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उद्भव हुए सख्त
भाजपा नेतृत्व के बारे में उद्धव का बयान संकेत है कि अपने ऊपर हमले को वे चुपचाप स्वीकार करने वाले नहीं
"आज सिर्फ जाति का नजरिया गलत"
बिहार में कोविड-19 का टीका मुफ्त देने की भाजपा की घोषणा को राजद प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने राजनीतिक अवसरवाद करार दिया है। प्रीता नायर से बातचीत में झा ने राजद की अगुआई वाले महागठबंधन और चिराग पासवान की लोजपा के बीच समझौते से इनकार किया। बातचीत के मुख्य अंश:
"भारत में व्यावसायिक राजनीति है"
हम सब जानते हैं, राजनीति हमेशा वैसी ही रही है, जैसी हम आज देख रहे हैं। हम उन बीज को फलते देख रहे हैं, जो कई तरीकों से आजादी के वक्त बोए गए थे
ऊंची उड़ान की ख्वाहिश
चाहे कोई अचरज करे, मगर बिहार को संपन्न राज्य बनाने के दावे के साथ पुष्पम प्रिया चौधरी को विधानसभा चुनाव जीतने का भरोसा
"लोग 2018 के नतीजों से दुखी थे, उसे सुधारेंगे"
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव आम चुनावों से भी अहम हैं क्योंकि सरकार का टिकना या गिरना इन्हीं नतीजों पर निर्भर है।
दलित होने की बेचारगी
हाथरस में दलित बच्ची के साथ बलात्कार की वारदात राज्य सरकार और भाजपा के लिए राजनैतिक चुनौती बनकर उभरी
उच्च शिक्षा के नए प्रतिमान
भारत को शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक फंड की आवश्यकता है जिससे वह प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक उभरती हुई तकनीकी चुनौतियों से पार पा सके । कोविड अपनी वैश्विक चुनौतियों के साथ नई वास्तविकताओं को सामने लाया है।
"गठबंधन में कांग्रेस को 10 से अधिक सीटें मिलनी चाहिए थी"
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी चार बार सांसद रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने इन दिनों अपने स्वभाव के विपरीत लो प्रोफाइल अपना रखा है। इससे यह कयास भी लगाए जाने लगे हैं कि वे भारतीय जनता पार्टी में वापसी कर सकते हैं।
दो नेता, दोनों लाए बदलाव
लालू और नीतीश चाहे साथ रहे या अलग, दोनों राज्य में अहम, अब दोनों के सामने चुनौतियां
त्योहारों में संभलकर
देश में कोरोना की रफ्तार थमी लेकिन सर्दियों में लापरवाही पड़ सकती है भारी, नई लहर का खतरा
नए गणित, नई चुनौतियां
" "इस बार तेजस्वी तय है, इस बार तेजस्वी तटा...
नए विवादों का उलझता फंदा
सुशांत की मौत के सवालों के बीच टीआरपी घोटाला और बॉलीवुड बनाम मीडिया का तड़का
नाराज किसानों का बढ़ा डेरा
दशहरे पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने की चेतावनी, पराली जलाकर भी किसान कर रहे गुस्से का इजहार
'कोई सबूत नहीं, सब बरी'
28 साल बाद आए फैसले में ढांचा गिराने में किसी साजिश के सबूत नहीं
अस्तित्व की लड़ाई
नए कानूनों से किसानों को खेती पर भी कॉरपोरेट के हावी होने का अंदेशा
कांग्रेस का हाथ मजबूत करने का संकल्प
1977 को बिहार के दरभंगा जिले के करौनी गांव में जन्मे डॉ.मो.हसनैन कैसर बिहार के जाने माने फिजिशियन,नेफोलॉजिस्ट एवं इंडोस्कोपिस्ट हैं!
कृषि सुधार या संकट का फरमान
नए कानूनों को सरकार लंबे समय से लंबित सुधार बता रही लेकिन किसानों में कृषि उपज मंडी और एमएसपी खोने की आशंकाएं बढ़ीं, क्या सरकार झेल पाएगी यह विरोध
यूपीवुड के हसीन सपने
उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार की मुंबई के बॉलीवुड के टक्कर में नई मायानगरी बसाने की योजना की आर्थिक-राजनैतिक वजहें भी स्पष्ट
जमीन वापस पाने की जद्दोजहद
पंथक सियासत में आधार खोने के बाद शिरोमणि अकाली दल किसानों के बीच पैठ बढ़ाने के प्रयास में
श्रमेव अ-जयते
संसद में पारित तीन संहिता से श्रमिक अधिकारों पर कैंची, अधिकारों के लिए हड़ताल का रास्ता भी मुश्किल
सौगातों के सहारे
चुनाव के ऐलान से ऐन पहले राज्य और केंद्र की एनडीए सरकार ने दनादन परियोजनाओं की घोषणा की मगर क्या वोटरों पर जादू चलेगा
सुधार से ज्यादा विरोधियों पर नजर
लेटर बम के बाद संगठनात्मक बदलाव तो हुए लेकिन उसमें चुनाव जीतने से ज्यादा पार्टी असंतुष्टों को शांत करने पर जोर
नहीं उतरा उड़ता पंजाब
चार हफ्ते में नशे का जाल खत्म करने का कैप्टन अमरिंदर का वादा साढ़े तीन साल में भी अधूरा
दवा ही बनी मर्ज
इलाज की दवाओं के नशे के लिए इस्तेमाल में हुई बढोतरी, इस ओर ध्यान देना सबसे जरूरी
'क्वीन' राजनीति
भाजपा से जुड़ाव और 'हिमाचल की बेटी' की अपनी नई पहचान के साथ क्या कंगना राजनीति में उतरने की तैयारी में? क्या यह सब तैयार पटकथा जैसा है?
प्रतिबंध पर हावी बाजार
सरकार ने पबजी मोबाइल पर रोक लगाई तो कोरियाई मातृ कंपनी ने चाइनीज कंपनी को बिजनेस से किया अलग
1962 जैसी जंग के आसार ?
चीन का अति महत्वाकांक्षी नेतृत्व सीमा पर जिस तरह की परिस्थितियां पैदा कर रहा है, उसे देखते हुए क्या युद्ध की आशंका है?
गर्त में रोशनी की खोज
अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा संकट में, एकमात्र सहारा सरकार का खर्च बजट लक्ष्य से भी पीछे
फर्जी एवरेस्ट फतह
नाम और पैसा कमाने के लोभ में एवरेस्ट पर चढ़ाई का झूठा दावा करने वालों की तादाद बढ़ी
बड़े बेनजर छोटे पर फंदा
नशे का गोरखधंधा देश में तकरीबन 10 लाख करोड़ रुपये का होने का अनुमान मगर सरकारी एजेंसियों को प्रतिबंधित मादक पदार्थों के धंधेबाजों और गिरोहों के पीछे नहीं, छोटी मछलियों पर फंदा डालने में दिलचस्पी