भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रीपो दर में अनुमान के मुताबिक 25 आधार अंक इजाफा कर आज उसे 6.50 फीसदी तक पहुंचा दिया। इसके बाद रीपो दर पिछले चार साल के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय बैंक की 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पहले दी गई राहत वापस लेने का अपना रुख बरकरार रखा है, जबकि कई लोग मान रहे थे कि इस बार उसका रुख तटस्थ हो सकता है।
शक्तिकांत दास ने जब दिसंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर की जिम्मेदारी संभाली थी तब भी रीपो दर 6.5 फीसदी पर थी। इस तरह दास के नेतृत्व में नीतिगत नीचे जाकर वापस वहीं पहुंच गई है। उन्होंने फरवरी 2019 में एमपीसी की अपनी पहली बैठक में 25 आधार अंक कटौती के साथ रीपो दर 6.25 फीसदी करने का निर्णय किया था।
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