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Kendra Bharati - केन्द्र भारती - November 2015

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इस अंक में

केन्द्र भारती : नवम्बर २०१५ : संपादकीय (Kendra Bharati : November 2015 Editorial) एकनाथ रानडे नाम है एक स्वप्नदर्शी का। मन में ठान लिया कि कन्याकुमारी में विवेकानन्द स्मारक का निर्माण किया जाए। स्मारक उस चट्टान पर बनाया जाए जहाँ स्वामी विवेकानन्द ने तीन दिन तक ध्यान लगा कर भारत के आम आदमी की स्थिति में बदलाव लाने का संकल्प किया था। कैसे बनाया जाए ? इस पर गंभीर चिन्तन किया।

रानडे ने संकल्प किया कि प्रति व्यक्ति से एक रुपया लेकर एक करोड़ रूपये एकत्र किए जाएँ। उससे विवेकानन्द स्मारक बनाया जाए। कई लोग अधिक देने को तैयार थे। पर वे संकल्प से डिगने वाले नहीं थे। उनका मानना था कि विवेकानन्द स्मारक के लिए एक रुपया देने वाला व्यक्ति विवेकानन्द के विषय में अधिकाधिक जिज्ञासु बनेगा।

ऐसा श्रेष्ठ भारत श्रेष्ठ नागरिकों से ही बन सकता है। इसके लिए श्रेष्ठ नागरिकों के निर्माण की योजना बनाई - संस्कार शिविर, योग शिविर लगा कर लोगों में उत्साह जाग्रत किया। देशभर में केन्द्र की कई शाखाएँ कार्य कर रही है। जीवनव्रती कार्यकर्ता अपना लक्ष्य पूरा करने में जुटे हुए हैं। युवकों को सन्देश दिया गया है - जीवने यावदादानं स्यात प्रदानं ततोऽधिकम्।

विवेकानन्द केन्द्र ने देशभर में स्वामीजी की १५०वीं जयन्ती मनाई। विद्यार्थियों और युवकों ने इसका भरपूर लाभ उठाया। इसके बाद एकनाथ जन्मशती समारोह मनाया जा रहा है। इसका उद्घाटन दिल्ली में विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। उन्होंने कहा था कि एकनाथजीने जिस काम को हाथ में लिया उसे पूरा करके ही छोड़ा।

ऐसे ध्येयनिष्ठ व्यक्तित्व से प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र और समाज के हित में काम करने की प्रेरणा मिलती है। वे राष्ट्र और समाज के हित को ही सबसे बड़ा हित मानते रहे। जो उनसे एक बार मिला वह उनका हो गया। उनमें अद्भुत चुम्बकीय शक्ति थी। भारतरत्न ए.पी.जे. अब्दुल कलाम युवकों से कहते थे कि सपने देखो और उनको पूरा करने के लिए जुट जाओ। रानडे सपने भी देखते थे और उनको पूरा भी करते थे।

आमतौर पर लोगबाग बड़े काम करने के लिए सरकार का मुँह ताका करते हैं। एकनाथजी आम आदमी की क्षमता पर विश्वास करते थे। जो विचार मन में आया उसको उन्होंने जनसहयोग से पूरा करके दिखाया। ऐसे सफल और सार्थक व्यक्तित्व के धनी को शत-शत नमन और आत्मीयता भरी श्रद्धांजलि !

Kendra Bharati - केन्द्र भारती Description:

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की सांस्कृतिक मासिक हिन्दी पत्रिका "केन्द्र भारती"

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