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नफरती आजम खान का बुरा अंजाम!
DASTAKTIMES
|November 2022
बदजुबानी के चलते आजम खान को एमपी/एमएलए कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है, जिसके चलते उनकी विधायिकी खतरे में है तो उनके सियासी सफर पर भी ग्रहण नजर आने लगा है। मामला 2019 का था। आजम लोकसभा का चुनाव लड़े थे। चुनाव प्रचार के दौरान सात अप्रैल को वह मिलक इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने गए थे।
सपा के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम चेहरा कहे जाने वाले आजम खान का राजनीति में उत्थान से लेकर पतन और अब सजायाफ्ता होने तक के बीच का सियासी सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक अब दिवंगत मुलायम सिंह ने मुस्लिम वोटों की खातिर आजम खान को खुली छूट दी थी। मुलायम के संरक्षण में पश्चिमी यूपी का बड़ा मुस्लिम चेहरा बन गए आजम को अखिलेश ने भी कभी नहीं छोड़ा। यही वजह थी कि समाजवादी पार्टी की सरकार के समय आजम खान इतना बेखौफ हो जाते थे कि न उन्हें कानून की चिंता रहती थी न ही पुलिस की। आजम खान की बदजुबानी की बात की जाए तो वह पीएम, सीएम, डीएम और एसएसपी जैसे बड़े अधिकारियों तक को खुले मंच पर गालियां देते थे। महिलाओं के अंडरवेयर के रंग बताते थे। सेना में जातिवाद ढूंढते थे। दंगाइयों का साथ देते थे। कुल मिलाकर आजम मौजूदा राजनीति की ऐसी जिंदा मिसाल हैं जिसमें राजनीतिक संरक्षण पाकर एक बदजुबान इंसान एक वर्ग विशेष का रहनुमा बन जाता है। सत्ता के गुरूर में आजम ने जो विष बेल बोई थी, अब उन्हें उसी की सजा मिल रही है। बदजुबानी के चलते आजम खान को एमपी/एमएलए कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है, जिसके चलते उनकी विधायिकी भी खतरे में है तो उनके सियासी सफर पर भी ग्रहण नजर आने लगा है। मामला 2019 का था। आजम लोकसभा का चुनाव लड़े थे। चुनाव प्रचार के दौरान सात अप्रैल को वह मिलक इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने गए थे। संबोधन के दौरान आजम ने वहां के तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह, उनकी मां, पीएम मोदी व सीएम योगी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की व मुस्लिमों को भड़काने तथा कटुता फैलाने जैसे आरोप लगाए थे। इसके बाद प्रभारी वीडियो अवलोकन टीम अनिल कुमार चौहान की तरफ से मिलक थाने में नौ अप्रैल 2019 को आजम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आजम के भड़काऊ भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। आजम को आईपीसी की धारा 153ए, धारा 505 और धारा 125 के तहत दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई गई थी। यह इन धाराओं में अधिकतम सजा है। आजम खान पिछले काफी समय से सीतापुर जेल में बंद थे और कुछ माह पूर्व उनको जमानत मिली थी। आजम से पूर्व उनकी पत्नी और पुत्र को भी जेल से जमानत पर रिहा किया गया था।
Cette histoire est tirée de l'édition November 2022 de DASTAKTIMES.
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