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![किसान की आय चपरासी से भी कम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1165679/gUGdzueYY1671621052715/1671621372282.jpg)
किसान की आय चपरासी से भी कम
वर्ष 2022 भी चला गया, पर नहीं हुई किसानों की आय दोगुनी
![शिमला मिर्च की वैज्ञानिक विधि से खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1165679/_iDXAYAiM1671620234586/1671620861362.jpg)
शिमला मिर्च की वैज्ञानिक विधि से खेती
पहले इस की खेती ठंडे जगहों पर ही होती थी, लेकिन अब इस की खेती मैदानी क्षेत्रों में भी की जाने लगी है.
![पोटाश गेहूं को बनाए दमदार दिलाए अधिक पैदावार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1165679/f6dSWJbZL1671619806545/1671620229913.jpg)
पोटाश गेहूं को बनाए दमदार दिलाए अधिक पैदावार
भारत में गेहूं की खेती तकरीबन 3 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर होती है. विश्व के गेहूं के कुल क्षेत्रफल और उत्पादन का तकरीबन 12 फीसदी भारत में ही है.
![जीएम फसल और तकनीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1165679/UDLS268s81671619274161/1671619716285.jpg)
जीएम फसल और तकनीक
भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में खाद्यान्न फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता एक गंभीर चुनौती बनी हुई है.
![किसान कैसे करें फसलों की पाले से सुरक्षा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1165679/p9D64UQVF1671618562652/1671619268868.jpg)
किसान कैसे करें फसलों की पाले से सुरक्षा
सर्दी का मौसम शुरू होते ही हर किसी के सामने ठंडक एक समस्या बन कर खड़ी हो जाती है.
![कम जोत वाले किसानों के लिए मिनी रोटावेटर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1165679/XDcLloI-A1671618224785/1671618528178.jpg)
कम जोत वाले किसानों के लिए मिनी रोटावेटर
इस मशीन से किसान खेत की जुताई से ले कर कटाई तक का काम आसानी से कर सकते हैं. इन्हें इस्तेमाल करने के लिए छोटे ट्रैक्टर से काम लिया जा सकता है.
![आर्गेनिक खेती और देशी बीज का प्रशिक्षण संपन्न](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1159723/JatmWYDJy1671109010344/1671109088331.jpg)
आर्गेनिक खेती और देशी बीज का प्रशिक्षण संपन्न
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रकाश सिंह रघुवंशी ने किसानों को जैविक खेती और उन्नत बीज उत्पादन का प्रशिक्षण दिया.
![दिसंबर महीने में खेती के काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1159723/4Et5NXbHp1671108703222/1671109007323.jpg)
दिसंबर महीने में खेती के काम
जिन किसानों ने गेहूं की समय से बोआई की है, वह गेहूं में नाइट्रोजन की बाकी बची मात्रा दें और 15-20 दिन के अंतराल से सिंचाई करते रहें.
![गेहूं की नई किस्मों से लें अधिक उत्पादन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1159723/-W4kBTcLC1671108335603/1671108692129.jpg)
गेहूं की नई किस्मों से लें अधिक उत्पादन
गेहूं की खेती हमारे देश में 31.88 मिलियन हेक्टेयर पर की जाती है. देश में गेहूं उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है.
![बढ़िया औक्सीजन देंगे ये पौधे](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1159723/zzLbZouP31671106909659/1671108327596.jpg)
बढ़िया औक्सीजन देंगे ये पौधे
आज के समय में यह सूझबूझ बहुत काम आ सकती है कि घर के भीतर कुछ ऐसे पौधे हों, जो फेफड़ों को औक्सीजन देने में सहायता करें. बहुत ही कम खर्च पर यह काम हर कोई कर सकता है.
![कैसे करें धान का भंडारण](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1159723/4GKqtbR_T1671106489809/1671106684649.jpg)
कैसे करें धान का भंडारण
धान की खेती करने वाले किसानों के लिए उस के भंडारण के लिए भी उचित प्रक्रिया अपनानी चाहिए जिस से लंबे समय तक धान को सुरक्षित रखा जा सके.
![फसल अवशेष से कंपोस्ट](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1159723/KU7EHogoX1671106082749/1671106481261.jpg)
फसल अवशेष से कंपोस्ट
भारत में विभिन्न फसल प्रणालियों से लगभग 501.7 मिलियन टन फसल अवशेष उत्पादन होता है. फसल अवशेष उत्पादन में उत्तर प्रदेश, पंजाब व हरियाणा प्रमुख राज्य हैं. इन राज्यों में मुख्य रूप से धान व गेहूं आधारित फसल प्रणाली होती है.
![पशुओं को संक्रामक रोगों से बचाएं ये टीके](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1159723/x-wHfYqEc1671105896705/1671106078606.jpg)
पशुओं को संक्रामक रोगों से बचाएं ये टीके
भारत में पशुधन का अत्यधिक महत्त्व है. ग्रामीण क्षेत्रों में तो पशुधन ही कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. पशुधन को हम रोजगार का जरीया भी बना सकते हैं. पशुओं की सही देखभाल और बीमारियों से बचाना भी बहुत जरूरी है.
