Sadhana Path - August 2022Add to Favorites

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धर्म अध्यात्म
परम प्रकाश हैं श्री कृष्ण
क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी
कैसे रखें जन्माष्टमी का व्रत?
जन्माष्टमी मनाने के परम्परागत रूप
गिरिधर म्हारौ सांचो प्रीतम
सच्चे कृष्ण भक्त महर्षि सुपंच सुदर्शन
भगवत्प्राह्रिश्वत में रूपध्यान का महत्त्व
श्रीमद्भागवत का मूॢतमान स्वरूप है
वृंदावन का प्रेम मंदिर
कृष्ण की विविधता
श्रीकृष्ण और मनुष्य
धागों में बंधा रक्षाकवच है रक्षाबंधन
इन्सटेन्ट राखी कितनी सही कितनी गलत?
भारत के गौरव एवं सम्मान का प्रतीक
राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा'
स्वतंत्रता आन्दोलन में महिला लेखनी
राष्ट्र चेतना का महामंत्र 'वन्दे मातरम'
भगतसिंह से जानिए इंकलाब के मायने
मंगल पांडे-जिसने लगाई आजादी की चिंगारी

स्वास्थ्य
बरसाती संक्रमण और देखभाल
सेहत का रखवाला पानी ऐसे पाएं गहरी नींद

ज्योतिष
सूर्य ग्रह का उद्ïभव व सूर्य परिवार
धर्म एवं पूजा-पाठ के पीछे वैज्ञानिक कारण
वास्तुशास्त्र का महत्त्व और योगदान
तलवों मे छिपा भविष्यं
फेंगशुई अपनाएं खुशहाली लाए
अपने गुण स्वयं पहचानें

गुरुवाणी
ध्यान का औचित्यै
चिंता की चिता जला दो
अपने पर विश्वास कीजिए ईश्वर पर नहीं
आध्यात्मिक जीवन के चार उपाय
मृत्यु द्वार है अमृत का

क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी

श्री कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव है।

क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी

3 mins

जन्माष्टमी मनाने के परम्परागत रूप

जन्माष्टमी का पर्व हिंदुओं में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भले ही इस पर्व मनाने के तरीके हर सम्प्रदाय में थोड़े-थोड़े भिन्न हैं, पर भाव बिल्कुल एक ही है कि अपने बाल रूप प्रभु का अन्तर्मन से खूब लाड़ लड़ाना और आनन्दित होना।

जन्माष्टमी मनाने के परम्परागत रूप

4 mins

श्रीमद्भागवत का मूर्तिमान स्वरूप है वृंदावन का प्रेम मंदिर

रसिकों की प्राण - प्रिय स्थली हैश्रीधाम वृंदावन। यहां की परम पावन भूमि पर आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व अनन्त कोटि ब्रह्मांड नायक, सर्वेश्वर, रास - रासेश्वर, लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी आहलादिनी शक्ति राधा रानी ने अनेकानेक दिव्यातिदिव्य प्रेम लीलाएं की थीं।

श्रीमद्भागवत का मूर्तिमान स्वरूप है वृंदावन का प्रेम मंदिर

6 mins

श्रीकृष्ण और मनुष्य

श्री कृष्ण एक ऐसा नाम जिसका नाम लेते ही अंतःकरण पवित्र हो जाता है, रोम-रोम रोमांचित हो जाता है, श्रीकृष्ण वैसे तो ईश्वर हैं परंतु मनुष्य का जीवन कृष्ण ने बड़ी ही खूबसूरती व दृढ़मजबूती के साथ जीया है।

श्रीकृष्ण और मनुष्य

6 mins

धागों में बंधा रक्षाकवच है रक्षाबंधन

सभी त्योहारों में रक्षा बंधन एक अनुठा उत्सव है, जो न तो किसी जयंती से संबंधित है और न ही किसी विजय राज तिलक से। इस त्योहार के तीन नाम हैं- रक्षाबंधन, वष तोड़क और पुण्य प्रदायक पर्व। यद्यपि प्रथम नाम अधिक प्रचलित है। रक्षाबंधन ऐसा प्रिय बंधन है जिसमें हर भाई अपनी बहन के प्यार में बंधना चाहता है। यह बंधन ईश्वरीय बंधन है इसलिए प्रत्येक प्राणी खुशी से बंधने के लिए तैयार रहता है।

धागों में बंधा रक्षाकवच है रक्षाबंधन

8 mins

भारत के गौरव एवं सम्मान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा'

किसी भी देश के लिए उसका राष्ट्रध्वज सम्मान एवं गौरव का प्रतीक होता है।

भारत के गौरव एवं सम्मान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा'

3 mins

स्वतंत्रता आन्दोलन में महिला लेखनी

भारत की आजादी की लड़ाई सब लोग अपने-अपने तरह से लड़ रहे थे। जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं। कई महिलाओं ने अपनी लेखनी को अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई का हथियार बनाया और अपने लेखों, कविताओं से भारत को आजादी दिलवाई।

स्वतंत्रता आन्दोलन में महिला लेखनी

2 mins

बरसाती संक्रमण और देखभाल

भीषण गर्मी के बाद मानसून के मौसम का हर कोई स्वागत करता है। काले-काले बादल, मानसून की पहली बौछार और हवा की नमी से अपने आपको कोई रोक ही नहीं पाता है, लेकिन इस दौरान देर तक गीले कपड़ों व गंदे पानी में रहने से त्वचा पर फंगस और दूसरे संक्रमण पनपने लगते हैं, क्योंकि यह मौसम भी अपने साथ कई बिमारियां लेकर आता है। इसलिए जरूरी हो जाता है कि इस मौसम में हम त्वचा का खास ध्यान रखें।

बरसाती संक्रमण और देखभाल

7 mins

अपने गुण स्वयं पहचानें

कई बार देखा गया है कि कुछ लोग एक या दो प्रतियोगी परीक्षा देकर अथवा नए काम में असफल होकर यह मान लेते हैं कि हम अब कुछ नहीं कर सकते, हमारे लिए सफल होना संभव नहीं है। लेकिन यकीन मानिए आपकी संपूर्ण ऊर्जा अनंत है। बस जरूरत है क्षेत्र विशेष में अपनी प्रतिभा को पहचानने की और उस प्रतिभा को निखारने की।

अपने गुण स्वयं पहचानें

2 mins

चिंता की चिता जला दो

जानना महत्त्वपूर्ण नहीं है, मानना महत्त्वपूर्ण है। कितना सुना- यह महत्त्वपूर्ण नहीं है, उसे कितना जिया - यह महत्त्वपूर्ण है। कितना खाया- यह महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि कितना बचाया- यह महत्त्वपूर्ण है।

चिंता की चिता जला दो

2 mins

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Sadhana Path Magazine Description:

VerlagDiamond Magazines Pvt. Ltd

KategorieHealth

SpracheHindi

HäufigkeitMonthly

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