Essayer OR - Gratuit
क्या है उस साबरमती की महिमा जिसके तट पर आश्रम है ?
Rishi Prasad Hindi
|July 2025
जैसा तुम निंदा को याद रखते हो ऐसा यदि तुम सत्संग को याद रखो तो बेड़ा पार हो जाय।
-
संत श्री आशारामजी आश्रम, अहमदाबाद, जहाँ से नित्य ज्ञान, भक्ति और सेवा की गंगा प्रवाहित होती है वह जिस पावन सरिता साबरमती के तट पर बसा है उसकी शास्त्रों में गजब की महिमा बतायी गयी है। उसमें भी साबरमती का उत्तर तट और जहाँ इसका जल पूर्व से पश्चिम की ओर बहता हो उस स्थान की महिमा तो और भी विशेष है। आश्रम जहाँ स्थित है वहाँ ये दोनों बातें लागू होती हैं। इस दृष्टि से भी आध्यात्मिक लाभ के लिए यहाँ की भूमि की विशिष्टता है। जानते हैं इसकी महिमा :
पद्म पुराण के उत्तरखंड में भगवान शिवजी कहते हैं :
‘पार्वती ! अब मैं साभ्रमती नदी के माहात्म्य का यथावत् वर्णन करता हूँ । मुनिश्रेष्ठ कश्यपजी ने इसके लिए बहुत बड़ी तपस्या की थी। एक दिन महर्षि कश्यपजी नैमिषारण्य गये । वहाँ ऋषियों ने कहा : “कश्यपजी ! आप हम लोगों की प्रसन्नता के लिए यहाँ गंगाजी को ले आइये । प्रभु ! वह सरिताओं में श्रेष्ठ गंगा आपके ही नाम से प्रसिद्ध होगी।”
पार्वती ! कश्यपजी ने उन महर्षियों की बात सुन के जंगल में जाकर दुष्कर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मैंने अपने मस्तक से एक जटा उखाड़कर उसीके साथ उन्हें गंगा को दिया। गंगाजी को लेकर कश्यपजी बड़ी प्रसन्नता के साथ अपने स्थान को चले गये। पूर्वकाल में राजा भगीरथ को मैंने गंगा समर्पित की थी । तत्पश्चात् पुनः कश्यपजी को गंगा प्रदान की। वह गंगा सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलियुग में भिन्न-भिन्न नामों से सुविख्यात हुई । सतयुग में कृतवती, त्रेता में गिरिकर्णिका, द्वापर में चंदना और कलियुग में उसी गंगा का नाम साभ्रमती (साबरमती) पड़ा । यह काश्यपी गंगा समस्त रोग और दोषों का अपहरण करनेवाली है। देवी ! यह नदी सबसे श्रेष्ठ और सम्पूर्ण जगत में पावन है।
देवी ! इतना ही नहीं, यह पवित्र और पापनाशिनी होने के कारण परम धन्य है। देवेश्वरी! पितृ तीर्थ, सब तीर्थों सहित प्रयाग, माधवसहित भगवान वटेश्वर, दशाश्वमेध तीर्थ तथा गंगाद्वार - ये सब मेरी आज्ञा से साभ्रमती नदी में निवास करते हैं । नंदा, ललिता, सप्तधारक, मित्रपद, केदारतीर्थ, सर्वतीर्थमय गंगासागर, सतलज के जल से भरे हुए कुंड में ब्रह्मसर तीर्थ तथा नैमिषतीर्थ भी मेरी आज्ञा से सदा साभ्रमती नदी के जल में निवास करते हैं।
Cette histoire est tirée de l'édition July 2025 de Rishi Prasad Hindi.
Abonnez-vous à Magzter GOLD pour accéder à des milliers d'histoires premium sélectionnées et à plus de 9 000 magazines et journaux.
