सेहत का तंत्र लाइलाज!
Panchjanya|October 09, 2022
क्योंझर जिले में बीते दिनों 13 शिशुओं की मौत ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और कुपोषण को फिर से उजागर कर दिया है। क्योंझर में राज्य का 75 प्रतिशत लौह अयस्क पाया जाता है। खनन कंपनियां जिला खनिज निधि में हजारों करोड़ रुपये जमा कराती हैं। केंद्र भी पैसा देता है, फिर भी स्थिति जस की तस
डॉ. समन्वय नंद
सेहत का तंत्र लाइलाज!

क्योंझर ओडिशा का सबसे बड़ा और खनिज संपदा से समृद्ध जिला है। राज्य के उत्तरी छोर पर बसा विविध प्राकृतिक संसाधनों वाला यह जिला अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां बड़ी संख्या में खनन कंपनियां मौजूद हैं। इसके बावजूद इस जिले में न तो स्वास्थ्य सेवाओं की सेहत अच्छी है और न ही बच्चों की। बीते दिनों क्योंझर जिला मुख्य चिकित्सालय में 18 दिनों में 13 शिशुओं ने दम तोड़ दिया। ये सारी मौतें लापरवाही के कारण हुईं।

इस पर हंगामा होना ही था। तब जिला प्रशासन हरकत में आया। पहले तो जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आक्रोशित लोगों को शांत कराने का प्रयास किया और एहतियातन अस्पताल परिसर में पुलिस बल की तैनाती कर दी। बच्चों को खो चुके परिजनों का कहना था कि उनके बच्चों की मौत डॉक्टरों व नर्सों की लापरवाही के कारण हुई। इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर नहीं थे, इसलिए बच्चों का समय पर इलाज नहीं हुआ। एक और बच्चे के पिता ने बताया कि उन्होंने रात 9 बजे अपने लाडले को जब अस्पताल में भर्ती कराया, तो कोई डाक्टर नहीं था। अगले दिन दोपहर अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उनके बच्चे की मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां इतनी संख्या में बच्चों की मौत हुई है।

लचर हैं स्वास्थ्य सेवाएं

बहरहाल, परिजन जब नहीं माने तो प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए। इसमें पता चला कि अस्पताल में पिछले 18 दिनों में 13 बच्चों की मौत हो चुकी है। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत बताती है कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति लचर है। स्थानीय मीडिया में बच्चों की मौत की खबर आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नवकिशोर दास हरकत में आए और घटना की जांच कराने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ बच्चे कुपोषण के शिकार थे। स्वास्थ्य विभाग को जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। उधर, जिला अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद सरकार ने आनन-फानन में सीडीएमओ को हटा दिया और अतिरिक्त निदेशक (बाल स्वास्थ्य) डॉ. रश्मि सत्पथी ने अस्पताल का दौरा किया।

Esta historia es de la edición October 09, 2022 de Panchjanya.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición October 09, 2022 de Panchjanya.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE PANCHJANYAVer todo
शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
Panchjanya

शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता

रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे

time-read
2 minutos  |
March 12, 2023
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
Panchjanya

शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!

वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !

time-read
2 minutos  |
March 12, 2023
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
Panchjanya

कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की

कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे

time-read
3 minutos  |
March 12, 2023
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
Panchjanya

फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा

अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है

time-read
3 minutos  |
March 12, 2023
होली का रंग तो बनारस में जमता था
Panchjanya

होली का रंग तो बनारस में जमता था

होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश

time-read
3 minutos  |
March 12, 2023
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
Panchjanya

आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन

भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है

time-read
4 minutos  |
March 12, 2023
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
Panchjanya

नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा

नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

time-read
3 minutos  |
March 12, 2023
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
Panchjanya

सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल

त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा

time-read
4 minutos  |
March 12, 2023
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
Panchjanya

जीवनशैली ठीक तो सब ठीक

कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया

time-read
5 minutos  |
March 12, 2023
नाकाम किए मिशनरी
Panchjanya

नाकाम किए मिशनरी

भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई

time-read
2 minutos  |
March 12, 2023