शीर्ष पदों से विस्तार की राह
India Today Hindi|January 24, 2024
भाजपा, उसकी सरकारों और संघ के शीर्ष पदों पर विद्यार्थी परिषद से आए लोगों के पहुंचने को परिषद के विस्तार के लिए बेहतर माना जा रहा और यह 2024 के आम चुनावों के लिए भी बेहद अहम
हमांशु शेखर
शीर्ष पदों से विस्तार की राह

खिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 8 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली में 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन में केंद्रीय अमित शाह ने कहा, "मैं गौरवान्वित हूं कि मैं विद्यार्थी परिषद का एक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हूं." शाह यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, “मुझे चार दशक पहले का समय याद आ रहा है, जब मैं कार्यकर्ता के रूप में पिछली पंक्ति में बैठा करता था. चीन युद्ध के बाद पूर्वोत्तर को देश से जोड़े रखने का कार्य करने में परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण है. एबीवीपी वह मूर्ति है, जिसे यशवंतराव केलकर, मदनदास देवी, दत्ताजी डिडोलकर जैसे कई महान शिल्पियों ने 75 वर्षों की इस यात्रा में गढ़ा है. चाहे भाषा और शिक्षा का आंदोलन हो या संस्कृति को बरकरार रखना हो, हर क्षेत्र में विद्यार्थी परिषद ने युवाओं के माध्यम से समाज को 'स्व' का महत्व बताया है."

जिस दिन शाह एबीवीपी के अधिवेशन में भाषण दे रहे थे, उस दिन मंच के सामने तीसरी पंक्ति में मध्य प्रदेश के उज्जैन दक्षिण के विधायक और प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव भी बैठे थे. जब वे उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित आयोजन स्थल निरंकारी मैदान पहुंचे तो वहां व्यवस्था में लगे एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें तीसरी पंक्ति में बैठाया. यादव शाह की उन बातों को ध्यान से सुन रहे थे जिनमें वे चार दशक पहले आखिरी पंक्ति में बैठने की यादों को साझा कर रहे थे. न तो उन्हें और न ही एबीवीपी कार्यकर्ताओं को इस बात का एहसास था कि तीसरी पंक्ति में बैठे यादव के नाम की घोषणा ठीक तीन दिन बाद यानी 11 दिसंबर को मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर होने वाली है.

यादव के सियासी जीवन की शुरुआत भी विद्यार्थी परिषद से हुई है. उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय में 1982 में परिषद के सचिव बनने के साथ यादव की जो यात्रा शुरू हुई, वह भारतीय जनता युवा मोर्चा होते हुए भारतीय जनता पार्टी तक पहुंची और अब वे मध्य प्रदेश के सियासी पद पर पहुंच गए हैं.

Diese Geschichte stammt aus der January 24, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der January 24, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS INDIA TODAY HINDIAlle anzeigen
फिर आ गया हूं मैं
India Today Hindi

फिर आ गया हूं मैं

फिल्म टिप्सी के जरिए सनसनीखेज वापसी करने के साथ दीपक तिजोरी कई और नए प्रोजेक्ट्स के जरिए अपने लिए नए-नए मुकाम बनाने की राह पर

time-read
1 min  |
June 05, 2024
चुनौतियों के बीच नया चेहरा
India Today Hindi

चुनौतियों के बीच नया चेहरा

क्लासिक, म्यूजिकल, रियलिस्टिक नाटकों के नियमित शो; दूरदराज की आंचलिक जमीन से आए ताजगी से भरे कलाकार; और महत्वाकांक्षी प्लानिंग. देश के इस राष्ट्रीय रंगमंडल ने बढ़ी हलचलों से जगाई उम्मीद

time-read
4 Minuten  |
June 05, 2024
परचम लहराती सरपंच
India Today Hindi

परचम लहराती सरपंच

राजस्थान की उस सरपंच की कहानी जिसने अलग सोच, हौसले और मेहनत के बलबूते खेत से संयुक्त राष्ट्र तक लहराया परचम

time-read
5 Minuten  |
June 05, 2024
सेना की गोरखा गुत्थी
India Today Hindi

सेना की गोरखा गुत्थी

कोरोना महामारी और अग्निपथ योजना के नेपाली विरोध से भारतीय सेना में गोरखा भर्ती थमी, गोरखा फौजियों की घटती संख्या देश के लिए रणनीतिक चिंता का विषय, खासकर इन अटकलों से कि इन लाजवाब लड़ाकुओं पर चीन की भी नजर है

time-read
7 Minuten  |
June 05, 2024
वोटों की फसल, किसानों पर नजर
India Today Hindi

वोटों की फसल, किसानों पर नजर

उत्तरी राज्यों में पसरे कृषि संकट के बीच किसानों में अपनी पैठ बनाने के लिए भाजपा ने व्यावहारिक नजरिया अपनाया, तो विपक्ष भी भारत के इस सबसे बड़े मतदाता तबके को रिझाने की जुगत में

time-read
7 Minuten  |
June 05, 2024
पीले बालू के लिए लाल होती सोन नदी
India Today Hindi

पीले बालू के लिए लाल होती सोन नदी

बिहार में आखिरी चरण के चुनाव में चार सीटों का जुड़ाव कहीं न कहीं सोन नद से है. मगर अंधाधुंध रेत खनन, बराज पर गाद का जमाव और इनकी वजह से लोगों की आजीविका, खेती और दूसरे संकटों के सवाल पर इस चुनाव में कोई चर्चा नहीं

time-read
5 Minuten  |
June 05, 2024
"बाल-बच्चा पियासल रहेगा तो पीएम-सीएम बनाने का क्या फैदा"
India Today Hindi

"बाल-बच्चा पियासल रहेगा तो पीएम-सीएम बनाने का क्या फैदा"

कैमूर जिले के अधौरा पहाड़ पर बसे 108 गांवों में महिलाएं आज भी पानी ढोकर ला रहीं. सोलर बिजली भी कुछेक घरों में चंद घंटे के लिए. मोबाइल नेटवर्क तो ईश्वर को तलाशने जैसा

time-read
5 Minuten  |
June 05, 2024
तिलों में बाकी तेल है कितना
India Today Hindi

तिलों में बाकी तेल है कितना

उत्तर प्रदेश में छठे और सातवें चरण का लोकसभा पूर्वी यूपी में पिछड़ी जाति के कई दिग्गज नेताओं का कद तय करने जा रहा

time-read
6 Minuten  |
June 05, 2024
जी जान से सुक्खू का अभियान
India Today Hindi

जी जान से सुक्खू का अभियान

लगातार दो जीत के घोड़े पर सवार भाजपा को हिमाचल में मोदी मैजिक पर भरोसा है. मुश्किलें झेल रहे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गुटबाजी की शिकार कांग्रेस की उम्मीद 2022 के विधानसभा चुनाव की जीत पर टिकी है

time-read
6 Minuten  |
June 05, 2024
आखिर क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोट
India Today Hindi

आखिर क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोट

देशभर में आदिवासियों के लिए सुरक्षित लोकसभा की 47 सीटें पीएम मोदी के 400 पार अभियान के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण लेकिन 2019 के मुकाबले इस बार इन्हें जीतना शायद उतना आसान नहीं

time-read
9 Minuten  |
June 05, 2024