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शनि धीमी गति का विजेता
शनि की कठोर वास्तविकता से सूर्य का अहंकार आहत होता है। इस योग का जातक बहुत सारी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों से बोझिल हो जाता है। कम उम्र में ही परिपक्व हो जाता है।
वास्तु विश्लेषण - केदारनाथ धाम मन्दिर
केदारनाथ मन्दिर के पीछे उत्तर दिशा में पहाड़ियों की ऊँचाई है तथा मन्दिर के आगे की ओर दक्षिण दिशा में ढलान है, जहाँ आगे जाकर मंदाकिनी नदी बह रही है। इसी कारण यह मन्दिर प्रसिद्ध भी है और जून 2013 में आई त्रासदी में सदियों पुराना केदारनाथ मन्दिर बचा भी रहा।
योगी आदित्यनाथ - रच दिया इतिहास!
10 मार्च, 2022 को उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों में मुख्यमन्त्री आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व में भाजपा ने लगातार दूसरी बार बहुमत प्राप्त कर इतिहास रच दिया।
विक्रम संवत् 2079 - शनि है संवत्सर का राजा
संवत् 2079 की ग्रहपरिषद में राजा का पद शनि को प्राप्त हुआ है। गुरु को मन्त्री पद मिला है। शनि सस्येश, नीरसेश एवं धनेश; शुक्र धान्येश; बुध मेघेश एवं दुर्गेश; चन्द्रमा रसेश तथा मंगल फलेश होंगे। राजा एवं अन्य तीन पदों पर पापग्रह शनि का होना शुभ नहीं है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की - समाधान की ओर बढ़ते कदम
यूक्रेन-रूस विवाद
समीक्षात्मक अध्ययन - बिना पीड़ा मृत्यु योग
यदि जन्मचक्र में द्वादशेश सौम्य ग्रह की राशि अथवा सौम्य ग्रह के नवांश अथवा सौम्य ग्रह के साथ स्थित हो, तो जातक की बिना पीड़ा, बिना किसी क्लेश के मृत्यु होती है।
देवी पूजन में इनका भी रखें ध्यान
मंत्र-जप में दिशा का विचार भी अत्यावश्यक है। प्रात:काल पूर्व की ओर, सायंकाल पश्चिम की ओर मुख करके जप करना प्रशस्त है। विशिष्ट साधनाओं के लिए उपयुक्त दिशा का विचार करना चाहिए।
मृत्यु की विभिन्न अवस्थाएँ!
मृत्यु क्या है? मृत्यु के पश्चात् आत्मा या देह की चेतनता कहाँ जाती है? क्या मृत्यु के पश्चात् पुनर्जन्म होता है? क्या मृत्यु के पश्चात् भी आत्मा से सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है?
नवरात्र में ऐसे करें नवदुर्गा की आराधना
नवरात्र - 02 से 10 अप्रैल तक
ऐसे समर्पित करें सप्तशती के पाठ को
नवरात्रों में दुर्गासप्तशती का पाठ सामान्यत: किया जाता है, किन्तु इसके पाठ में एक त्रुटि भी सामान्यत: रह जाती है, वह है पाठ का समर्पण।
13 अप्रैल, 2022 को गुरुका मीन राशि में प्रवेश
पीताम्बरः पीतवपुः किरीटी चतुर्भुजो देवगुरुः प्रशान्तः। दधाति दण्डञ्च कमण्डलुञ्च तथाक्षसूत्रं वरदोऽस्तु मह्यम्।।
होली पर सिद्ध करें विशेष प्रभावी शाबर मन्त्र
शाबर मन्त्र देखने में सरल प्रतीत होते हैं, परन्तु उनके प्रभाव को भी हम सभी ने अपने जीवन में कई बार अनुभव किया है। होली का पर्व शाबर मन्त्र सिद्ध करने का विशेष पर्व है। प्रस्तुत है कतिपय उपयोगी शाबर मन्त्र।
