नाड़ियों के शुद्धीकरण का सटीक तरीका है अनुलोम-विलोम एवं भस्त्रिका
Jyotish Sagar|June 2023
इस प्राणायाम के अभ्यास से नाड़ियों का शुद्धीकरण होता है, अतः इसे नाड़ीशोधन इ कहते हैं।
ढाकाराम
नाड़ियों के शुद्धीकरण का सटीक तरीका है अनुलोम-विलोम एवं भस्त्रिका

भस्त्रिका की तरह ही सीधे बैठकर, कोमलता से आँखें बंद करके अंतर्मुखी हो जाएँ। श्वास निकालते हुए अपना दाहिना हाथ उठाएँ। श्वास पूरी तरह निकालने के बाद दाहिने हाथ के अँगूठे की सहायता से दाहिना नासारंध्र बन्द करें। बायें नासारंध्र से धीरेधीरे श्वास भरें। पूरी तरह श्वास भरने के बाद अनामिका अँगुली की सहायता से बायीं नासिका (नासारंध्र) बंद करें और दायीं नासिका से अँगूठा हटा लें। अब दायीं नासिका से श्वास निकालें एवं पुनः भरें। वापस अँगूठे से दाहिना नासारंध्र बन्द करें और बायें नासारंध्र को खोलकर बायें से श्वास बाहर निकालें। यह एक चक्र हो गया।

इस प्रकार लगातार 5 से 10 चक्र करें। अन्तिम चक्र पूरा होने के बाद बायीं नासिका से श्वास भरकर कम से कम 1 मिनट तक विश्राम और आत्मनिरीक्षण करें। श्वास सामान्य रखें। अगर नियमित अभ्यास कर रहे हो, तो हर माह 3-4 चक्रों का अभ्यास बढ़ा सकते हैं।

अनुलोम-विलोम करते समय बरती जाने वाली सावधानियाँ

Esta historia es de la edición June 2023 de Jyotish Sagar.

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