परेशान हाल डा. खुशबू साहू ने अपनी डिग्री और दस्तावेज चोरी होने की एफआईआर रायपुर के टिकरापारा में दर्ज करवाई थी. इस के बाद उस ने एफआईआर के आधार पर अपने डुप्लीकेट दस्तावेज अपने मैडिकल कालेज से प्राप्त कर लिए. एक साल पहले उस की पोस्टिंग सरगुजा जिले के लहपटरा में स्थित शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में हो गई और वह वहां पर अपनी सेवाएं देने लगी थी.
जब उसे अपनी डिग्री पर किसी और युवती के नौकरी करने की खबर लगी तो उस ने तत्काल सरगुजा जिले के एएसपी विवेक शुक्ला से मुलाकात की और मामले की पूरी जानकारी उन को दी.
होली क्रौस हौस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में उस दिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही थी. उसी समय अंबिकापुर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को उस के घर वाले इमरजेंसी वार्ड में लाए. उसे बीपी और शुगर के बढ़ने पर बेचैनी हो रही थी. उस की हालत देखने के बाद एक डाक्टर ने वहां तैनात डा. खुशबू से कहा "डाक्टर खुशबू, कृपया इस मरीज को आप देख लें.. "
"ठीक है, आप निश्चिंत रहें, मैं इसे देख लूंगी."
"लेकिन थोड़ा अच्छे से देखना, यह हमारे शहर के नामचीन व्यक्ति हैं. प्लीज."
"हां, बिलकुल, मैं ध्यान से देखती हूं.." डा. खुशबू साहू ने मुसकराहट बिखेरते हुए ने जवाब दिया.
27 साल की डा. खुशबू साहू छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर होली क्रौस हौस्पिटल में एमबीबीएस डाक्टर के रूप में तैनात हुई और देखते ही देखते लोकप्रिय हो गई थी. एक मिलनसार डाक्टर के रूप में उस की पहचान हो गई थी. डा. खुशबू साहू ने जल्द ही अस्पताल प्रबंधन और जनता के बीच अपनी छवि बना ली थी.
एक महिला डाक्टर होने के कारण सभी उस की इज्जत भी किया करते थे और उस की लच्छेदार बातों में आ जाते थे. सहयोगी डाक्टर की बात सुन कर के डा. खुशबू ने इलाज के लिए आए हुए विशिष्ट व्यक्ति की ओर मुसकराते हुए कहा, "मुझे तो आप कहीं से भी अस्वस्थ नहीं लग रहे हैं, बिलकुल फिट नजर आ रहे हैं."
यह सुन कर के उस व्यक्ति के चेहरे पर भी मुसकान तैर गई. उसे भी महसूस हुआ कि वह तो सचमुच स्वस्थ है. एक महिला मुसकरा कर अगर यह कह रही है तो वह कैसे स्वीकार कर ले कि वह हाई ब्लड प्रेशर और शुगर से परेशान है.
Diese Geschichte stammt aus der January 2024-Ausgabe von Manohar Kahaniyan.
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