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फसल से सफल

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December 10, 2025

आधुनिक किसान, जिन्होंने पारंपरिक फसलों और खेती के पुराने तौर-तरीकों से ऊपर उठ न सिर्फ अपनी सफलता की नई कहानी लिखी, बल्कि बदल दी कृषि की तस्वीर

- प्रतीक्षा

फसल से सफल

हम भारतीय हमेशा से सुनते आए हैं कि खाने को 'दो जून की रोटी' है तो सब कुछ है. 'नून रोटी खाएंगे, जिंदगी संगे बिताएंगे' हमारे लिए एक गीत या प्रचलित नारा ही नहीं, जीवनयापन का एक तरीका रहा है, खासकर मिडिल और लोअर-मिडिल आय वर्ग के लिए. लेकिन बीते कुछ वर्षों में हमने पाया है कि महज पेट भरना ही काफी नहीं. कस्बाई और ग्रामीण इलाकों तक टाइप-2 डायबिटीज, दिल, जिगर और गुर्दे से जुड़ी बीमारियों, मोटापे और पीसीओडी की पहुंच ने हमें हमारी थाली की शक्ल बदलने पर मजबूर किया है. हाइ कैलोरी के बजाए एक संपूर्ण, पोषक डाइट अपनाने को प्रोत्साहित किया है. नतीजाः जो मौसमी फल दूर की कौड़ी लगते थे, आज घर के पास वाले मोड़ पर खड़े ठेले पर साल भर दिख रहे हैं. परवल, टिंडे, लौकी, करेले जैसी सब्जियां फिर से 'कूल' हो रही हैं. मोटे अनाज, जिन्हें किसी मेहमान को परोसने में लोग शर्मिंदगी महसूस करते थे, आज मल्टीग्रेन आटे की थैलियों में पारंपरिक गेहूं की जगह कम कर रहे हैं. सुबह-शाम की चाय की प्याली में रिफाइंड शुगर की जगह ऑर्गेनिक गुड़ धीरे-धीरे घुल रहा है. लगातार अपनी सेहत के बारे में जागरूक होता युवा समझ रहा है कि उसके लिए प्रोटीन के आसान और किफायती स्त्रोत क्या हो सकते हैं.

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आधुनिक किसान, जिन्होंने पारंपरिक फसलों और खेती के पुराने तौर-तरीकों से ऊपर उठ न सिर्फ अपनी सफलता की नई कहानी लिखी, बल्कि बदल दी कृषि की तस्वीर

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खेती का खलीफा

लीज पर जमीन लेकर कई राज्यों में चाय, गेहूं, धान और पपीते तक की खेती के कारोबार ने ऋतुराज शर्मा और उनके स्टार्टअप को नई पहचान दी

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December 10, 2025

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खौफनाक जातीय दरार

डरावनी हिंसक दरिंदगी की वारदातों के दो साल बाद राज्य साफ-साफ दो सैन्य-मैतेई और कुकी-जो-क्षेत्रों में बंट गया है, आखिर इस टकराव को सुलझाने के उपाय क्या हो सकते हैं, मौके से रिपोर्ट

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December 10, 2025

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उठाए खतर, मिला फल

विनय को हमेशा कोफ्त होती थी कि थोड़े पैसों के लिए वे अपने घर से इतनी दूर महाराष्ट्र में हैं, जहां वैसे भी बिहार के लोगों का बहुत स्वागत नहीं किया जाता. घर लौट आने की उनकी जिद फलदायी साबित हुई

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December 10, 2025

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बैरी मिट्टी की रसभरी 'बेरी'

स्ट्रॉबरी उगाने के लिए न ही राजस्थान की मिट्टी मुफीद है, न तापमान. फिर भी दिन-रात मेहनत कर आधुनिक तकनीक के सहारे राजसमंद के नारायण ने इसे संभव कर दिखाया

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December 10, 2025

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पुराना दौर खत्म

राज्य इकाई प्रमुख का बदलना वीरभद्र के दौर से कांग्रेस की निर्णायक दूरी और सुक्खू के दबदबे को दिखाता है

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December 10, 2025

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मेहनत के बूते मजदूर बनी मिसाल

कभी वे खेतों में मजदूरी करती थीं. अब अपनी मेहनत, भरोसे और खेती के प्रति सूझ-बूझ से कामयाबी की ऐसी नजीर कायम की जिसने अनेक महिलाओं का खुद में जगाया भरोसा

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कंटीले कीकरों के बीच रसीले संतरे

राजस्थान में शेखावाटी के एक छोटे-से गांव में अपनी मामूली पढ़ाई के बावजूद संतोष देवी ने अपने प्रयोगों में सफलता पाई. प्रदेश सरकार ने इस उद्यमी किसान को दिया कृषि वैज्ञानिक का दर्जा

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December 10, 2025

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एक फूल ने बदली किस्मत

सिंगापुर में ऐशो-आराम का जीवन छोड़कर सोनिया ने राजस्थान के छोटे से गांव आकर खेती करना चुना. उनके प्रयासों से आज राजस्थान की 'कुसुम बेल्ट' अपनी अलग पहचान बना चुकी है

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बातचीत की गर्मजोशी

बातचीत फिर शुरू होने के साथ लेह और करगिल के निकायों ने नई दिल्ली के सामने अपने अधिकतम मंसूबे रखे तो भाजपा ने अपनाया बीच का रास्ता

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