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असम को विकास की नई राह दिखा रहे डॉ हिमंत
DASTAKTIMES
|March 2023
हिमंत बिस्व शर्मा ने बहुत ही कठिन व चुनौतीपूर्ण दौर में राज्य की बागडोर संभाली थी। जब 10 मई 2021 को हिमंत सरकार का शपथ ग्रहण हुआ तब उस वक्त असम ही नहीं अपितु पूरा देश कोरोना की दूसरी और पहले से भी ज्यादा जानलेवा लहर का सामना कर रहा था। कोरोना की विभीषिका के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य व आर्थिक संकट ने आम जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया था।

आज से करीब ढाई हजार वर्ष पूर्व प्रसिद्ध यूनानी चिंतक प्लेटो ने दार्शनिक राजा की कल्पना की थी, जो भूमि पर नहीं अपितु प्रजा के दिलों पर राज करे। असम के वर्तमान मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की सरकार के पिछले 365 दिनों के कार्यकाल को देख कर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि हिमंत बिश्व शर्मा ने अपने कठिन परिश्रम से असम की जनता के दिलों में अपनी एक विशिष्ट जगह बना ली है। अपने कठोर निर्णयों, बेबाक अंदाज और अडिग व्यक्तित्व से उन्होंने न सिर्फ असम व उत्तर पूर्व बल्कि समग्र भारत में अपनी एक शाख स्थापित की है।
हिमंत बिस्व शर्मा ने बहुत ही कठिन व चुनौतीपूर्ण दौर में राज्य की बागडोर संभाली थी। जब 10 मई 2021 को हिमंत सरकार का शपथ ग्रहण हुआ तब उस वक्त असम ही नहीं अपितु पूरा देश कोरोना की दूसरी और पहले से भी ज्यादा जानलेवा लहर का सामना कर रहा था। कोरोना की विभीषिका के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य व आर्थिक संकट ने आम जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया था। चारों तरफ अविश्वास व अनिश्चितता का वातावरण था। ऐसे में जब हिमंत विश्व शर्मा ने मुख्यमंत्री पद का कार्यभार ग्रहण किया तब उनके समक्ष सबसे पहली और बड़ी चुनौती थी, प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करते हुए प्रदेश के लोगों के मन में आत्मविश्वास उत्पन्न करना और उन्हें यह यकीन दिलाना कि कोरोना की विभीषिका का डटकर सामना करने में प्रदेश की सरकार हर व्यक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। असम सरकार ने तत्काल व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण पर जोर देते हुए समग्र संसाधनों को कोरोना की जंग जीतने के लक्ष्य में झोंक दिया।
Cette histoire est tirée de l'édition March 2023 de DASTAKTIMES.
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