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Aaj Samaaj - September 20, 2025

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Aaj Samaaj Description:

Aaj Samaaj is the fastest-growing Hindi daily in North India with over 25 lakh readers. A Hindi daily that reflects iTV network’s innovative content, reader focus and engaging format, Aaj Samaaj covers news, views, updates, analyses and trends that make it an extremely popular brand among consumers in North India.

この号では

September 20, 2025

परिवार प्रबोधन अर्थात् घर जीत कर जगत जीतो

घर-परिवार, रिश्ते-नाते अब लोगों के लिए गौण होते जा रहे हैं। अपनी ही मां की हत्या कोई कैसे कर सकता है और वो भी पैसों के लिए! यह हम सबने सुना है कि घर पहली पाठशाला होती है और माता प्रथम गुरु होती है। पर क्या कभी हमने विचार किया है कि वास्तव में घर होता क्या है। क्या घर रेत, मिटटी, सीमेंट, लोहा, टाइल्स आदि से मिलकर बनी एक विशेष डिजाईन की इमारत या भवन या ढांचा होता है, जिसकी एक विशेष लोकेशन होती है। आखिर एक घर बनता कैसे है। एक इमारत या ढांचा घर कैसे बनता है या बना रह सकता है। यदि हम केवल इस ढांचे या इमारत को घर मानते हैं तो कहीं न कहीं हमारी सोच खंडित है। वास्तव में घर का निर्माण होता है उसमें रहने वाले लोगों के आचरण से। घर से ही घराना शब्द बनता है और जैसे ही किसी घराने का नाम लिया जाता है, तुरन्त उस घराने के लोगों के आचरण, विचार या गुण दोष आदि सब सामने आने लगते हैं। इसमें शायद ही कोई मिटटी, रेट, पत्थर से बने ढांचे या डिजाईन की बात करता हो। मैं से हम बनने की साकार व्यवस्था है, का नाम है घर-परिवार। घर-परिवार या कुटुंब केवल चार दीवारें नहीं होती है

परिवार प्रबोधन अर्थात् घर जीत कर जगत जीतो22

5 mins

टैरिफ की उलझन से सौदे की उम्मीद तक

सितंबर 2025 आते-आते ये रिश्ता फिर से सुर्खियों में आ गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त में भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। ये कुल मिलाकर 50 फीसदी हो गया। वजह, भारत का रूस से सस्ता तेल खरीदना। ट्रंप को ये नागवार गुजरा, क्योंकि वो रूस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश में थे। लेकिन अब लगता है हवा का रुख बदल रहा है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि अगले 8-10 हफ्तों में ये टैरिफ 10-15 फीसदी तक कम हो सकता है। दोनों देशों के प्रतिनिधि दिल्ली में मिले, बातें हुईं और सकारात्मक संकेत मिले। सवाल ये है कि क्या ट्रंप अपना रुख बार-बार बदलते रहेंगे। क्या भारत अमेरिका की हर शर्त मानेगा, या अपने हितों को पहले रखेगा। आइए, इसकी पड़ताल करते हैं। सबसे पहले समझते हैं कि ये टैरिफ क्या बला है। टैरिफ का मतलब आयात पर लगने वाला कर। अमेरिका कहता है कि भारत उसके सामान पर ज्यादा टैक्स लगाता है, तो वह भी वैसा ही करेगा।

टैरिफ की उलझन से सौदे की उम्मीद तक23

5 mins

पुरवैया के आगे चले ना कोई जोर

देश की सियासत को बारीकी से समझने की कोशिश करेंगे तो अब आपको कुछ इसी तरह का महसूस होगा। यहां जोर पुरवैया पर है। संक्षेप में पुरवैया को समझते हैं। पुरवैया मुख्य रूप से पूर्वी हवाओं के लिए एक शब्द है, जो देश के भोजपुरी क्षेत्र में विशेष रूप से खास है। यह शब्द दक्षिण-पश्चिम मानसून का भी प्रतिनिधित्व करता है, जब मानसून की हवाएं पूर्व से आती हैं और क्षेत्र को प्रभावित करती हैं। इसका तार हम भारतीय सियासत से जोड़ रहे हैं। ठीक से समझिएगा। याद कीजिए, जब पुरानी चोटों में दर्द शुरू होता है तो बुजुर्ग कहते हैं कि ये पुरवैया हवा के कारण हो रहा है। जब पुरवैया हवा चलती है तो उससे पुराने चोटों के दर्द फिर से होने लगते हैं। दरअसल, ये हवा जिस और से आती है, वहां से वो वातावरण के शरद और गर्म प्रभाव तथा गंध को अपने साथ लेके बहती है। पूर्व से चलने के कारण ये हवा सुबह के समय ठंडी होती है।

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7 mins

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