Versuchen GOLD - Frei
नाभाजी का परिचय
Jyotish Sagar
|December 2020
गोस्वामी नाभाजी कृत श्रीभक्तमाल (भाग-8 )
भक्तमाल के रचनाकाल निर्धारण में चतुर्भुजदासजी से सम्बन्धित निम्नलिखित छप्पय (123) भी प्रयुक्त किया जाता है :
'हरिवंश' चरनबल चतुर्भुज गोंडदेश तीरथ कियौ।
गायौ भक्ति प्रताप सबहिं दासत्व दृढ़ायौ।
राधा वल्लभ भजन अनन्यता वर्ग बढ़ायौ।।
'मुरलीधर' की छाप कबित अति ही निर्दूषन।
भक्तहिं की अंघ्रिरेनु वहै धारी सिरभूषन।
Diese Geschichte stammt aus der December 2020-Ausgabe von Jyotish Sagar.
Abonnieren Sie Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierter Premium-Geschichten und über 9.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Sie sind bereits Abonnent? Anmelden
WEITERE GESCHICHTEN VON Jyotish Sagar
Jyotish Sagar
सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित शुक्र एवं शनि के फल
प्रस्तुत लेखमाला 'कैसे करें सटीक फलादेश?' के अन्तर्गत विगत तीन अंकों से सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित ग्रहों के फलों का विवेचन किया जा रहा है, जिसमें अभी तक सूर्य से गुरु तक के फलों का विवेचन कर चुके हैं।
8 mins
December 2025
Jyotish Sagar
जीवनपथ प्रदर्शक ग्रन्थ 'श्रीमद्भगवद्गीता'
गीता जयन्ती मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को मनाई जाती है। इसे 'मोक्षदा एकादशी' भी कहा जाता है।
3 mins
December 2025
Jyotish Sagar
लंकाकाण्ड : छठे दिन का युद्ध राम-रावण युद्ध
गंगातट पर चल रही रामकथा का 26वाँ दिन चल रहा है, जिसमें लंकाकाण्ड की कथा चल रही है और युद्ध का प्रकरण चल रहा है।
8 mins
December 2025
Jyotish Sagar
जोहरान ममदानी
न्यूयॉर्क मेयर बनने के बाद की चुनौतियाँ और ग्रहस्थिति
6 mins
December 2025
Jyotish Sagar
जब दूध ने बदल लिया रंग राहुस्थलम् का अद्भुत रहस्य !
भारतीय ज्योतिष में राहु को नवग्रहों में अत्यन्त प्रभावशाली ग्रह माना गया है। यह ग्रह अदृश्य होते हुए भी मनुष्य के जीवन में आश्चर्यजनक घटनाएँ उत्पन्न करता है।
2 mins
December 2025
Jyotish Sagar
दसवीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार राजनीतिक यात्रा ग्रह- योग और दशाओं के साथ
नीतीश कुमार की जन्मपत्रिका में बन रहे राजयोगों और उपयुक्त समय पर उनकी दशाओं के प्रभाव में रहने से उन्हें सन् 1990 से लगातार सत्ता का सुख मिलता रहा है और वे 20 नवम्बर, 2025 को दसवीं बार बिहार से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले रहे हैं।
7 mins
December 2025
Jyotish Sagar
तन्त्र में पुरश्चरण विधान
मन्त्र का पुरश्चरण सामान्य क्रिया नहीं है, वरन् विशेष क्रिया है, जो गुरु की आज्ञा एवं उनकी कृपा पर निर्भर करती है। यह दीर्घकालिक और श्रमसाध्य प्रक्रिया है । इस सम्बन्ध में जानकारों का कहना है कि पुरश्चरण के आरम्भ में अनेक प्रकार की विघ्न और बाधाएँ आती हैं।
8 mins
November 2025
Jyotish Sagar
नवांश से विवाह विवेचन
विहंगमः पक्षद्वयेन भूषितः उड्डीयते व्योम्नि सुखेच्छ्या यथा। तथा गृहस्थस्य गृहस्य शोभा प्रजायते यत्र द्वयो अस्ति सौहृदः॥ अर्थात् जिस प्रकार एक पक्षी अपने दोनों पंखों के सहारे आकाश में सुखपूर्वक उड़ता है, उसी तरह पति और पत्नी दोनों के परस्पर प्रेम और सहयोग से ही गृहस्थ जीवन शोभायमान होता है।
14 mins
November 2025
Jyotish Sagar
गुलजार जीवन यात्रा, ग्रह-योगों और दशाओं का साथ
समान्यतः माना जाता है कि परिवार का जैसा माहौल होता है, वैसा ही व्यक्ति का आचार-विचार, व्यवहार और यहाँ तक कि कॅरिअर भी बनता है।
13 mins
November 2025
Jyotish Sagar
ज्योतिष की प्रमुख अवधारणा 'तिथि'
एकादशी का व्रत करने से क्रोध पर काबू पाया जा सकता है, क्योंकि मंगल क्रोध देने वाला ग्रह होने के साथ-साथ एकादशी का स्वामी भी है।
8 mins
November 2025
Translate
Change font size
