Bhugol aur Aap - May - Jun 2020Add to Favorites

Bhugol aur Aap - May - Jun 2020Add to Favorites

Keine Grenzen mehr mit Magzter GOLD

Lesen Sie Bhugol aur Aap zusammen mit 8,500+ anderen Zeitschriften und Zeitungen mit nur einem Abonnement   Katalog ansehen

1 Monat $9.99

1 Jahr$99.99 $49.99

$4/monat

Speichern 50% Hurry, Offer Ends in 2 Days
(OR)

Nur abonnieren Bhugol aur Aap

Diese Ausgabe kaufen $0.99

Subscription plans are currently unavailable for this magazine. If you are a Magzter GOLD user, you can read all the back issues with your subscription. If you are not a Magzter GOLD user, you can purchase the back issues and read them.

Geschenk Bhugol aur Aap

In dieser Angelegenheit

‘भूगोल और आप’ का नवीनतम अंक (मई-जून 2020 संयुक्त), जिसका शीर्षक है ‘सागरों के प्रहरी’, भारत की विशाल तटरेखा के लिए सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने में ‘पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन-भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (ईएसएसओ-इंकॉइस)’ के कार्याें को प्रकाश में लाता है।

महासागर डेटा और सूचना प्रणाली-ओडीआईएस

डेटा एवं डेटा उत्पादों के प्रसार के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित अनुप्रयोग महासागर डेटा और सूचना प्रणाली (ओडीआईएस) ईएसएसओ-इंकॉइस में डिजाइन, विकसित और क्रियान्वित किया गया। यह वेब पर संवादात्मक मानचित्रण अनुप्रयोगों (इंटरेटिक्व मैपिंग एप्लिकेशन) के साथ स्थानिक (स्पैटियल) डेटा प्रकाशित करने के लिए एक ओपन सोर्स प्लेटफार्म है। माईएसक्युएल बैकएंड डेटाबेस के रूप में कार्य करता है। यह लेख महासागरविज्ञान डेटा से जुड़े भंडारण, संगठन विवरण और डेटा विजुअलाइजेशन प्रस्तुत करता है। ओडीआईएस को एंड-टू-एंड सिस्टम के रूप में स्थापित किया गया है जिसमें विषमरूपी प्लेटफार्मों से डेटा प्राप्ति, प्रसंस्करण और एकीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण और अनुसंधान और विकास के लिए प्रसार शामिल हैं।

महासागर डेटा और सूचना प्रणाली-ओडीआईएस

1 min

डिजिटल महासागर

हम डिजिटल युग रह रहे हैं और उन्नत विश्लेषण और दृश्यात्मक विशेषताओं के साथ डेटा संचालित निर्णयन जीवन के सभी क्षेत्रों का एक अभिन्न अंग बन रहे हैं। महासागर विज्ञान में, विभिन्न महासागरीय प्रेक्षण प्रणालियों से प्राप्त समुद्री मौसम व महासागरीय डेटा को मॉडलों में डाला जाता है ताकि मौसम एवं महासागर स्थिति पूर्वानुमानों में सुधार लाया जा सके। किसी एकीकृत पर्यावरण में सुव्यवस्थित डेटा, इसके उपयोग को आधार देगा तथा महासागर संबंधी प्रक्रियाओं की बेहतर समझ में मदद करेगा। यह आलेख डिजिटल महासागर के विकास की प्रस्तुति है जो कि एक एकल मंच है जो कुशलता से विषम महासागर डेटा को एकीकृत करता है और बहु-विषयक दृष्टिकोण के माध्यम से महासागरों की बेहतर समझ को सुविधाजनक बनाने के लिए अत्याधुनिक दृश्यता और विश्लेषण प्रदान करता है।

डिजिटल महासागर

1 min

महासागर प्रेक्षण

मौसम और जलवायु का निर्धारण करने में महासागर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समुद्र की भौतिक और रासायनिक स्थिति समुद्री पर्यावासों और समुद्री जीवन के स्वास्थ्य का निर्धारण करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए स्व-स्थाने (इन-सीटू) महासागर प्रेक्षण प्लेटफार्मों द्वारा एकत्र किए गए डेटा के माध्यम से विभिन्न समय पैमानों पर समुद्र स्थिति में भिन्नता के कारणों को समझना अनिवार्य है। इसके अलावा, स्व-स्थाने प्रेक्षण नेटवर्क के माध्यम से प्राप्त ज्ञान, महासागर स्थिति पूर्वानुमान प्रणालियों के विकास में निर्माण खंड के रूप में कार्य करता है। इन पहलुओं पर विचार करते हुए ईएसएसओ-इंकॉइस, महासागर प्रेक्षण नेटवर्क (ओओएन) कार्यक्रम के तहत हिंद महासागर में विभिन्न स्व-स्थाने प्रेक्षण प्लेटफार्मों को बनाए रखता है। इन नेटवर्कों का सारांश इस लेख में संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।

