![भाजपा के राजनीतिक करिश्मे के कर्णधार अटल बिहारी वाजपेयी](https://cdn.magzter.com/1439580476/1715749443/articles/fA6LsDcah1715757755661/1715757880895.jpg)
बैठक प्रारंभ हुई, पहले आडवाणीजी ने जनता पार्टी से उत्पन्न सभी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि दोहरी सदस्यता के नाम जनता पार्टी के अन्य घटक हमें संघ के स्वयं सेवक नहीं रहने और उनके कार्यक्रमों के साथ-साथ संघ की सदस्यता छोड़ने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने और अटलजी ने जनता पार्टी के नेताओं को बहुत समझाने की कोशिश की और कहा कि संघ में सदस्यता नहीं होती है संघ से हमारा वैचारिक संबंध है। लेकिन जनता पार्टी नेताओं और अन्य घटकों को यह बात समझ में नहीं आई। वहां उपस्थित सर्वश्री जगन्नाथ राव जोशी, भैरो सिंह शेखावत, सुंदर सिंह भंडारी, केदारनाथ साहनी, डॉ मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार, विजय कुमार मल्होत्रा, कुशाभाऊ ठाकरे, जे.पी. माथुर, कैलाशपति मिश्र, उत्तम राव पाटिल, विष्णुकांत शास्त्री, ओ. राजगोपाल, यज्ञदत्त शर्मा, मदनलाल खुराना, अश्विनी कुमार, केशुभाई पटेल, यदुरप्पा जी सहित देश के सौ सवा सौ से अधिक नेताओं ने एक साथ कहा कि हम सबसे पहले स्वयंसेवक हैं और संघ से हमारा नाता मरणोंपरांत भी नहीं छूट सकता, इसके लिए भले ही जनता पार्टी छोड़ना पड़े। अंत में सभी की भावना सुनकर अटलजी भाव विभोर हो गए और उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं और सदैव रहेंगे। लेकिन अब जनता पार्टी के सदस्य नहीं रहेंगे। उपस्थित सभी नेताओं ने अटल जी की बात सुनकर तालियां बजाई और एक स्वर से कहा कि हमने जनसंघ राजनैतिक दल जनता पार्टी में मिलाया था, पर जनसंघ के कार्यकर्ता तो आज भी गांव-गांव में हैं। जनसंघ के कार्यकर्ताओं और संघ के सहयोग के कारण ही जनता पार्टी को देश में इतनी सीटें सन 1977 में आपातकाल खत्म होने के बाद मिली। बैठक में एक समिति सुंदर सिंह भंडारी की अध्यक्षता में बनाई गई, और इस समिति को नया दल, नया चुनाव चिन्ह और नया संविधान बनाने का कार्य सौंपा गया।
Esta historia es de la edición April 2024 de Open Eye News.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición April 2024 de Open Eye News.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
![जग कल्याण के लिए अवतरित हुए थे भगवान झूलेलाल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/rVxGQWhaB1715757981706/1715758101147.jpg)
जग कल्याण के लिए अवतरित हुए थे भगवान झूलेलाल
यह हिन्दुस्तान की खूबसूरती ही है कि यहाँ सभी मजहबों के तीज-त्योहार उत्साह, सदभाव, आस्था के साथ मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है झूलेलाल जयंती। भारत और पाकिस्तान के साथ ही दुनिया भर में जहां भी सिंधी समाज के लोग रहते हैं वो झूलेलाल जयंती पूरे उत्साह के साथ मनाते है।
![अदालत की बेंच की तरह काम करता है चुनाव आयोग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/_SZhODZJa1715757897443/1715757978727.jpg)
अदालत की बेंच की तरह काम करता है चुनाव आयोग
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अप्रत्याशित रूप से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे ने आयोग के भीतर सर्वसम्मति से होने वाले कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए। वैसे, कुछ बरसों के अंतराल में संस्था के भीतर गंभीर मतभेद सामने आते रहे हैं।
![भाजपा के राजनीतिक करिश्मे के कर्णधार अटल बिहारी वाजपेयी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/fA6LsDcah1715757755661/1715757880895.jpg)
भाजपा के राजनीतिक करिश्मे के कर्णधार अटल बिहारी वाजपेयी
पूर्व सांसद एवं पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा देश में जनसंघ का पहला अपना निजी कार्यालय जो ग्वालियर में बना था, उसमें रहता था, मैं भी स्वर्गीय शेजवलकर जी के साथ बैठक में बतौर पत्रकार चला गया।
![धर्म आधारित आरक्षण में सेंधमारी का मुद्दा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/qAyz2jIKC1715757641110/1715757746122.jpg)
