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Akram Express - Hindi - मै रह गई! | September 2013 | अक्रम एक्सप्रेस

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Akram Express - Hindi
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Akram Express - Hindi Description:

An exclusive magazine "Akram Express" just for young Kids. It contains Moral Stories, Mythological Stories, Puzzles, Activities and Golden Moments with Gnani, which is published every month.

इस अंक में

"बालमित्रो, बहुत कुछ होते हुए भी, उसमें संतोष रखने के बजाय जो नहीं है उसके लिए रोना, शिकायतें करना, यह मनुष्य का सहज स्वभाव हो गया है। खुद को नहीं मिले या दूसरे से कम मिले वह हमें सहन नहीं होता और परिणाम स्वरूप “मैं रह गई” हो जाता है और बचता है सिर्फ दुःख, दुःख और दुःख ही। ऐसी कोई तो समझ होगी ही न, जिससे हम कम्पेरिज़न करके मोल लिए दुःखों से मुक्त हो सक हाँ, परम पूज्य दादाश्री ने इस विषय पर सुंदर विवेचना की है। कौन-सी पॉज़िटिव समझ से हम कम्पेरिज़न में न पड़े और जो है उसीमें आनंद से रह सकें और दूसरे को कुछ भी मिले, तब हम दुःखी न हों, उसकी समझ प्रेक्टिकल उदाहरणों द्वारा दी गई है। द्वतो आइए, हम भी इस समझ को प्राप्त करें और दुःखों से मुक्त रहें।
"

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