महासागर प्रेक्षण

1 min

भारतीय सुनामी पर्व चेतावनी प्रणाली

हिंद महासागर सुनामी, जो 26 दिसंबर, 2004 को सुमात्रा-अंडमान भूकंप के कारण उत्पन्न हुआ था, ने 2,30,000 लोगों की जाने ले ली और हिंद महासागर के कई तटीय देशों में बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचाया। वास्तव में, 2004 की सुनामी तीव्रता के संदर्भ में सर्वाधिक शक्तिशाली और सर्वाधिक घातकों में से एक थी, और जिसने भारत में सुनामी के लिए एक पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता को परिप्रेक्ष्य में रखा। वर्ष 2004 की सुनामी के बाद, हिंद महासागर में भूकंप के कारण उत्पन्न होने वाली सुनामी पर पूर्व चेतावनी देने के लिए भारतीय सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली की स्थापना की गई थी। यह आलेख आईटीईडब्ल्यूएस के विभिन्न घटकों, निर्णय समर्थन प्रणाली और बुलेटिन का वर्णन करता है। यह मुद्दों, चुनौतियों और भावी विकास पर भी चर्चा करता है।

भारतीय सुनामी पर्व चेतावनी प्रणाली

1 min

तटीय भेद्यता और जोखिम मूल्यांकन

भारतीय तट पर घनी आबादी प्रवाल पारितंत्रों को प्रभावित करती है और इन्हें प्राकृतिक और मानव निर्मित खतरों के प्रति अतिसंवेदनशील बनाती है। यह आलेख क्षेत्रीय और साथ ही सूक्ष्म स्तर पर महासागरीय आपदाओं के कारण होने वाली भौतिक भेद्यता (वलनरेबिलिटी) और सामाजिक-आर्थिक जोखिमों का आकलन करता है। अध्ययन में प्रवाल पारितंत्र पर समुद्री सतह तापमान (एसएसटी) के प्रभाव को भी शामिल किया गया है जो प्रवाल विरंजन जैसी परिघटना की ओर ले जाता है। भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) प्रौद्योगिकी के साथ संयुक्त सुदूर संवेदी डेटा, भारतीय तटों पर महासागरीय आपदाओं से जुड़ी तटीय भेद्यता व खतरों पर सार्थक सूचना उपलब्ध कराती है जो आपदा प्रबंधन के लिए अत्यधिक प्रासंगिकता रखती है।

तटीय भेद्यता और जोखिम मूल्यांकन

1 min

समुद्र तटीय समुदाय के लिए महासागर स्थिति पूर्वानुमान सेवाएं

उत्तरी हिंद महासागर में भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास पूर्ण प्रचालित महासागर स्थिति पूर्वानुमान (ओएसएफ) सेवाएं हैं। यह अपतटीय और तट के निकट की गतिविधियों, दोनों के लिए समुद्र में सुचारू संचालन के लिए लाखों उपयोगकर्ताओं का समर्थन करता है। ईएसएसओ-इंकॉइस की ओएसएफ सेवाएं सटीक, समयोचित पूर्वानुमान और परामर्श के साथ उच्च वैश्विक मानक की हैं। वे एक मजबूत स्व-स्थाने और उपग्रह प्रेक्षणों के साथ-साथ बहु-मॉडल अनुकरण के साथ अत्याधुनिक गणनांक सुविधाओं द्वारा समर्थित हैं। सुपरिभाषित प्रसार प्रणाली के निर्माण के लिए यह ये सेवाएं नवीनतम सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उपकरणों को समाहित करती हैं। ईएसएसओ-इंकॉइस ने उपयोगकर्ता सुझाव के आधार पर प्रभाव-आधारित पूर्वानुमान निर्माण के लिए अपने सामान्य पूर्वानुमानों को व्यवस्थित किया है। इसकी हालिया सेवा समुद्र में काफी दूर मछली पकड़ने वाली नौकाओं तक भी पहुंच रही है और ये प्रणालियां 'नैविगेशन विद् इंडियन कॉन्सटिलेशन' (नाविक) और 'गगन इनेबल्ड मैरीनर इंस्ट्रूमेंट फॉर नेविगेशन एंड इंफॉर्मेशन' (जेमिनी) के माध्यम से समर्थित हैं। ईएसएसओ-इंकॉइस क्षेत्र की ब्लू इकोनॉमी के उपयोग के लिए बढ़ती जरूरतों में सक्रिय मददगार की भूमिका निभाता है

समुद्र तटीय समुदाय के लिए महासागर स्थिति पूर्वानुमान सेवाएं

1 min

Lesen Sie alle Geschichten von Bhugol aur Aap

Bhugol aur Aap Magazine Description:

VerlagIRIS Publication Pvt. Ltd

KategorieScience

SpracheHindi

HäufigkeitBi-Monthly

The only environment and development magazine in Hindi, Bhugol aur Aap deals with issues ranging from poverty to energy. With up-to-date authentic data, the magazine is being published for over a decade now and has garnered the interest of readers from all over India. Targeted to benefit students the magazine is a must read for all aspiring environmentalists, researchers and exam-oriented young adults.

  • cancel anytimeJederzeit kündigen [ Keine Verpflichtungen ]
  • digital onlyNur digital
MAGZTER IN DER PRESSE:Alle anzeigen