कोशिश गोल्ड - मुक्त
अब ऑपरेशन बदला
DASTAKTIMES
|May 2025
पाकिस्तान ने पहलगाम में 26 पर्यटकों का नरसंहार करके मुसीबत मोल ले ली है | दुनिया समझ रही है कि नई दिल्ली में बैठी मोदी सरकार एक ऐसा पलटवार करने जा रही है जिससे आतंकियों की कमर टूट जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को आतंकवाद से निबटने के लिए खुली छूट दी है। आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक निर्णायक लड़ाई का वक़्त है। एयर स्ट्राइक करके या आतंकियों के कुछ लॉचिंग पैड ध्वस्त करके सेना का वापस लौट आना इस समस्या का समाधान नहीं । सेना को यह 'ऑपरेशन बदला' तब तक चलाना होगा जब तक आतंकियों के सारे आका एक-एक करके ढेर नहीं हो जाते। 'दस्तक टाइम्स' के संपादक दयाशंकर शुक्ल सागर की रिपोर्ट।
वह 7 अक्टूबर 2023 का दिन था। इजराइल में वह बड़ा मैदान ग़ाज़ा से उतना ही दूर था जितना लाहौर से पहलगाम। उस खुले मैदान में इजरायली युवाओं का म्यूकि कंसर्ट चल रहा था। ग़ाज़ा पट्टी के हमास के आतंकियों ने इन युवाओं पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। हमास के क्रूर लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर 1200 इजरायली नागरिकों को बड़ी निर्दयता के साथ मार डाला और 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ गाज़ा ले गए।
22 अप्रैल 2025 की दोपहर ठीक ऐसी ही वारदात जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम की हरी-भरी वादियों में हुई। 'मिनी स्वीट्जरलैंड' के नाम से मशहूर बैसरन घाटी में यह जगह अपने हरे-भरे खूबसूरत घास के मैदानों के लिए मशहूर है। सेना की वर्दी पहने पाकिस्तानी आतंकियों ने दूर निकल आए पर्यटकों को घेर लिया। आतंकियों ने उनसे न उनका नाम पूछा, न जाति पूछी, केवल उनका धर्म पूछा, उनसे कलमा पढ़ने को कहा गया। जो कलमा नहीं पढ़ पाए उन हिंदुओं पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। कुल 28 बेगुनाह पर्यटक मारे गए जो देश के विभिन्न हिस्सों से आए थे। इनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।
7 अक्टूबर 2023 की घटना के बाद जो इजराइल ने किया वह पूरी दुनिया ने देखा और आज तक देख रही है। पूरा ग़ाज़ा खंडहर में तब्दील हो चुका है। इजराइल के हमले में अब तक हमास से जुड़े 51,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। ये वह बदला है जो इजराइल ने आतंकी संगठन हमास से लिया। सच तो यह है कि गाजा पहले से इजराइल की नज़रों में चढ़ा हुआ था। एक हत्याकांड ने उसे हमास को मिटाने का बहाना दे दिया। सारी दुनिया की सहानुभूति तब इजराइल के साथ थी। अब ऐसा ही मौका भारत को मिला है। क्या लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से ऐसा ही बदला भारत भी लेगा? जैसा कि अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने एक्स पर आशंका जताई है - 'दो साल पहले इजराइल में हमास के आतंकवादी हमले के बाद गाजा एक भयानक त्रासदी में समा गया। 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर में हुआ आतंकवादी हमला संभावित परिणामों के संदर्भ में भी उतना ही भयावह है।' विकल्प 1
यह कहानी DASTAKTIMES के May 2025 संस्करण से ली गई है।
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