वास्तु अनुकूलताओं से भी प्रसिद्ध है काशी विश्वनाथधाम
काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर का वास्तु विश्लेषण
राहु का गोचरफल अन्य ग्रहों के सन्दर्भ में
विशेषतः गुरु, शनि एवं केतु के सम्बन्ध में
राफेल नडाल के 21 ग्रैंडस्लेम राजयोगकारक दशाओं ने रचाया इतिहास
टूर्नामेंट के दौरान यदि राजयोगकारक ग्रहों की दशा हो, तो जातक का प्रदर्शन उस टूर्नामेंट में बेहतर होता है। ध्यातव्य रहे कि शुक्र लग्न, द्रेष्काण एवं नवांश तीनों में ही राजयोग का निर्माण कर रहा है।
रत्नों से संवारें अपना जीवन
मोती सफेद, सुनहरा, गुलाबी तथा काले रंगों में पाया जाता है। बसरा मोती सर्वश्रेष्ठ होता है। इसका स्वामी चन्द्रमा होता है। मोती पहनने से जातकों को मानसिक तथा शारीरिक लाभ होता है।
योगासन पाचन एवं प्रजननतंत्र में लाभकारी पश्चिमोत्तासन
योग के संदर्भ में पूर्व' यानि शरीर का सामने या पेट की तरफ का हिस्सा और पश्चिम यानि पीछे या पीठ की तरफ का भाग। 'उत्तान' का अर्थ होता है तानना'। चूँकि इस आसन में शरीर का पृष्ठ (पश्चिम) भाग पूरा तनता है, अतः इसे पश्चिमोत्तान' कहते है।
पत्रिका में केतु छायाग्रह होकर भी है शुभ!
केतु के सिर नहीं है, तो बुद्धि भी नहीं होगी। जब बुद्धि ही नहीं है, तो चालाकी और चतुराई होने का तो सवाल ही नहीं उठता। केतु के हृदय है और हृदय में ममता, दया, करुणा और भावुकता विद्यमान होती है। इससे मालूम चलता है कि हृदय से बनने वाले गुण केतु के अन्दर होंगे।
कैसा रहेगा मेष का राहु भारत के लिए?
राहु के राशि परिवर्तन पर विशेष
सर्वांगासन
शरीर के समस्त अंगों को फायदा पहुंचाने वाला
महामृत्युजय मन्त्र परिचय, महत्त्व और जपविधि
महाशिवरात्रि पर विशेष
बुद्धि-वृद्धि तथा विद्याप्राप्ति के प्रयोग
माघ मास में विशेष
प्रतिमाह 2 लाख तक कमाने का अवसर!
ज्योतिष में कॅरिअर
पुनः चुनौति भरा समय!
बोरिस जॉनसन
जहाँ 12 साल बाद लड़कियाँ बन जाती हैं लड़के!
एक अनोखा गाँव!
गंगोत्री-बद्रीनाथ तक होगी चौड़ी रोड
चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना
केमद्रुम योग से भयभीत न हों
चन्द्रमा के दोनों ओर कोई ग्रह स्थित नहीं होने मात्र से केमद्रुम योग के भय से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, अपितु इस स्थिति में इस अशुभ केमद्रुम योग के प्रभावहीन और निष्फल होने की परिस्थितियों का भी विशेष रूप से परीक्षण कर लेना चाहिए।
अपने भाग्य से कोई भी भाग नहीं सकता
जिन्हें बार-बार लगातार सफलता मिल रही होती है, जिनके हर सोचेसमझे कार्य सिद्ध हो जाते हैं, उन्हें लगता है कि भाग्य उनके वश में है, लेकिन भाग्य किसी के वश में नहीं है, अपितु हम भाग्य के वश में होते हैं।
4 साल में 12वें सबसे अमीर व्यक्ति
चांगपेंग झाओ
सूर्य रत्न माणिक्य
माणिक्य रक्तवर्धक, वायुनाशक, उदररोग निवारक, नेत्ररोग निवारक और हृदयरोग में राहत देने वाला होता है। माणिक्य रत्न घर में रखने से उसकी किरणों के प्रभाव से घर में विद्यमान कीटाणु नष्ट होते हैं।