मैगज़्टर गोल्ड के साथ असीमित हो जाओ

मैगज़्टर गोल्ड के साथ असीमित हो जाओ

10,000 से अधिक पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और प्रीमियम कहानियों तक असीमित पहुंच प्राप्त करें सिर्फ

$149.99
 
$74.99/वर्ष

कोशिश गोल्ड - मुक्त

जैविक खेती में सूक्ष्म जैविक नियंत्रकों का महत्व एवं प्रयोग विधि

Modern Kheti - Hindi

|

15th May 2025

कृषि भारत की आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। भारत की कृषि में 20वीं सदी के अंतिम समय में हरित क्रांति के रूप में बहुत ही बड़ा परिवर्तन आया था। फसलों की नई उन्नत किस्में, रासायनिक खादें और कीटनाशकों के प्रयोग ने हरित क्रांति के शुरू के वर्षों में खेती उपज बढ़ाने और भारत को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में एक बहुत ही अहम भूमिका निभाई है।

- डॉ. समीर कुमार पाण्डेय, डॉ. एस. पी. सिंह, डॉ रविंद्र कुमार राजपूत, डॉ एम. पी. सिंह, डॉ. अभयदीप गौतम,

जैविक खेती में सूक्ष्म जैविक नियंत्रकों का महत्व एवं प्रयोग विधि

खेती में हमारा उद्देश्य गुणों से भरपूर, कम लागत में ऐसा अनाज उपलब्ध करवाना है जो मनुष्य, जीव विभिन्नता एवं पर्यावरण पर कम से कम हानिकारक प्रभाव पड़े। हमारे ऊंचे हो रहे जीवन स्तर, बढ़ती लागत का सामना करने और पर्यावरण को संभालने के लिए हमें उपलब्ध तकनीकों, विकसित ढंगों का संयुक्त ढंग से प्रयोग करना होगा जिसमें कीटों की रोकथाम के लिए रासायनिक एवं जैविक विधियों को एक संयुक्त और संतुलित कार्य के रूप में शुरू करना होगा। आधुनिक समय में खेती को और अधिक उपज एवं लाभदायक बनाने की आवश्यकता है। यद्यपि रासायनिक कीटनाशक फसलों को कीटों से सुरक्षा और अनाज के उत्पादन में सुधार लाते हैं, परन्तु यह पर्यावरण एवं लोगों पर अपने संभावित हानिकारक प्रभाव के लिए भी जाने जाते हैं, जो जैविक विविधता तथा प्रकृति के कोमल संतुलन को नष्ट कर मनुष्य स्वयं विनाश के पथ पर अग्रसर हैं। अतः किसान अब फसल सुरक्षा के अन्य विकल्प को तलाशने लगा है। यह बात अब समझ आने लगी है कि प्रकृति के जितने नजदीक रहकर खेती की जाये, उतनी ही समस्या कम आयेगी। अतः प्राकृतिक फसल सुरक्षा पर अब विशेष बल दिये जाने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में फसलों को प्रमुख हानिकारक कीटों व रोगों से बचाव के लिए/अन्तर्गत जैविक नियंत्रकों (जैविक कीट व्याधिनाशक एवं जैवकर्ता) का प्रयोग अब विशेष आवश्यक है। पिछले कई दशकों से जैविक कृषि हेतु अनेक सूक्ष्म जैविक नियंत्रकों की खोज हुई है जो शत्रु कीट व्याधियों पर प्रभावी नियंत्रण भी दे रहे हैं। आजकल जैविक कृषि हेतु मुख्य रूप से जिस जैविक नियंत्रकों का प्रयोग कीटों व रोगों की रोकथाम के लिए किया जा रहा है, वे निम्न हैं -

कीट नियंत्रण हेतु सूक्ष्म जैविक नियंत्रण :-

कीटों में सूक्ष्म जैविक नियंत्रण तीन प्रकार से होता है -

  • कीट में रोगाणु भोजन के साथ अन्दर जाते हैं। जैसे बैक्टीरिया, वायरस एवं कवक।

  • कवक तथा सूत्रकृमि बाहरी त्वचा अथवा श्वासनली को भेदकर कीटों के शरीर में प्रवेश करते हैं।

  • सूक्ष्मजीव क्यूटिकिल में दरार उत्पन्न होने पर प्रवेश करते हैं। यह दरार परजीवी कीटों के काटने या घाव बनाने से होता है।

Modern Kheti - Hindi से और कहानियाँ

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

मक्का की बिजाई करने के लिए मेज़ प्लांटर

मक्का की बिजाई करने वाली मशीन, मेज़ प्लांटर को नेशनल एग्रो इंडस्ट्रीज़ की ओर से बनाया गया है।

time to read

1 min

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

घृतकुमारी का औषधीय योगदान एवं महत्व

कुमारी, गृह कन्या, घृतकुमारिका आदि, इसके पत्तों में छेद करने या दबाने पर लसलसा पदार्थ निकलता है।

time to read

3 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

क्या जीनोम-संपादित धान की किस्में उचित हैं ?

देश के शीर्ष कृषि अनुसंधान संस्थान आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) और कृषि मंत्रालय पर जीनोम-संपादित (जीनोम-एडीटेड) धान के परीक्षणों में वैज्ञानिक हेरफेर और बेईमानी के आरोप लगे हैं।

time to read

3 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

गन्ना की खेती देखभाल और पैदावार

गन्ना एक प्रमुख व्यवसायिक फसल है, विषम परिस्थितियां भी इसकी फसल को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर पाती।

time to read

10 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग से धरती पर पड़ रहा है प्रभाव

इसमें कोई शक नहीं कि इंसानी सभ्यता ने अपने विकास के लिए प्रकृति का बड़े पैमाने पर दोहन किया है।

time to read

3 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

टिकाऊ कृषि विकास के लिए भूमि सुधार आवश्यक ...

कृषि के मुख्यतः तीन प्रमुख स्तम्भ हैं-मिट्टी, पानी और बीज परंतु गत कुछ दशकों में परंपरागत कृषि तकनीकों जैसे अत्याधिक जुताई, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग एवं जैविक खाद के कम उपयोग, इत्यादि के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत गिरावट आई है।

time to read

8 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

निराशा से समाधान तक कैसे भारत पराली जलाने की समस्या का कर सकता है अंत

पराली जलाने की समस्या का हल संभव है। समझदारी बरतते हुए अगले तीन वर्षों में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं अरुणाभ घोष और कुरिंजी केमांथ

time to read

5 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

अलसी की खेती से लाभ कमाएं

अलसी तेल वाली फसलों में दूसरी खास फसल है।

time to read

8 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

क्रांतिकारी मॉडल विकसित करने वाले सफल किसा सीताराम निगवाल

मध्यप्रदेश के धार जिले के किसान सीताराम निगवाल ने 30 वर्षों के अनुभव से खेती का एक क्रांतिकारी मॉडल, विकसित किया है।

time to read

2 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

भूमि क्षरण से बढ़ रहा कुपोषण

लगभग 1.7 अरब लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां मानवीय कारणों से भूमि के क्षरण के चलते फसलों की पैदावार घट रही है।

time to read

2 mins

15th November 2025

Listen

Translate

Share

-
+

Change font size