Passez à l'illimité avec Magzter GOLD

Passez à l'illimité avec Magzter GOLD

Obtenez un accès illimité à plus de 9 000 magazines, journaux et articles Premium pour seulement

$149.99
 
$74.99/Année
The Perfect Holiday Gift Gift Now

नारी शक्ति वंदन

DASTAKTIMES

|

October 2023

27 साल तक लटके रहा महिला आरक्षण विधेयक 19 सितम्बर को संसद की नई इमारत में पहले दिन पेश किया गया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया। इस विधेयक में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। वास्तव में महिला आरक्षण के लिए पेश किया गया विधेयक 128वां संविधान संशोधन विधेयक है। विधेयक में कहा गया है कि लोकसभा, राज्यों की विधानसभाओं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसका अर्थ यह हुआ कि लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

- जितेन्द्र शुक्ला

नारी शक्ति वंदन

केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लगातार दो बार सरकार बनने के बाद सरकार, भाजपा और पार्टी संगठन की ओर से यह नारा लगाया जाने लगा कि, 'मोदी है तो मुमकिन है'। वास्तव में धरातल पर देखें तो सच्चाई भी यही दिखती है। राम मंदिर, धारा 370 जैसे तमाम विषय जो नामुमकिन कहे जाते थे, वह मुमकिन हुए और समस्या का समाधान निकला। इसी कड़ी में एक और नामुमकिन विषय संभव हुआ जब संसद के दोनों सदनों से एक प्रकार से सर्वसम्मति से महिला आरक्षण बिल पारित हुआ। मोदी सरकार ने आधी आबादी को उसका हक दिलाने के लिए नारी वंदन विधेयक संसद के विशेष सत्र में लेकर आयी। तमाम आशंकाओं का धता बताते प्रधानमंत्री मोदी का यह मास्टर स्ट्रोक विपक्ष का चारों खाने चित कर गया। जो दल कभी इस बिल के पूर्ण रूप से खिलाफ थे, उन्होंने ने भी इसे समर्थन दिया। दरअसल, महिला आरक्षण बिल 1996 से ही अधर में लटका रहा। उस समय एचडी देवगौड़ा सरकार ने 12 सितंबर 1996 को इस बिल को संसद में पेश किया था, लेकिन पारित नहीं हो सका था। यह बिल 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पेश हुआ था। बिल में संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव था। इस 33 फीसदी आरक्षण के भीतर ही अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए उप-आरक्षण का प्रावधान था। लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं था। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 1998 में लोकसभा में फिर महिला आरक्षण बिल को पेश किया था। कई दलों के सहयोग से चल रही वाजपेयी सरकार को इसको लेकर विरोध का सामना करना पड

PLUS D'HISTOIRES DE DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

तिरूपति में शादी करना चाहती हैं जान्हवी कपूर

जान्हवी कपूर ने अपने अब तक के सफर में बहुत कुछ झेला है। उनके संघर्ष, दर्द और को जानकर व समझकर आप उन्हें शोहरत, प्यार और इंसानी स्वभाव को लेकर उनके शंकालु होने के लिए दोषी नहीं ठहरा सकते। इन सबके बावजूद, एक बेबाक बातचीत के दौरान, मुंबई की वरिष्ठ पत्रकार मीरा गणपति ने उनके अंदर पुराने ज़माने के रोमांस को पाने की ललक देखी।

time to read

5 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

महागठबंधन में गांठ

उपेक्षा का आरोप लगाकर झामुमो ने किया बिहार विधानसभा चुनाव से किनारा, चुनाव के बाद करेंगे हिसाब

time to read

8 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

लाभार्थी वोटर दिखाएगा रंग

इस चुनाव में बिहार का लाभार्थी वोटर अहम भूमिका निभाने जा रहा है। चुनाव का सारा दारोमदार इसी वोटबैंक पर है। अगर इस वोटबैंक का मोहभंग हुआ तो एनडीए को इसका खामियाज़ा उठाना पड़ सकता है लेकिन जमीन पर ऐसा होता नहीं दिख रहा। छह किस्तों में महिलाओं के खाते में दस हजार रुपए डाल कर एनडीए ने बिहार चुनाव का रुख बदल दिया है। पटना से दस्तक टाइम्स की रिपोर्ट।

time to read

4 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

उत्तराखंडः 18 हजार शिक्षकों पर संकट की तलवार

पूरे देश में टीईटी को अनिवार्य बनाने को लेकर जहां शिक्षकों में रोष और आक्रोश है, वहीं उससे उत्तराखंड भी अछूता नहीं हैं। वहां विभिन्न स्कूलों में सेवारत 18 हजार शिक्षकों पर संकट की तलवार लटक रही है।

