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गन्ने की फसल के प्रमुख रोग, लक्षण एवं उनकी रोकथाम
Modern Kheti - Hindi
|1st September 2023
गन्ने का पोक्काबोइंग रोग लक्षण: गन्ने का पोक्काबोइंग रोग, जिसे साधारण भाषा में सब्सिडी रोग भी कहा जाता है, एक पौधों का संक्रामक रोग है जो खेती की महत्वपूर्ण फसलों में पाया जाता है। यह रोग गन्ने के पौधों को प्रभावित करके उनके पत्तों, डंठलों और फूलों में कमजोरी और काले दागों का कारण बनता है।
गन्ने के पोक्काबोइंग रोग के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
पत्तों पर काले दाग: यह रोग काले रंग के छोटे-छोटे दागों के रूप में पत्तों पर प्रकट होता है। इन दागों का आकार विशेषतः छोटा होता है, लेकिन ये बढ़ सकते हैं और पत्तों के बड़े हिस्सों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
डंठलों की कमजोरी: गन्ने के पोक्काबोइंग रोग के कारण, पौधों के डंठल कमजोर हो जाते हैं और सड़ जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप पौधे मंद हो जाते हैं और उन्हें खाद्य पदार्थों की सही रूप से आपूर्ति नहीं होती है।
फूलों की कमजोरी: यह रोग फूलों की संख्या और गुणवत्ता पर भी असर डाल सकता है। पोक्काबोइंग रोग से प्रभावित होने वाले फूल आमतौर पर सामान्य से कम होते हैं और आनुवंशिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं।
वृद्धि में कमी: गन्ने के पोक्काबोइंग रोग के कारण पौधों की वृद्धि में कमी हो सकती है। ये रोगी पौधे कमजोर होते हैं और उनमें न्यूनतम पोषक तत्वों की आपूर्ति की वजह से गन्ने की उपज में कमी हो सकती है।
यदि आपके गन्ने के पौधों में उपरोक्त लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आपको गन्ने के पोक्काबोइंग रोग की संभावित प्रादुर्भाव की जांच करने के लिए किसानी विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
Diese Geschichte stammt aus der 1st September 2023-Ausgabe von Modern Kheti - Hindi.
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