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अच्छी उपज करेगी निहाल अगर बरसात में रखोगे कपास का ख्याल
Modern Kheti - Hindi
|1st August 2025
मानसून का मौसम किसानों के लिए उम्मीद और चुनौतियां, दोनों लेकर आता है, खासकर जब कपास जैसी नकदी फसल की बात हो।
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शुभम् लाम्बा, कर्मल सिंह मलिक, अनिल कुमार सैनी, संदीप कुमार, शिवानी मानधनिया, अनिल, मीनाक्षी जाटाण, दीपक कुमार एवं दिगम्बर कपास अनुभाग, आनुवंशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग, चौ. च. सिंह. हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार
बरसात में कपास के खेतों का सही ढंग से प्रबंधन करना सफल उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है। किसान भाई वैज्ञानिक तरीकों से अपनी कपास की फसल को बरसात में सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं और अच्छी उपज मिलने की सम्भावनायें बढ़ जाती हैं। वैज्ञानिक जानकारियां इस प्रकार हैं :
1. जल निकासी का उचित प्रबंधन :
बरसात के मौसम में खेतों में पानी जमा होना कपास के लिए सबसे बड़ी समस्या है। कपास की जड़ें पानी में ज़्यादा समय तक डूबी रहने से गल सकती हैं, जिससे पौधे कमजोर पड़ जाते हैं और अंत में मर जाते हैं।
खेत की तैयारी :
बुवाई से पहले ही खेत में उचित ढलान और नालियां (ड्रेनेज चैनल) बना लें। ये नालियां खेत से अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में मदद करती हैं।
उठी हुई क्यारियां :
यदि संभव हो, तो कपास की बुवाई उठी हुई क्यारियों पर करें। इससे जड़ों को हवा मिलती है और पानी जमा होने का खतरा कम होता है।
खेत की मेड़बंदी :
खेत के चारों ओर मजबूत मेड़बंदी करें ताकि बाहर से पानी खेत में न घुस पाए।
समय-समय पर सफाई :
बरसात के दौरान नालियों और मेड़ों की नियमित रूप से सफाई करें ताकि पानी के बहाव में कोई रुकावट न आए।
2. खरपतवार नियंत्रण :
बारिश के मौसम में खरपतवार तेजी से बढ़ते हैं और कपास के पौधों के साथ पोषक तत्वों, पानी और धूप के लिए मुकाबला करते हैं।
Diese Geschichte stammt aus der 1st August 2025-Ausgabe von Modern Kheti - Hindi.
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