Gambhir Samachar - June 16, 2021Add to Favorites

Gambhir Samachar - June 16, 2021Add to Favorites

Keine Grenzen mehr mit Magzter GOLD

Lesen Sie Gambhir Samachar zusammen mit 8,500+ anderen Zeitschriften und Zeitungen mit nur einem Abonnement   Katalog ansehen

1 Monat $9.99

1 Jahr$99.99 $49.99

$4/monat

Speichern 50% Hurry, Offer Ends in 1 Day
(OR)

Nur abonnieren Gambhir Samachar

Diese Ausgabe kaufen $0.99

Subscription plans are currently unavailable for this magazine. If you are a Magzter GOLD user, you can read all the back issues with your subscription. If you are not a Magzter GOLD user, you can purchase the back issues and read them.

Geschenk Gambhir Samachar

In dieser Angelegenheit

news magazine which covers various type of matters

दलित दलन अफ़साना या हक़ीक़त ?

एकांगी अफसानों में भारतीय समाज शताब्दियों से उलझा है और यह उलझन लगातार समाज को ऊंचनीच के खांचे में बांटता रहा है. दलित व सवर्ण स्वाभिमान की टकराहट की दास्तां अनगिनत है.सबने अपनेअपने अनुभवों को आत्मसात कर अपना-अपना एकांगी संसार रच डाला है. जिसमें किसी दूसरे के समावेश की गुंजाइश पर बंदिश तारी है. बीते हजार साल में दुनिया का एक बड़ा हिस्सा जिसे हम दक्षिण एशियाई क्षेत्र कहते हैं वह सर्वाधिक विद्वेष वाले समूह का क्षेत्र बन कर उभरा है.

दलित दलन अफ़साना या हक़ीक़त ?

1 min

कैसे सधे, साधौ?

अन्याय है, सरासर अन्याय है कि एक ही समय में देश के विभिन्न प्रान्तों के विभिन्न परिवारों में पैदा हुए होनहार सपूतों के साथ अलग-अलग प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है. दलित परिवार में पैदा होने वाले बच्चे मुफ्त शिक्षा पा रहे हैं जबकि सवर्ण परिवार में पैदा होने वाले बच्चों से शुल्क लिया जाता है, दलित परिवार में पैदा होने वाले बच्चों को कॉलेज में दाखिले में आरक्षण दिया जाता है, अन्य पिछड़ा वर्ग को भी आरक्षण दिया जाता है जबकि सवर्ण परिवार में पैदा होने वाले बच्चों को ज्यादा योग्य होने पर भी अच्छे कॉलेजों में दाखिला मिलना मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं इसके अलावा दलित और पिछड़ा वर्ग के लोगों को नौकरियों में भी आरक्षण दिया जाता है जबकि उनसे योग्य सवर्ण युवाओं को अक्सर नौकरी नहीं मिल पाती. अरे, इतने पर भी चैन कहाँ ? अभी तो प्रोन्नति में भी आरक्षण चाहिए.'

कैसे सधे, साधौ?

1 min

जनगणना-2021 देरी आखिर कितनी पड़ेगी भारी?

जनगणना उस प्रक्रिया को दिया जाने वाला नाम है, जो न केवल किसी मुल्क के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और जनसंख्या आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाती है, बल्कि देश की विविधता और इससे जुड़े अन्य पहलुओं का अध्ययन करने का अवसर भी प्रदान करती है.जनगणना वह माध्यम है, जिसके द्वारा नागरिकों को अपने समाज, जनसांख्यिकी, अर्थशास्त्र, मानव जीवन, समाजशास्त्र, सांख्यिकी आदि द्वारा उन समस्त के बारे में अपडेट देती है, जो उनके जीवन को प्रत्यक्ष या फिर परोक्ष रूप से प्रभावित करते हैं.

जनगणना-2021 देरी आखिर कितनी पड़ेगी भारी?

1 min

आयुर्वेद की तरफ लौटता भारत

आधुनिक चिकित्सा पद्धति के बारे में महात्मा गांधी ने अपनी पुस्तक हिंद स्वराज में लिखा है, 'मैंने विलास किया, मैं बीमार पड़ा ; डॉक्टरने मुझे दवा दी और मैं चंगा हुआ. क्या मैं फिर से विलास नहीं करूंगा? जरूर करूंगा. अगर डॉक्टर बीच में न आता तो कुदरत अपना काम करता, मेरा मन मजबूत बनता और अन्त में निर्विषयी होकर मैं सुखी होता. इसका परिणाम यह आता है कि हम निःसत्व और नामर्द बनते हैं.

