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पर्यावरण के लिहाज से कितना सही है कृषि में प्लास्टिक का उपयोग
Modern Kheti - Hindi
|October 15, 2023
इसमें कोई शक नहीं कि आधुनिक कृषि प्लास्टिक पर बहुत ज्यादा निर्भर है। यही वजह है कि हर साल करीब 1.25 करोड़ टन प्लास्टिक कृषि क्षेत्र में खप जाती है। लेकिन इसके पर्यावरण पर क्या दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं यह लम्बे समय से एक बड़ा सवाल रहा है।
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हाल ही में इसको लेकर वियना विश्वविद्यालय के शोधकर्ता थिलो हॉफमैन के नेतृत्व में अंतराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने एक नया अध्ययन किया है, जिसमें कृषि क्षेत्र में उपयोग होते प्लास्टिक के फायदे और नुकसान पर प्रकाश डाला गया है। साथ ही इस अध्ययन में ऐसे तरीकों के बारे में जानकारी दी गई है, जिनकी मदद से कृषि में प्लास्टिक का कहीं बेहतर, शाश्वत तरीके से उपयोग किया जा सकता है। कभी प्लास्टिक को नए बदलावों का प्रतीक माना जाता था, लेकिन आज यह हमारे लिए वरदान और अभिशाप दोनों बन चुका है। आज हर जगह जहां भी दृष्टि जाए प्लास्टिक नजर आती है, कृषि भी उससे अलग नहीं है। आंकड़ों की माने तो कृषि दुनिया भर में होने वाले एक तिहाई उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार है। साथ ही यह संसाधनों पर बढ़ते दबाव के लिए भी जिम्मेवार है। ऐसे में कृषि में शाश्वत बदलावों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। यदि कृषि में प्लास्टिक उपयोग के फायदों की बात करें तो प्लास्टिक के बने औजार, उपकरण और सिंचाई के साधन कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में कामयाब रहे हैं। वहीं मौसम की मार, कीटों और खरपतवार से बचने के लिए किसान बड़े पैमाने पर प्लास्टिक शीटस का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनकी फसलें सुरक्षित रहे और पैदावार में बढ़ोतरी हो सके। आंकड़ों की मानें तो कृषि में उपयोग होते प्लास्टिक का करीब 50 फीसदी हिस्सा इसी के लिए
यह कहानी Modern Kheti - Hindi के October 15, 2023 संस्करण से ली गई है।
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