कोशिश गोल्ड - मुक्त
बसन्तकालीन गन्ने की वैज्ञानिक खेती
Modern Kheti - Hindi
|1st February 2023
उत्तरप्रदेश- नकदी फसल
परिचय : गन्ना (सैकरम ऑफिसिनेरम) ग्रैमिनी (पोएसी) परिवार का पौधा है, भारत में गन्ना व्यापक रूप से उगाई जाने वाली फसल है। यह राष्ट्रीय आय में महत्वपूर्ण योगदान देने के अलावा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है। दुनिया में गन्ना उगाने वाले देश उष्णकटिबंधीय से उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों तक फैले भूमध्य रेखा के 36.7 उत्तर और 31.0 दक्षिण अक्षांश के बीच स्थित हैं। गन्ने की उत्पत्ति न्यूगिनी देश में हुई थी जहाँ यह हजारों वर्षों से जाना जाता है। गन्ने के पौधे एशिया और भारतीय उप महाद्वीप में मानव प्रवास मार्गों द्वारा लाया गया। यह कुछ जंगली गन्ने के साथ संकरण विधि द्वारा तैयार किया गया था, जिसे आज हम व्यावसायिक गन्ने के उत्पादन के लिए जानते हैं।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ने का क्षेत्रफल, उत्पादन और उपज : गन्ना महाराष्ट्र के ऊष्ण जोन में 61.32 मिलियन टन उत्पादन के साथ लगभग 9.4 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में उगाने वाला प्रमुख राज्य है, जबकि तमिलनाडु की उत्पादकता उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सबसे अधिक है। उत्तर प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में सबसे अधिक गन्ना उत्पादक राज्य है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 22.77 लाख हैक्टेयर है, जिसमें 135.64 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन होता है, जबकि हरियाणा में उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में गन्ने की उच्चतम उत्पादकता है।
फसल की उत्पत्ति : भारत में गन्ने की खेती वैदिक काल से होती आ रही है। गन्ने की खेती का सबसे पहला उल्लेख 1400 से 1000 ईसा पूर्व की अवधि के भारतीय लेखन में मिलता है। अब यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि भारत में सेकेरम बारबेरी प्रजाति का मूल स्थान है। सेकेरम ओफिसेनेरम का मुख्य रूप उत्पत्ति का केंद्र से न्यूगिनी है।
गन्ने की लोकप्रिय किस्में : CoJ 85 यह अगेती मौसम की किस्म है। यह लाल सड़न और पाले के प्रति सहिष्णु है। यह 306 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देती है।
यह कहानी Modern Kheti - Hindi के 1st February 2023 संस्करण से ली गई है।
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