त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनने के एक वर्ष के भीतर ही डॉ. माणिक साहा को फरवरी 2023 में विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करना पड़ा। विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच यह भाजपा के लिए एक चुनौती थी। त्रिपुरा के प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व द्वारा समर्थित इस चुनौती को स्वीकार किया और भाजपा ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया। मुख्यमंत्री साहा ने शानदार जीत का श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा राज्य के समग्र आर्थिक परिदृश्य और बुनियादी ढांचे के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास पार्टी की प्रचंड जीत में मील का पत्थर थे। राज्य में वाम दलों के 25 वर्ष के कुशासन की तुलना में लोग पिछले पांच वर्ष में भाजपा के सुशासन से खुश थे। जनादेश के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “धन्यवाद त्रिपुरा! यह प्रगति और स्थिरता के लिए वोट है। भाजपा राज्य के विकास पथ को बढ़ावा देना जारी रखेगी। जमीनी स्तर पर शानदार प्रयासों के लिए मुझे सभी त्रिपुरा भाजपा कार्यकताओं पर गर्व है।"
स्पष्ट जनादेश
पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में भाजपा लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई है। त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 55 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से भगवा पार्टी 32 सीटें जीतने में सफल रही, जो बहुमत के निशान से 2 अधिक थीं।
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फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
मंदिरों के रास्ते भारत पर चोट
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स्वरोजगार में जुटे शरणार्थी
दिल्ली में रहने वाले 58 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को कई सेवाभावी संगठनों की ओर से रोजगार के लिए दी गई मदद । कोई सब्जी, तो कोई फल, तो कोई बेच रहा है कचौरी
लोकजागरण के लिए लोकोत्सव
जनसाधारण को जलवायु परिवर्तन और बढ़ते वैश्विक तापमान से परिचित कराने के लिए कोल्हापुर में पंचमहाभूत लोकोत्सव का आयोजन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में जनसामान्य के साथ पर्यावरणविदों ने भाग लिया
पाप कांग्रेस का, धो रही है भाजपा
सोनिया- मनमोहन सरकार ने 2014 में लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद एक राजपत्र जारी कर दिल्ली की 123 संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को देने का निर्णय लिया था। भारत सरकार ने उन्हें अपने पास ही रखने का फैसला लिया है
धर्मस्थलों की निखरेगी सूरत
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मजहब से अब नहीं मतलब
दुनिया भर में बड़ी संख्या मुसलमान इस्लाम छोड़ रहे हैं। खासकर, केरल में तो बीते कुछ वर्षों में इस्लाम त्यागने वालों की संख्या काफी बढ़ी है। लेकिन मजहब से नाता तोड़ने वालों को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। अब ऐसे लोगों के पीछे ‘एक्स मुस्लिम्स ऑफ केरल' नामक संगठन मजबूती से खड़ा है
तुर्किये में 'ऑपरेशन दोस्त'
भारत मानवीयता के आधार पर आपदाग्रस्त तुर्किये और सीरिया की खुले मन से सहायता कर रहा है। भारत विरोधी तुर्किये को यह बात समझ आ गई है कि पाकिस्तान नहीं, बल्कि भारत उसका सच्चा दोस्त है जो कठिन समय में उसकी मदद में जुटा है
समृद्धि की जुड़ीं असंख्य कड़ियां
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