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Kendra Bharati - केन्द्र भारती - December 2018

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इस अंक में

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की हिन्दी मासिक पत्रिका "केन्द्र भारती" दिसम्बर २०१८ :: स्वामी विवेकानन्द ने पूरे देश का परिव्राजक के रूप में भ्रमण करने के बाद सन् 1892 को कन्याकुमारी में, हिन्द महासागर के मध्य स्थित श्रीपाद शिला पर 25, 26, 27 दिसम्बर ध्यान किया था। स्वामी विवेकानन्द ने बाद में बताया कि माँ भारती के अंतिम छोर पर मुझे मेरे जीवन की कार्ययोजना प्राप्त हुई। उन्हें इस ध्यान के द्वारा उनके जीवन का ध्येय प्राप्त हुआ।
भारत के ध्येय को अपना जीवन ध्येय बनाकर स्वामीजी ने आजीवन कार्य किया। उन्होंने 11 सितम्बर, 1893 को अपने केवल 07 मिनट के छोटे से भाषण से संपूर्ण विश्व का हृदय जीत लिया। स्वामी विवेकानन्दजी के विचारों ने देशभक्त क्रांतिकारियों को जन्म दिया। सुभाषचन्द्र बोस हो या सावरकर या फिर महात्मा गाँधी, सम्भवतः ऐसा कोई भारतभक्त नहीं, जिन्होंने स्वामीजी से प्रेरणा नहीं पाई। 25 दिसम्बर का दिन वास्तव में प्रत्येक भारतीयों को देश-धर्म के कार्य की प्रेरणा देता है। भारत के ध्येय को अपना ध्येय बनाने का विचार देता है। आइए स्वामी विवेकानन्दजी के इस राष्ट्रध्यान के शुभ दिन पर राष्ट्र पुनरुत्थान के कार्य में अधिकाधिक सहभागिता का संकल्प लें।

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विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की सांस्कृतिक मासिक हिन्दी पत्रिका "केन्द्र भारती"

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