Mit Magzter GOLD unbegrenztes Potenzial nutzen

Mit Magzter GOLD unbegrenztes Potenzial nutzen

Erhalten Sie unbegrenzten Zugriff auf über 9.000 Zeitschriften, Zeitungen und Premium-Artikel für nur

$149.99
 
$74.99/Jahr

Versuchen GOLD - Frei

बाढ़ की आपदा को रोकने और उसे अवसर में बदलने की नीति बने

Modern Kheti - Hindi

|

15th August 2023

जल प्रबंधन इस तरह से हो कि समुद्र में गिरने से पहले उसे हम अपनी जरूरत, क्षमता और उपयोगिता के आधार पर रोकने की व्यवस्था कर लें, जल संरक्षण के उपायों को प्राथमिकता दें तथा बाढ़ नियंत्रण का स्थायी और नियमित प्रबंध करें।

- पूरन चंद सरीन

बाढ़ की आपदा को रोकने और उसे अवसर में बदलने की नीति बने

वर्षा एक प्राकृतिक उपहार है। पहली फुहार में भीगने का आनंद ही कुछ और है। हल्की बूंदें, शीतल वायु शरीर को सुहाती हैं। चारों दिशाओं में प्रकृति का सौंदर्य दिखाई पड़ता है। श्रावण मास की यही महिमा है। जब यही वर्षा इतनी हो जाए कि सहन करना कठिन हो जाए, कुदरत का कहर बन जाए, जीवन अस्त-व्यस्त हो जाए और मनुष्य त्राहिमाम कर उठे, तब इसे आपदा बनने में देर नहीं लगती। गरजते बादल डराते हैं, पानी की कल-कल करती ध्वनि कर्कश लगती है और नदियों से निकलता संगीत दहाड़ बनकर भयभीत करता हैं।

बहाव तेज होता जाता है और जो भी सामने आए, उसे लीलने को तैयार जल विभीषिका बन जाता है, बाढ़ का रूप धर लेता है, सब ओर पानी ही पानी दिखाई देता है और तब यह प्राकृतिक प्रकोप बन जाता है। इसका मतलब यह कि हमने वर्षा रूपी प्राकृतिक उपहार को ग्रहण करने की क्षमता का विकास नहीं किया। हमने जलमित्र बनकर उसका स्वागत करने के लिए आवश्यक प्रबंध नहीं किए। गंगा ने भी धरती पर तब अवतरण किया, जब शिवजी ने अपनी जटाओं में उसे समेट लिया और राजा भगीरथ ने उसे उसकी दिशा दिखाई।

WEITERE GESCHICHTEN VON Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

मक्का की बिजाई करने के लिए मेज़ प्लांटर

मक्का की बिजाई करने वाली मशीन, मेज़ प्लांटर को नेशनल एग्रो इंडस्ट्रीज़ की ओर से बनाया गया है।

time to read

1 min

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

घृतकुमारी का औषधीय योगदान एवं महत्व

कुमारी, गृह कन्या, घृतकुमारिका आदि, इसके पत्तों में छेद करने या दबाने पर लसलसा पदार्थ निकलता है।

time to read

3 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

क्या जीनोम-संपादित धान की किस्में उचित हैं ?

देश के शीर्ष कृषि अनुसंधान संस्थान आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) और कृषि मंत्रालय पर जीनोम-संपादित (जीनोम-एडीटेड) धान के परीक्षणों में वैज्ञानिक हेरफेर और बेईमानी के आरोप लगे हैं।

time to read

3 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

गन्ना की खेती देखभाल और पैदावार

गन्ना एक प्रमुख व्यवसायिक फसल है, विषम परिस्थितियां भी इसकी फसल को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर पाती।

time to read

10 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग से धरती पर पड़ रहा है प्रभाव

इसमें कोई शक नहीं कि इंसानी सभ्यता ने अपने विकास के लिए प्रकृति का बड़े पैमाने पर दोहन किया है।

time to read

3 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

टिकाऊ कृषि विकास के लिए भूमि सुधार आवश्यक ...

कृषि के मुख्यतः तीन प्रमुख स्तम्भ हैं-मिट्टी, पानी और बीज परंतु गत कुछ दशकों में परंपरागत कृषि तकनीकों जैसे अत्याधिक जुताई, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग एवं जैविक खाद के कम उपयोग, इत्यादि के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत गिरावट आई है।

time to read

8 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

निराशा से समाधान तक कैसे भारत पराली जलाने की समस्या का कर सकता है अंत

पराली जलाने की समस्या का हल संभव है। समझदारी बरतते हुए अगले तीन वर्षों में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं अरुणाभ घोष और कुरिंजी केमांथ

time to read

5 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

अलसी की खेती से लाभ कमाएं

अलसी तेल वाली फसलों में दूसरी खास फसल है।

time to read

8 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

क्रांतिकारी मॉडल विकसित करने वाले सफल किसा सीताराम निगवाल

मध्यप्रदेश के धार जिले के किसान सीताराम निगवाल ने 30 वर्षों के अनुभव से खेती का एक क्रांतिकारी मॉडल, विकसित किया है।

time to read

2 mins

15th November 2025

Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi

भूमि क्षरण से बढ़ रहा कुपोषण

लगभग 1.7 अरब लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां मानवीय कारणों से भूमि के क्षरण के चलते फसलों की पैदावार घट रही है।

time to read

2 mins

15th November 2025

Translate

Share

-
+

Change font size