नए पिंजरे में पंछी
Panchjanya|November 13, 2022
ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क स्वतंत्र अभिव्यक्ति के पैरोकार माना जाना पसंद करते हैं परंतु ट्विटर खरीदने के बाद वे यह बताते हैं कि वे किसे इसका उपयोग करने देना नहीं चाहते। मस्क के आने से ट्विटर पर बहुत कुछ बदलने के आसार दिख रहे हैं
संदीप त्रिपाठी
नए पिंजरे में पंछी

विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने आखिरकार ट्विटर का अधिग्रहण कर ही लिया। ट्विटर का मालिक बनते ही एलन मस्क ने ट्वीट कर कहा कि पंछी हुआ आजाद (द बर्ड इज फ्रीड)। इस ट्वीट के मायने निकाले जा रहे हैं। मस्क कहते हैं कि कि वह इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर का अधिग्रहण मानवता की सहायता करने के लिए कर रहे हैं। साथ ही, वह नहीं चाहते हैं कि इसका उपयोग ऐसे लोग करें जो बोलने से पहले उसके परिणामों के बारे में नहीं सोचते।

यह वक्तव्य कई संकेत दे रहा है। मस्क दुनिया के सबसे अमीर आदमी हैं। वह टेस्ला कारों के निर्माता हैं। मस्क बड़े-बड़े देशों की सरकारों के सामने शर्तें रखते हैं। मस्क स्वतंत्र अभिव्यक्ति के समर्थन माने जाते हैं। वह चाहते हैं कि किसी की अभिव्यक्ति पर कोई रोक न लगे। इसके लिए वे ट्विटर की कंटेंट मॉडरेशन नीति को बदलने की बात करते हैं। परंतु ट्विटर को खरीदने के बाद जब वे कहते हैं कि वह नहीं चाहते कि इसका उपयोग ऐसे लोग करें जो बोलने से पहले उसके परिणामों के बारे में नहीं सोचते, तो स्वतंत्र अभिव्यक्ति का उनका पिछला रुख इससे टूटता है। 

नई खबर है कि ट्विटर ब्लू टिक के लिए शुल्क लगाएगा। यानी उपोगकर्ताओं के बीच विभाजक रेखा खींची जाएगी? पैसे वालों को ब्लू टिक, जो नहीं दे पाए, वह आम हैंडलर। यह पैसे के आधार पर खास और आम के बीच श्रेणी विभाजन होगा। अब तक ब्लू टिक विश्वसनीयता, सक्रियता जैसे आधारों पर हासिल करनी पड़ती थी। अब ब्लू टिक शुल्क के आधार पर होगा तो जाहिर है विमर्श को पैसे के आधार गढ़ा जा सकेगा और उसे मनचाही दिशा दी जा सकेगी। ऐसे में स्वतंत्र और स्वस्थ बहस की रक्षा कैसे होगी, जिसका दावा मस्क कर रहे हैं। मस्क की एक और उलटबांसी है। वे कहते हैं ट्विटर उन्होंने कमाई करने के लिए नहीं खरीदा है। परंतु मालिकाना हक प्राप्त करते ही वे पहले ब्लू टिक पर शुल्क लगाने की घोषणा करते हैं। फिर विज्ञापनदाताओं से ट्विटर को सबसे बेहतर विज्ञापन स्थल बनाने का वादा करते हैं। ट्विटर पर फिल्में दिखाने और गेम्स खेलने की सुविधा दिए जाने की बात भी कही जाती है। यानी अब तक विमर्शो के लिए ख्यात यह माइक्रोब्लॉगिंग साइट अब आमदनी का अड्डा बनेगी।

ट्विटर के अधिकारियों की विदाई

Diese Geschichte stammt aus der November 13, 2022-Ausgabe von Panchjanya.

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