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इस अंक में

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की हिन्दी मासिक पत्रिका "केन्द्र भारती" : February 2019 : आ वसन्त :: माघ शुक्ला पंचमी को वसन्त पंचमी कहा जाता है। सरस्वती की पूजा करके, वसन्त का स्वागत किया जाता है। मधु और माधव - चैत्र और वैशाख महीने को वसन्त ऋतु कहा जाता है। आज वसन्त कालचक्र में आता है। वसन्त अपने आप नहीं आता। उसे बुलाना पड़ता है।

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपने ‘वसन्त आ गया है’ निबन्ध में कहा है कि वसन्त को आमंत्रित करो तो वसन्त आएगा- बिना बुलाये कभी नहीं आ सकता। निराला ने माता सरस्वती को पुकारा-
भारति ! जय-विजय करे !
प्रिय स्वतंत्र रव, अमिय मंत्र नव, भारत में भर दे।

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विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की सांस्कृतिक मासिक हिन्दी पत्रिका "केन्द्र भारती"

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