time to read

3 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

मानवीय गरिमा का लेखक

इस वर्ष साहित्य के प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से हंगरी लेखक लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई को उनके उपन्यास 'हर्ट 07769' के लिए नवाज़ा गया है। उन्हें यह सम्मान उनकी दूरदर्शी कृति के लिए मिला। उनकी रचनाएं, विशेषकर 'सियोबो देयर बिलो', चीन और जापान की यात्राओं से प्रेरित हैं, जो नश्वरता और सौंदर्य के गहरे विचारों को उजागर करती हैं। लास्ज़लो को आधुनिक साहित्य के सबसे कठिन, लेकिन गहराई वाले लेखकों में शुमार किया जाता है। उनकी लेखनशैली लंबी, विचारपूर्ण और दार्शनिक वाक्यों के लिए मशहूर है। कई बार एक वाक्य पूरी किताब जितने लंबे हो जाते हैं। उनकी भाषा में निराशा, हास्य और अस्तित्व की बेचैनी का मिलीजुला रूप नज़र आता है। पढ़िए, लास्जलो क्रास्जनाहोरकार्ड की रचनाशैली और उनकी कुछ रचनाओं के बारे में

time to read

5 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

प्रशांत किशोर की पहली अग्निपरीक्षा

जब चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने पिछले साल अक्टूबर में 200 दिनों की पदयात्रा के बाद जन सुराज पार्टी की शुरुआत की थी, तब उन्होंने खुद को बिहार की जड़ होती राजनीति में बदलाव का प्रतीक बताया। उन्होंने जमीनी स्तर पर लोगों को इकट्ठा करने और युवा एनर्जी से जुड़े एक मूवमेंट के साथ नीतीश कुमार की जेडी (यू) और लालू प्रसाद की आरजेडी की गहरी एकाधिकार वाली सरकार को चुनौती देने का वादा किया। टिकट वितरण के बाद पार्टी में विद्रोह, आरोप-प्रत्यारोप और पलायन ने पीके के 'सुधार अभियान' को झटका दिया है। जिन युवाओं और पेशेवरों ने बदलाव के सपने के साथ इस आंदोलन को खड़ा किया, वे अब आरोप लगा रहे हैं कि 'टिकट पैसों में बिके' और 'निर्णय ऊपर से थोपा गया।'

time to read

5 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

युवा हाथों में उत्तराखंड

2007 के बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का ऐसा दौर शुरू हुआ कि उत्तराखंड विकास की वह रफ्तार नहीं पकड़ पाया जिसकी इस राज्य को सबसे ज्यादा ज़रूरत थी। 2014 में जब केंद्र में पहली बार मोदी सरकार बनी तब उत्तराखंड की सत्ता कांग्रेस के हाथ में थी। उत्तराखंड में मार्च 2017 में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई। लेकिन राज्य में बीजेपी अंदरूनी राजनीति और अंतर्कलह का शिकार हो गई। तब पहली बार बीजेपी हाईकमान को लगा कि राजनीतिक स्थिरता के अलावा इस नए और प्रगितशील राज्य को एक युवा और ऊर्जावान नेतृत्व की ज़रूरत है जो ज़रूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाने से न चूके। और बीजेपी हाईकमान ने उत्तराखंड की कमान युवा नेता पुष्कर सिंह धामी के हाथ में सौंप दी।

time to read

4 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

रजत जयंती का जश्न

पारंपरिक पहाड़ी टोपी पहने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड की स्थापना के 25 साल पूरे होने का जश्न मनाने नौ नवंबर को देहरादून आए।

time to read

3 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

उत्तराखंड को बनाएंगे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य

रजत जयंती पर विशेष

time to read

7 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

अब यूपी के जेवर का जलवा

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत जल्द देश को एक जबरदस्त तोहफा देने जा रहे हैं। जेवर में एशिया का सबसे बड़ा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन कर तैयार हो चुका है। पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी, पटना समेत 10 शहरों के लिए उड़ानें मिलेंगी। जेवर का नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट इतना बड़ा है कि इसमें एक साथ 178 विमान खड़े हो सकते हैं। एयरपोर्ट की डिज़ाइन पूरी तरह से इको-फ्रेंडली और फ्यूचर-रेडी है। यूपी के हवाई परिवाहन के क्षेत्र में आई क्रांति पर दस्तक टाइम्स की यह रिपोर्ट।

time to read

3 mins

November - 2025

Translate

Share

-
+

Change font size

Holiday offer front
Holiday offer back