![पोटैटो डिगर आलू खुदाई यंत्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1159723/4Mo38AjtF1671105581195/1671105892294.jpg)
पोटैटो डिगर आलू खुदाई यंत्र
आलू की खेती अगर अगेती की जाए, तो जल्दी ही आलू की खुदाई कर उसे मंडी में बेच कर अच्छा मुनाफा लिया जा सकता है. साथ ही, खाली हुए खेत में गेहूं की फसल भी ली जा सकती है.
![औषधीय पौध के लिए जुनूनी किसान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1137594/KB2Ag3nhs1669293109572/1669293233428.jpg)
औषधीय पौध के लिए जुनूनी किसान
हमारे यहां किसान का जुनून खेतों की लहलहाती फसल से देखा जा सकता है. यहां ऐसे ही एक किसान से आप को मिला रहे हैं, जो खेतीबारी से ज्यादा बागबानी में ध्यान देता है. इस किसान का नाम रामलोटन कुशवाहा है. मध्य प्रदेश के सतना जिला हैडक्वटर से तकरीबन 25 किलोमीटर और उचेहरा ब्लौक से 10 किलोमीटर दूर बसे गांव अतरवेदिया खुर्द के निवासी हैं ये.
![औषधीय व सुगंधित पौधों की जैविक विधि से खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1137594/txgCjH0wb1669292470171/1669293107679.jpg)
औषधीय व सुगंधित पौधों की जैविक विधि से खेती
सभ्यता की शुरुआत से ही इनसान दूसरे जीवों की तरह पौधों का इस्तेमाल भोजन व स औषधि के रूप में करता चला आ रहा है. आज भी ज्यादातर औषधियां जंगलों से उन के प्राकृतिक उत्पादन क्षेत्र से ही लाई जा रही हैं. इस का मुख्य कारण तो उन का आसानी से उपलब्ध होना है, पर इस से भी बड़ा कारण जंगल के प्राकृतिक वातावरण में उगने के चलते इन पौधों की अच्छी क्वालिटी का होना है.
![धनिया उत्पादन की उन्नत तकनीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1137594/uO1vwfL8i1669292015526/1669292343004.jpg)
धनिया उत्पादन की उन्नत तकनीक
धनिया मसालों वाली फसलों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है. इस के दानों में पाए जाने वाले वाष्पशील तेल के कारण यह भोज्य पदार्थों को स्वादिष्ठ एवं सुगंधित बनाती है. भारत में इस की खेती मुख्यतः राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में की जाती है.
![सघन बागबानी : कमाई का दमदार जरीया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1137594/Q2lP-r2ZI1669291757656/1669292005759.jpg)
सघन बागबानी : कमाई का दमदार जरीया
खेतीबागबानी की जमीन बढ़ती जनसंख्या के साथसाथ लगातार घट रही है, ऐसे में लंबेचौड़े इलाके में खुलेआम बाग लगाना घाटे का सौदा है. हालात से निबटने के लिए सघन बागबानी अपनाने में ही बागबानों व देश की भलाई है
![फसल को कीटों से बचाएं लगाएं फसल रक्षक फसलें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1137594/Hl3vTSngC1669291529561/1669291725906.jpg)
फसल को कीटों से बचाएं लगाएं फसल रक्षक फसलें
फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों से बचाने के लिए किसान फसल रक्षक फसलें उगा सकते हैं, जो एक खास समय के दौरान कीटों को अपनी ओर खींच कर खास फसल को अनेक कीटों से बचाती हैं. इन फसलों को मुख्य फसल के बीचबीच में कहीं कहीं लाइनों में लगाया जाता है या मुख्य फसल के चारों ओर बाड़ की तरह लगाया जाता है.
![न्यू हालैंड का एसी कंबाइन हार्वेस्टर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1137594/-n14Xn8Kq1669291374518/1669291523863.jpg)
न्यू हालैंड का एसी कंबाइन हार्वेस्टर
मध्य प्रदेश में ट्रैक्टर निर्माता कंपनी न्यू हालैंड ने अपने एसी कंबाइन हार्वेस्टर को पहुंचाया है. न्यू हालैंड कंपनी की ओर से बनाए गए इस कंबाइन हार्वेस्टर में अनेक खूबियां हैं. कंपनी का कहना है कि इसे चलाना बेहद आसान है. इस के रखरखाव पर भी कम खर्च आता है.
![वैज्ञानिक तरीकों से गेहूं की खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1137594/l1BKnyEBE1669291037425/1669291365265.jpg)
वैज्ञानिक तरीकों से गेहूं की खेती
भारत में गेहूं की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है. गेहूं का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है. केरल, मणिपुर व नागालैंड राज्यों को छोड़ कर अन्य सभी राज्यों में इस की खेती की जाती है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व पंजाब सर्वाधिक रकबे में गेहूं की पैदावार करने वाले राज्य हैं.
![शुगरकेन प्लांटर गन्ना बोआई में कृषि यंत्र का प्रयोग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1137594/Af4g6lhoQ1669290664472/1669290830019.jpg)
शुगरकेन प्लांटर गन्ना बोआई में कृषि यंत्र का प्रयोग
गन्ने की खेती लंबे अरसे तक चलने वाली फसल है. एक बार गन्ने की बोआई कर दी, तो 2-3 साल तक आप उस से उपज ले सकते हैं.
