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Samay Patrika - October 2025

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Samay Patrika
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Samay Patrika Description:

Samay Patrika hindi magazine -all about books.

Dans ce numéro

समय पत्रिका के इस अंक में है सुधा मूर्ति की किताब 'दादाजी की कहानियों का पिटारा' की खास चर्चा। यह बहुत ही प्यारी और मन को मोह लेने वाली कहानियों का संग्रह है। इसे पढ़कर ऐसा लगता है, जैसे हम फिर से अपने दादा-दादी के प्यार-भरे बचपन की दुनिया में लौट गए हैं। यह किताब उनकी मशहूर किताब 'Grandpa’s Bag of Stories'की अगली कड़ी है। इस बार कहानियों का खजाना दादाजी, जिन्हें प्यार से 'अज्जा' कहते हैं, खोलते हैं। हिंदी पल्प साहित्य की दुनिया बहुत रंगीन और रहस्यों से भरी हुई है, साथ ही बहुत रोमांचक भी है। यशवंत व्यास की किताब 'बेगमपुल से दरियागंज' इसी ख़ास दुनिया के राज़ खोलती है। यह हमें उन गलियों में ले जाती है, जहाँ सस्ते कागज़ पर छपी कहानियों को पढ़कर करोड़ों लोग अपने सपने, रोमांच और जिज्ञासाएँ पूरी किया करते थे। मानव कौल का उपन्यास 'संयम' उनकी अब तक की सबसे अंतरंग और आत्मिक रचना है। यह एक ऐसा उपन्यास है जहाँ चित्रकला का कैनवास शब्दों में उतरता है और गहन अकेलापन एक मार्मिक कथा का रूप ले लेता है। यह कृति सिर्फ कला की बारीकियों, गहरे मौन की भाषा, और स्वयं की खोज का एक अत्यंत सुंदर और प्रभावशाली मेल है। 'संयम' पढ़ते हुए पाठक लेखक के निजी अनुभवों और भावनाओं के करीब पहुँचते हैं। हार्पर हिन्दी से एक बेहद खास किताब आई है— 'अंबुजा की कहानी'। यह पुस्त​क सिर्फ एक कंपनी की नहीं, बल्कि भारतीय उद्यमिता के उस अदम्य साहस की गाथा है, जिसने तमाम चुनौतियों के बावजूद असंभव को संभव कर दिखाया। यह संस्मरण नरोत्तम सेखसरिया की यात्रा पर केंद्रित है, जिन्होंने कपास के कारोबार को छोड़कर, 1983 में सीमेंट जैसे बिल्कुल अनजाने और जोखिम भरे क्षेत्र में कदम रखा। इसके अलावा आनन्द प्रधान की पुस्तक 'न्यूज़ चैनलों का जनतन्त्र' की खास चर्चा। साथ में होगी नई किताबों की बातें।

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