Déjà abonné ? Se connecter
PLUS D'HISTOIRES DE Rishi Prasad Hindi
Rishi Prasad Hindi
वीर्यरक्षा के ये उपाय अनमोल, जो आजमाता वह होता निहाल
बहुत सारी बीमारियाँ साधन को (शरीर आदि को) 'मैं' मानने से होती हैं ।
3 mins
October 2025
Rishi Prasad Hindi
महापापनाशक एवं सम्पूर्ण कामना - पूरक व्रत
२ नवम्बर को देवउठी एकादशी है। इसके साथ त्रिस्पृशा योग भी है। इसलिए इसका महत्त्व कई गुना बढ़ गया है।
1 min
October 2025
Rishi Prasad Hindi
मन को ऊपर कैसे उठायें?
यद्यपि विद्वान (विवेकी) पुरुष की भी बुद्धि रजोगुण और तमोगुण से विक्षिप्त हो जाती है परंतु विषयों के प्रति दोष-दृष्टि होने से वह उनमें फँसता नहीं है।
2 mins
October 2025
Rishi Prasad Hindi
धर्मांतरण का आतंक हिन्दू लड़कियों पर जाल, करोड़ों की विदेशी चाल
बलरामपुर (उ.प्र.) में पकड़े गये जलालुद्दीन उर्फ छांगुर जैसे संगठित गिरोह के पर्दाफाश से साफ पता चलता है कि किस तरह भारत में योजनाबद्ध तरीके से हिन्दुओं को कमजोर करने का षड्यंत्र चल रहा है। छांगुर के गिरोह के लड़के खुद को हिन्दू बता के सोशल मीडिया आदि माध्यमों से हिन्दू लड़कियों को प्यार में फँसाकर उनका धर्मांतरण कराते थे।
2 mins
October 2025
Rishi Prasad Hindi
अंतर्यामी गुरुदेव करते पग-पग पर सावधान
तटस्थ विचारों के अभाव के कारण व्यक्ति कर्मों के जाल में बँधता है।
2 mins
October 2025
Rishi Prasad Hindi
गुरुकृपा के प्रभाव से 30 वर्षों से ब्रह्मचर्य व्रत
मैंने और मेरी धर्मपत्नी ने १९९५ में पूज्य बापूजी से दीक्षा ली थी।
2 mins
October 2025
Rishi Prasad Hindi
विद्यार्थियों के लिए पूज्य बापूजी का संदेश भोग से होती तबाही, भगवद्द्योग से मिलती ऊँचाई
विद्यार्थी जीवन में ऊँचे विचार करे, उनके अनुसार जीवन बनाने का ठान ले और ॐकार का गुंजन करे तो कोई उसको रोक नहीं सकता ऊँचा बनने से।
1 min
October 2025
Rishi Prasad Hindi
यह हम सबका विषय है, मेरे अकेले का काम नहीं है
आज देश के सामने जो भयजनक समस्याएँ हैं उन सबमें मुझे सबसे ज्यादा पीड़ादायक एवं ध्यान देने योग्य समस्या यह लगती है कि भारत के जो होनहार नागरिक हैं उनकी कमर टूटी जा रही है।
2 mins
October 2025
Rishi Prasad Hindi
म.प्र. पुलिस महानिदेशक ने कहा: 'पॉर्नोग्राफिक सामग्री आदि के कारण बढ़ रहे हैं बलात्कार'
नशाखोरी, अश्लील चित्र व फिल्में देखने आदि की लतवाला व्यक्ति अपने स्वास्थ्य व चरित्र का ह्रास तो करता ही है, समाज के लिए भी अत्यंत घातक हो जाता है।
2 mins
October 2025
Rishi Prasad Hindi
संयम का सामर्थ्य
चरित्रबल ही बल है। चरित्रबल के साथ ब्रह्मबल प्रकट होता है। चरित्रबल नहीं है तो ब्रह्मबल नहीं प्रकट होगा।
3 mins
October 2025
Listen
Translate
Change font size