आयुर्वेद की तरफ लौटता भारत

1 min

आंतों में छेद कर रहा है व्हाइट फंगस

एक ओर जहां रूप बदल-बदलकर कोरोना वायरस पिछले डेढ़ वर्षों से पूरी दुनिया में लोगों पर कहर बरपा रहा है और लाखों लोगों को अपना निवाला बना चुका है, वहीं भारत में अब इस बीमारी से ठीक होने वाले कुछ लोगों पर विभिन्न प्रकार के खतरे मंडरा रहे हैं. देशभर में ब्लैक फंगस के हजारों मामले सामने आने के बाद अब कोरोना से उबरे मरीजों में व्हाइट फंगस, यैलो फंगस और एस्पेरगिलिस फंगस के मामले भी मिलने लगे हैं. हालांकि अभी तक यैलो और एस्पेरगिलिस फंगस के गिने-चुने मामले ही मिले हैं लेकिन व्हाइट फंगस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 29 मई को तो गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में फंगस के 23 नए मरीजों की पहचान हुई, जिनमें से व्हाइट फंगस के ही 17 मरीज थे.

आंतों में छेद कर रहा है व्हाइट फंगस

1 min

महामारी के दौर में बदहाल ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा

देश के अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र अकुशल या अर्धकुशल पैरामेडिक्स द्वारा चलाए जाते हैं और ग्रामीण सेटअप में डॉक्टर शायद ही कभी उपलब्ध होते हैं और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बिचौलियों के समूह द्वारा आसानी से धोखा खा जाते हैं.

महामारी के दौर में बदहाल ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा

1 min

विवादों का विश्वविद्यालय

सुखड़िया विश्वविद्यालय दक्षिण राजस्थान का एक प्रमुख उच्च शिक्षा का केंद्र है जहां हर साल लाखों विद्यार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर समेत विभिन्न संकायों की डिग्रियां प्रदान की जाती है. लेकिन इस विश्वविद्यालय में पिछले लंबे समय से भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़े एवं राजनीति ने इस कदर अपने जड़ें फैला दी है कि शैक्षणिक गुणवत्ता तो दूर की कौड़ी बन चुकी है और आए दिन विश्वविद्यालय से जुड़ें फर्जीवाड़े, भ्रष्टाचार, आरोप-प्रत्यारोप आदि के खुलासे स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं.

विवादों का विश्वविद्यालय

1 min

उमा भारती एमपी की राजनीति में होगी वापसी?

उमा भारती 2019 में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ी लेकिन लगभग तीन साल से प्रदेश में ही सक्रिय हैं. इससे उनकी मंशा का पता चलता है. 2018 के विधानसभा और इसके बाद लोकसभा चुनाव में पार्टी के निर्देश पर उन्होंने प्रचार अभियान में हिस्सा लिया. इसके बाद प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव हुए तो उसमें भी उनका उपयोग हुआ. हाल ही में दमोह विधानसभा सीट के उप चुनाव में भी उन्होंने ताकत झोंकी. सबसे ज्यादा चर्चा में वे शराबबंदी अभियान को लेकर दिए गए अपने बयान के कारण रहीं.

उमा भारती एमपी की राजनीति में होगी वापसी?

1 min

योगी की नयी टेंशन!

जितिन प्रसाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की ही तरह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के आस पास ही देखे जाते रहे ये 2019 के आम चुनावों की बात है. आने वाले चुनावों में राहुल और प्रियंका तो साथ होंगे, लेकिन दोनों में से कोई आस पास नहीं होगा.

योगी की नयी टेंशन!

1 min

क्वाड से चीन और बांग्लादेश के रिश्तों में पड़ेगी दरार?

चीन ने हाल ही में बांग्लादेश को अमेरिका के नेतृत्व वाले चार देशों के सुरक्षा समूह क्वाड में शामिल होने को लेकर खुली चेतावनी दी है. चीन की इस चेतावनी पर भारतीय उप-महाद्वीप में जानकार हैरानी जता रहे हैं.

क्वाड से चीन और बांग्लादेश के रिश्तों में पड़ेगी दरार?

1 min

Lesen Sie alle Geschichten von Gambhir Samachar

Gambhir Samachar Magazine Description:

VerlagMohta Publishing

KategorieNews

SpracheHindi

HäufigkeitFortnightly

Gambhir Samachar is a News & Education magazine which cover the day to day political as well as cultural affairs of India

  • cancel anytimeJederzeit kündigen [ Keine Verpflichtungen ]
  • digital onlyNur digital
MAGZTER IN DER PRESSE:Alle anzeigen