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प्रकृति को बचाने के लिए जी20 देशों को हर वर्ष करना होगा निवेश
Modern Kheti - Hindi
|15th March 2023
वर्तमान में जी20 देश प्रकृति-आधारित समाधानों पर हर साल करीब 9 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रहे हैं, जिसमें 2050 तक 140 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा करने की जरुरत है।
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यदि प्रकृति को बचाना है तो विश्व की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को अपने प्रकृति-आधारित समाधानों पर किए जा रहे निवेश को आज के मुकाबले दोगुना से ज्यादा करने की जरुरत है। इसका मतलब है कि 2050 तक इस पर हर साल 21.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की जरुरत होगी। रिपोर्ट के मुताबिक इस निवेश की जरुरत जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भूमि क्षरण जैसे संकटों से निपटने के लिए है। गौरतलब है कि विश्व की यह 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं जिन्हें जी20 के नाम से जाना जाता है यह हर साल इस पर अभी करीब 9 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इस तरह देखा जाए तो इसमें करीब 140 प्रतिशत का इजाफा करने की जरूरत है। इस रिपोर्ट को यूनाइटेड नेशन एनवायरनमेंट प्रोग्राम (यूएनईपी), वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ), द इकोनॉमिक्स ऑफ लैंड डिग्रडेशन इनिशिएटिव (ईएलडी), ड्यूश गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनेल जुसामेनरबीट (जीआईजेड) और विविड इकॉनोमिक्स ने मिलकर तैयार किया है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि वैश्विक स्तर पर प्रकृति आधारित समाधानों पर जितना भी निवेश किया गया था उसका करीब 92 प्रतिशत हिस्सा जी20 देशों का था। हालांकि जी20 देशों ने इस पर जितना भी निवेश किया था उसमें से
Diese Geschichte stammt aus der 15th March 2023-Ausgabe von Modern Kheti - Hindi.
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