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हाई-टेक पॉलीहाउस खेती में अधिक उत्पादन के लिए कंप्यूटर की भूमिका
Modern Kheti - Hindi
|15th December 2024
भारत देश में आज के समय जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है जिससे रहने के लिए लगातार कृषि योग्य भूमि का उपयोग कारखाने लगाने, मकान बनाने में हो रहा है। कृषि योग्य भूमि कम होने से जनसंख्या का भेट भरने की समस्या से बचने के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं चला रखी हैं जिससे किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकें।
इसी तरह की एक योजना पॉलीहाउस तकनीक है जिसके द्वारा कम भूमि से अधिक लाभ कमा सकते हैं। पॉलीहाउस तकनीक से किसान बेमौसमी सब्जियों को उगाकर बाजार में बढ़ती अधिक बिना मौसम वाली सब्जियों की मांग से ऊंचे दाम पा सकता है। इस तरह आज के युग में यह तकनीक वरदान की तरह है। पॉलीहाउस तकनीक में वातावरणीय कारकों जैसे वर्षा, सर्दी, तापमान, प्रकाश आदि नियंत्रित करके अच्छी गुणवत्ता वाले फल व सब्जियां उगा सकते हैं। इस तकनीक से किसान मंहगे फूल भी उगा कर अच्छा लाभ ले सकते हैं। पॉलीहाउस तकनीक में उगाई जाने वाली सब्जियों, फूलों व फलों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे आंधी, पाला, ओलावृष्टि व अत्याधिक वर्षा के नुकसान से बचाव होता है जिससे उत्पादों की गुणवत्ता सही रहती है।
पॉलीहाउस क्या है? पॉलीहाउस एक प्रकार की विशेष संरचना है जो विभिन्न पौधों की वृद्धि और अन्य कृषि आवश्यकताओं के लिए नियंत्रित जलवायु स्थिति का उपयोग करती है। हम संरचना को ढकने और आंतरिक वातावरण को बाहरी वातावरण से अलग करने के लिए पॉलिथीन शीट का उपयोग करते हैं। पॉलीहाउस खेती संरक्षित खेती की तरह है।
पॉलीहाउस के लिए उपयुक्त फसलें :
हरी फलियां, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, पालक, चिपोटल, गाजर, टमाटर, खीरा, धनिया, बैंगन, भिंडी, समर स्क्वैश, पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकोली, माइक्रोग्रीन्स, सलाद, जड़ी-बूटियां, अदरक, और हल्दी। पॉलीहाउस खेती के लिए उपयुक्त फलों में तरबूज, स्ट्रॉबेरी, रसभरी और खट्टे फल शामिल हैं।
पॉलीहाउस संरचना में उपयोग की गई सामग्री
Diese Geschichte stammt aus der 15th December 2024-Ausgabe von Modern Kheti - Hindi.
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