धर्म आधारित आरक्षण में सेंधमारी का मुद्दा
अल्पसंख्यका बनाम मुस्लिमों को पिछड़ों, दलित और आदिवासियों के संविधान में निर्धारित कोटा के अंतर्गत 4.5 प्रतिशत आरक्षण देने की केंद्र सरकार की मंशा रही थी। लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप के चलते इस मंशा को पलीता लग गया था।
![बंगाल में इस बार रोचक होगा चुनावी मुकाबला](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/3uhKW0hE91715757512543/1715757615273.jpg)
बंगाल में इस बार रोचक होगा चुनावी मुकाबला
यह स्वतंत्र भारत के इतिहास का पहला अवसर है जब किसी राजनीतिक दल के सांसदों ने चुनाव आयोग का दरवाजा इसलिए खटखटाया कि केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई ईडी और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदल जाए।
![राजनीतिक बयानों की चल रही है आंधी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/2N93f55d-1715757381513/1715757509200.jpg)
राजनीतिक बयानों की चल रही है आंधी
देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों में बयानों की आंधी सी चल रही हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने आपको आम जनता का हितैषी सिद्ध करने का प्रचार कर रहे हैं। इन बयानों में कहीं कहीं राजनीति की मर्यादा का भी उल्लंघन भी होता दिख रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान सभी दल अपने अपने हिसाब से ढोल पीटकर जनता को अपने पाले में लाने की कवायद कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि राजनीतिक दलों द्वारा जो बयान दिए जा रहे हैं, वह देखने में तो ऐसा ही लगता है कि यह सब बातें अप्रमाणिक सी लगती हैं।
![अन्नामलाई की भाजपा को दक्षिण में कमल खिलाने की गारंटी?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/ZeOVG9ZDP1715757296154/1715757369121.jpg)
अन्नामलाई की भाजपा को दक्षिण में कमल खिलाने की गारंटी?
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने इस धारणा को बदल दिया है और फिर पूर्व आईपीएस अधिकारी के अन्नामलाई को तमिलनाडु का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद द्रविड़ पार्टी के प्रभुत्व वाले दक्षिणी राज्य में बीजेपी की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं।
![देश में 83 प्रतिशत है बेरोजगारी!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/J5Ec2qK5h1715757161634/1715757288406.jpg)
देश में 83 प्रतिशत है बेरोजगारी!
हालांकि हम लोग एक भयावह रूप से हिंसाग्रस्त विश्व में जी रहे हैं, वह जिसमें लगातार होने वाले युद्ध, सैन्यीकरण, नए किस्म का अधिनायकवाद, बढ़ती आर्थिक असमानता, पर्यावरण संकट और सामाजिक कारणों से बना मानसिक संताप इसका चरित्र बन गया है और मानो इन सबके बीच 'खुशी' ढूंढ़ना एक अनन्त खोज बन गई है।
![नौ शक्तियों का मिलन पर्व है नवरात्रि](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/Oznl-Cp0-1715757064923/1715757133233.jpg)
नौ शक्तियों का मिलन पर्व है नवरात्रि
रतीय समाज में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है, जो आदि शक्ति की पूजा का पावन पर्व है। नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के विभिन्न नौ स्वरूपों की उपासना के लिए निर्धारित हैं और इसीलिए नवरात्रि को नौ शक्तियों के मिलन का पर्व भी कहा जाता है।
![भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना ही संघ का है मुख्य लक्ष्य](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/11061/1699961/ZqFG239Q81715756941603/1715757059474.jpg)
भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना ही संघ का है मुख्य लक्ष्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर में दिनांक 15 से 17 मार्च 2024 को सम्पन्न हुई है। इस बैठक में पूरे देश से 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और श्रीराम मंदिर से राष्ट्रीय पुनरुत्थान की ओर विषय पर एक प्रस्ताव भी पास किया गया।