![नवंबर महीने में खेती के खास काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1126878/VzvxFctdE1668591394566/1668591809425.jpg)
नवंबर महीने में खेती के खास काम
नवंबर की शुरुआत में ही किसान गेहूं की बोआई की तैयारियों में जुट जाते हैं. नवंबर माह में गेहूं की बोआई का दौर पूरे जोरशोर से चलता है. यह समय ही गेहूं की बोआई के लिहाज से सब से अच्छा होता है.
![जौ की उन्नत खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1126878/MRDfbgMQI1668591069659/1668591385577.jpg)
जौ की उन्नत खेती
जौरबी मौसम की फसल है, जिसे सर्दी के मौसम में उगाया जाता है. जौ गेहूं से ज्यादा सहनशील पौधा है. इसे कई तरह की मिट्टियों में उगाया जा सकता है. जौ का भूसा चारे के काम में लाया जाता है. यह हरा व सूखा दोनों रूपों में जानवरों को खिलाने में इस्तेमाल किया जाता है. सिंचित दशा में जौ की खेती गेहूं के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद है.
![गेहूं फसल में निमेटोड पहचान और बचाव](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1126878/kUnsQ8C751668590713316/1668591056399.jpg)
गेहूं फसल में निमेटोड पहचान और बचाव
निमेटोड बहुत ही छोटे आकार के सांप जैसे जीव होते हैं, जिन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता. ये माइक्रोस्कोप से ही दिखाई देते हैं. ये अधिकतर मिट्टी में रह कर पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं. इन के मुंह में एक सुईनुमा अंग स्टाइलेट होता है. इस की सहायता से ये पौधों की जड़ों का रस चूसते हैं, जिस के कारण पौधे भूमि से खादपानी पूरी मात्रा में नहीं ले पाते. इस से इन की बढ़वार रुक जाती है और पैदावार में भारी गिरावट आ जाती है.
![भूसा स्टोर करने का जंबो बैग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1126878/ZOBLZG9vb1668590519001/1668590683702.jpg)
भूसा स्टोर करने का जंबो बैग
पशुओं के चारे में भूसे का अहम रोल है. इस के बिना कोई भी पशु का चारा अधूरा है. किन्हीं दिनों बहुत कम कीमत में मिलने •वाला भूसा आज काफी महंगा व मुश्किल से मिलता है, इसलिए जरूरी है कि भूसे को भी सही तरीके से स्टोर करें.
![लूट का जरीया फसल व पशु बीमा योजना](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1126878/U1brb2ZYL1668590188184/1668590514042.jpg)
लूट का जरीया फसल व पशु बीमा योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मोदी सरकार ने साल 2016 में 7,000 करोड़ रुपए, साल 2017 में 9,000 करोड़ रुपए व साल 2018 में 13,000 करोड़ रुपए बजट दिया था. इतना ही राज्य सरकारों ने दिया था. मतलब, सरकार की तरफ से 3 साल में कुल 58,000 करोड़ रुपए दिए गए.
![कोंडागांव में ड्रैगन फ्रूट की खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1126878/04a5DN8mF1668587055888/1668587241428.jpg)
कोंडागांव में ड्रैगन फ्रूट की खेती
ड्रैगन फ्रूट मूल रूप से मैक्सिको का पौधा माना जाता है. इस का वैज्ञानिक नाम ह्वाइट फ्लेशेड पतिहाया और वानस्पतिक नाम 'हाइलोसेरेसुंडाटस' है. वियतनाम, चीन और थाईलैंड में इस की खेती बड़े पैमाने पर होती है. भारत में इसे वहीं से आयात किया जाता रहा है. अब तक इसे अमीरों और रईसों का ही फल माना जाता था, पर जल्द ही यह आम लोगों तक भी पहुंचने वाला है.
![आलू से बने करोड़पति किसान भंवरपाल सिंह](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1126878/Rfq7CMexl1668586882909/1668587043554.jpg)
आलू से बने करोड़पति किसान भंवरपाल सिंह
वकालत छोड़ आलू की खेती करने वाले भंवरपाल सिंह को एक किसान के साथसाथ सफल बिजनैसमैन बना दिया है. भारत के कई राज्यों में उन के द्वारा उगाया गया आलू बीज के लिए जाता है. मौजूदा समय में वे आलू से तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए से ऊपर का टर्नओवर करते हैं. जानें कहानी, उन्हीं की जबानी
![हैप्पी सीडर बिना जुताई करे सीधी बोआई](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1126878/1NNUgBtI61668586584448/1668586860735.jpg)
हैप्पी सीडर बिना जुताई करे सीधी बोआई
पराली व फसल अवशेष बिना निकाले हैप्पी सीडर मशीन खेत में गेहूं की सीधी बोआई कर सकता है खासकर धान की खेती के बाद उस के फसल अवशेष फसल में खड़े रह जाते हैं, उस खेत में हैप्पी सीडर मशीन बहुत कारगर है.