांसी, जुरवाम और दमा सताए ?

- विजय शर्मा

खांसी,जुखाम और दमा के उपाय

खांसी व जुखाम से परेशान हैं तो कोई गोली लेने से पहले हमारे नुस्खे आजमा लें, निश्चित रूप से लाभ होगा।

खांसी, जुखाम के घरेलू उपाय

Sadhana Path からのその他のストーリー

Sadhana Path

विवेकशील ज्ञान को विकसित करें

दुख ईश्वर का काम नहीं है, बल्कि शैतान की माया की शक्ति अर्थात् भ्रम का कार्य है।

time to read

2 mins

September 2025

Sadhana Path

मन और रचनात्मकता का प्रतीक-चंद्र ग्रह

चन्द्र यानी सोम, चन्द्रमा जो की नव ग्रहों में से एक है, चंद्र एक बहुत सुंदर व युवा ग्रह है।

time to read

10 mins

September 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

कौन कहता है नहीं मिलता है बेटी के हाथों मोक्ष

जब मैंने तय किया कि मैं बिहार जाऊंगी, तो बहुत से लोगों का एक ही प्रश्न था, 'तुम्हें और कोई जगह नहीं मिली ?' राजधानी जैसी ट्रेन में भी किसी ने मुझे यह नहीं भूलने दिया कि मैं बिहार जा रही हूं और उससे बड़ी बात अकेली जा रही हूं। जाने से पहले मिलने वाली ढेर सारी नसीहतें और सफर के दौरान गुंडागर्दी के तमाम किस्से सुनते हुए जब मैंने छोटे से शहर 'गया' की जमीन पर कदम रखा, तो मन ही मन प्रार्थना दोहरा दी कि मैं सही-सलामत लौट आऊं। बिहार राज्य का छोटा सा शहर 'गया' पिंडदान और तर्पण के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यहां उन मृतात्माओं को भी शांति और मोक्ष प्राप्त होता है, जिनके पुत्र नहीं हैं। आम धारणा है कि पुत्र यदि यह कर्म करें, तो ही माता-पिता को मोक्ष प्राप्त होगा। इस मान्यता के चलते कई परिवारों में यह कर्म ताऊ या चाचा के बेटों से कराया जाता है। जब हम विष्णुपद (पिंडदान यहां किए जाते हैं) पहुंचे, तो कई पिंडदानी (स्थानीय लोग पिंडदान करने वालों को यही कहते हैं) मौजूद थे। कर्म करा रहे शास्त्री जी ने बताया कि श्राद्ध सिर्फ कर्म ही नहीं श्रद्धा का प्रतीक भी है, इसलिए स्त्री हो या पुरुष जिसके मन में बड़ों के लिए श्रद्धा हो यह कर्म कर सकता है। गया में पितृपक्ष के दौरान ऐसा जनसैलाब उमड़ता है कि लगता है कहीं कुंभ का मेला ही लगा हुआ है। खुद के

time to read

5 mins

September 2025

Sadhana Path

हर हाल में मस्त रहिए

जिदा रहने के लिए भोजन जरूरी है।

time to read

2 mins

September 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

आंखों के रोग तथा उपचार

आंखें सृष्टि की सुंदरता को देखने का एकमात्र साधन है जो मनुष्य का सबसे नाजुक अंग हैं। इसके प्रति लापरवाही न बरतें। दिये गये उपायों को आजमाएं और अपनी आंखों को स्वस्थ व सुंदर बनाएं।

time to read

3 mins

September 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

रामलीला का इतिहास

यद्यपि रामलीला का प्रदर्शन 1200 ई. से होना आरम्भ हो गया था, संस्कृत राजसी और संभ्रांत भाषा होने के कारण यह राज प्रासादों और धनाढ्य लोगों के यहां ही प्रदर्शित होती थी।

time to read

2 mins

September 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

श्राद्ध की महिमा और महत्त्व

श्राद्ध की महिमा के बारे में पुराणों में भी उल्लेख पढ़ने को मिलता है। पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध करना अति महत्त्वपूर्ण बताया गया है। लेख से विस्तार पूर्वक जानें श्राद्ध की महिमा, उसका अर्थ व उससे होने वाले लाभों के बारे में।

time to read

10 mins

September 2025

Sadhana Path

वास्तु अनुसार करें भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना ?

घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते समय हमें दिन, दिशा, स्थान आदि बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्या है सही नियम ? आइए विस्तारपूर्वक जानें इस लेख से।

time to read

2 mins

September 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

शक्ति उपासना का एक स्वरूप यह भी

हिन्दू संस्कृति में परब्रह्म को शिव-शक्ति का संयुक्त रूप माना गया है।

time to read

6 mins

September 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

रामनगर की रामलीला

आज रामलीला के मंचन में काफी बदलाव हुआ है। रामलीलाएं आज जहां आधुनिक हुई हैं, वहीं पर वाराणसी में रामनगर की रामलीला आज भी अपने पुराने रूप में कायम हैं। आइए जानें राम नगर की रामलीला की कहानी।

time to read

4 mins

September 2025

Translate

Share

-
+

Change font size